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प्राइवेट अस्पतालों में अयोग्य डॉक्टरों पर सख्त हुई UP सरकार, डॉक्टरों की फोटो और नंबर चस्पा करने के निर्देश

उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के प्राइवेट अस्पतालों के लिए यह अनिवार्य कर दिया है कि वे डिस्प्ले बोर्ड पर फोन नंबरों के साथ इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर्स की विशेषता के बारे में भी जानकारी देंगे.

प्राइवेट अस्पतालों में अयोग्य डॉक्टरों पर सख्त हुई UP सरकार, डॉक्टरों की फोटो और नंबर चस्पा करने के निर्देश

Thursday October 06, 2022 , 2 min Read

उत्तर प्रदेश के प्राइवेट अस्पतालों में अयोग्य डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और नर्सों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार सख्त हो गई है और उसने इस पर लगाम लगाने के लिए सभी प्राइवेट अस्पतालों के लिए नए दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं.

उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के प्राइवेट अस्पतालों के लिए यह अनिवार्य कर दिया है कि वे अपने यहां काम करने वाले सभी डॉक्टरों की फोटो और फोन नंबर चस्पा करेंगे. ये फोटो ऐसी जगह लगाने होंगे जहां मरीज और उनको अस्पताल लेकर आने वाले आसानी से देख सकेंगे.

इसके अलावा, अस्पतालों को डिस्प्ले बोर्ड पर फोन नंबरों के साथ इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर्स की विशेषता के बारे में भी जानकारी देनी होगी.

एडिशनल चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ. एपी सिंह ने कहा कि डॉक्टरों की डिटेल्स डालने मरीजों को पता चल सकेगा कि क्वालिफाइड डॉक्टर्स उनका इलाज कर रहे हैं. इसके अलावा उन्हें पता होगा कि इमर्जेंसी की हालत में किससे संपर्क करना होगा. अस्पतालों का दौरा करने के दौरान भी हेल्थ ऑफिशियल्स को मदद मिलेगी.

उन्होंने कहा कि अभी तक अस्पतालों को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) द्वारा जारी लाइसेंस रखना होगा, जिसे निरीक्षण के दौरान दिखाना होता है. दरअसल, उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने हाल ही में बड़े पैमाने पर छापेमारी की थी और पाया था कि अस्पतालों में कई अयोग्य डॉक्टर, पैरामेडिक स्टाफ और नर्स काम कर रहे हैं. इसके बाद ही ऐसा कदम उठाया गया.

अधिकारियों ने बताया कि शहर में लाइसेंस वाले करीब 350 अस्पताल और नर्सिंग होम हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा 18 अस्पतालों में छापेमारी के दौरान 10 अस्पतालों में खामियां पाई गईं और उन्हें नोटिस दिया गया. सबसे बड़ी खामी यह पाई गई कि अस्पतालों में इमर्जेंसी मेडिकल ऑफिसर्स अनुपस्थित थे. तीन प्राइवेट अस्पतालों में पैरामेडिकल व नर्सिंग स्टाफ प्रशिक्षित नहीं थे.

इसके अलावा, हरदोई रोड पर दो अस्पतालों के दौरे से पता चला कि डॉक्टर आधुनिक चिकित्सा के अभ्यास के लिए योग्य नहीं थे. उनके पास बीएचएमएस और बीएएमएस की डिग्री थी. डॉ. ए.पी. सिंह ने कहा कि अयोग्य कर्मचारियों द्वारा चलाए जा रहे अस्पतालों के खिलाफ हम विशेष अभियान चला रहे हैं. इसमें लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उनके खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.


Edited by Vishal Jaiswal