Brands
YSTV
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory
search

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

Videos

ADVERTISEMENT

हौसले की अनोखी मिसाल: मेरठ में दिव्यांगों ने खोला रेस्टॉरेंट, शेफ से लेकर डिलीवरी बॉय तक, सभी दिव्यांग

रेस्टॉरेंट, जिसका नाम पंडितजी किचन एण्ड डिलिवरी पॉइंट है, के फाउंडर्स में से एक, अमित कुमार शर्मा ने बताया कि पहल का उद्देश्य अपने क्षेत्र में दिव्यांग समुदाय को सशक्त बनाना है और उन्हें जीविकोपार्जन का अवसर देना है।

हौसले की अनोखी मिसाल: मेरठ में दिव्यांगों ने खोला रेस्टॉरेंट, शेफ से लेकर डिलीवरी बॉय तक, सभी दिव्यांग

Monday January 04, 2021 , 2 min Read

किसी ने सच ही कहा है "हम किसी से कम नहीं"। दिव्यांग समुदाय को सशक्त बनाने के प्रयासों में, उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक रेस्टॉरेंट खोला गया है, जिसमें खाना पकाने की प्रक्रिया से लेकर ग्राहकों तक पहुंचाने तक, सभी चीजें दिव्यांग लोगों द्वारा की जाती है।


रेस्टॉरेंट, जिसका नाम पंडितजी किचन एण्ड डिलिवरी पॉइंट है, के फाउंडर्स में से एक, अमित कुमार शर्मा ने समाचार ऐजेंसी एएनआई से बात करते हुए बताया कि पहल का उद्देश्य अपने क्षेत्र में दिव्यांग समुदाय को सशक्त बनाना है और उन्हें जीविकोपार्जन का अवसर देना है।

"जब महामारी शुरू हुई, तो हम बेरोजगार थे, इसलिए हमने इस रेस्टॉरेंट को शुरू करने का फैसला किया। मुझे लगा कि हमें दिव्यांग लोगों को सशक्त बनाने के लिए रोजगार देना चाहिए। दो दिव्यांग महिलाएं खाना पकाती हैं और पांच दिव्यांग पुरुषों द्वारा स्कूटर पर खाने की डिलीवरी की जाती हैं। हमें किसी मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ा।” शर्मा ने एएनआई को बताया।


रेस्टॉरेंट के दूसरे फाउंडर गौतम ने कहा कि वे फूड डिलिवरी ऐप का उपयोग करने से परहेज कर रहे थे क्योंकि वे उस मिशन को बदलना नहीं चाहते थे जिसके साथ उन्होंने रेस्टॉरेंट खोला था।


उन्होंने बताया, "हम अभी भी बिजनेस की शुरूआती स्टेज में हैं और रेस्टॉरेंट की स्थापना कर रहे हैं। इस नए वेंचर में जाने का हमारा मुख्य उद्देश्य दिव्यांग लोगों के लिए एक प्लेटफॉर्म प्रदान करना था ताकि वे आत्मनिर्भर और सशक्त बन सकें। हम फूड डिलिवरी ऐप्स के साथ टाई-अप नहीं करना चाहते हैं क्योंकि यह हमें हमारे मिशन से दूर ले जा सकता है।”


कर्मचारी भी इस नए वेंचर से खुश लग रहे थे। एक कर्मचारी ने कहा, "हम लोगों को हमें दया से देखते हुए थक गए हैं। इस रेस्टॉरेंट ने हमारी मदद की है, ताकि हम आत्मनिर्भर बन सकें, और अब हम केवल स्वयं पर निर्भर हैं। हम भी कुछ करना चाहते हैं। मैं इस तरह का अवसर पाकर कृतज्ञ हूं।"