मई-सितंबर तिमाही में UPI का आंकड़ा 38,320 अरब पार
डिजिटलीकरण पर जोर के साथ देश में डिजिटल लेन-देन तेजी से बढ़ रहा है. इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस), डेबिट और क्रेडिट कार्ड तथा मोबाइल वॉलेट जैसे प्रीपेड पेमेंट्स प्रोडक्ट्स के माध्यम से 38,320 अरब रुपये के डिजिटल लेन-देन (digital transaction) हुए हैं. फिनटेक कंपनी वर्ल्डलाइन इंडिया ने एक रिपोर्ट में यह कहा. मूल्य और मात्रा दोनों हिसाब से डिजिटल लेन-देन में यूपीआई आधारित लेन-देन का दबदबा है. तीसरी तिमाही के लिये इंडिया डिजिटल भुगतान रिपोर्ट के अनुसार यूपीआई के जरिये कुल 32,500 अरब रुपये के 19.65 अरब लेन-देन हुए.
रिपोर्ट में कहा गया है, "सालाना आधार पर लेन-देन संख्या और मूल्य दोनों लगभग दोगुने हुए हैं. संख्या के मामले में 2022 की तीसरी तिमाही में 88 प्रतिशत और मूल्य के मामले में 71 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है."
वर्ल्डलाइन के सीईओ रमेश नरसिम्हन ने कहा, "डिजिटल भुगतान धीरे-धीरे... हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन रहा है. प्रत्येक तिमाही के साथ डिजिटल भुगतान तेजी से बढ़ रहा है. यूपीआई, कार्ड, प्रीपेड भुगतान उत्पाद जैसे लोकप्रिय भुगतान साधन पहले से ही एक तिमाही में 23 अरब से अधिक लेनदेन हो रहे हैं."
रिपोर्ट के अनुसार मुंबई, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश शीर्ष पांच राज्य हैं, जहां सबसे अधिक डिजिटल लेन-देन हुए. सूची में बेंगलुरु सबसे ऊपर है.
वेंचर कैपिटल फर्म लिंक्डइन पर InvestyWise का डेटा शेयर करते हुए वॉल्यूम बनाम वैल्यू के (अगस्त, 2022 तक के रिटेल पेमेंट्स के) आंकड़े शेयर किए.
की मैनेजिंग डायरेक्टर वाणी कोला नेडेटा के मुताबिक, भारतीयों ने 4.6% वॉल्यूम के NEFT ट्रांजेक्शन किए, जिनकी वैल्यू 51.2% थी. 72.1% वॉल्यूम के UPI ट्रांजेक्शन किए, जिनकी वैल्यू 20.9% थी. 0.6% वॉल्यूम के पेपर-बेस्ड ट्रांजेक्शन की वैल्यू 10.7% थी. 5.1% वॉल्यूम के IMPS ट्रांजेक्शन की वैल्यू 8.7% थी. 3.3% वॉल्यूम के NACH ट्रांजेक्शन की वैल्यू 4.5% थी. क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शन की वॉल्यूम 2.7% थी और इनकी वैल्यू 2.2% थी. डेडिट कार्ड ट्रांजेक्शन की वॉल्यूम 3.3% थी और इनकी वैल्यू 1.2% थी. वॉलेट्स की वॉल्यूम 5.3% थी और इनकी वैल्यू 0.4% थी. अन्य ट्रांजेक्शन की वॉल्यूम 2.9% थी और इनकी वैल्यू 0.32% थी.
वहीं, भारत के सबसे बड़े ब्रांचलेस बैंकिंग और डिजिटल नेटवर्क
ने मंगलवार को घोषणा की है कि वर्ष 2022 में भारत भर के सभी अर्ध-शहरी और ग्रामीण स्टोर्स में सहायता प्राप्त वित्तीय लेन-देन के मूल्य में 25% और मात्रा में 14% की वृद्धि हुई है. यह वृद्धि इन इलाकों के उपभोक्ताओं के व्यवहार और आदतों में हुए बदलाव को दर्शाती है, ज़्यादा से ज़्यादा नागरिक अपनी बैंकिंग और जीवनशैली से जुड़ी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए सहायता प्राप्त डिजिटल साधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं और औपचारिक वित्त व्यवस्था में जुड़ रहे हैं.PayNearby ने अपनी पैन-इंडिया रिपोर्ट ‘रिटेल-ओ-नॉमिक्स’ के दूसरे एडिशन में 'असिस्टेड फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन' पर विस्तृत विश्लेषण जारी किया. रिपोर्ट के मुताबिक, अर्ध शहरी और ग्रामीण स्टोर्स में यूपीआई लेनदेन में 650% की वृद्धि हुई है. रिटेल काउंटर्स के ज़रिए सहायता प्राप्त वित्तीय लेन-देन के मूल्य में 25% की वृद्धि और मात्रा में 14% की वृद्धि हुई है. माइक्रो एटीएम और MPOS उपकरणों की मांग में 25% की वृद्धि के साथ वित्तीय संस्थानों और NBFC के EMI कलेक्शन्स में 200% से अधिक की तीव्र वृद्धि दर्ज की गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय दुकानों पर बिल भुगतान सेवा के मूल्य में 12% और मात्रा में 10% की वृद्धि देखी गई. इसके साथ ही सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए डिजिटल लोन में 263% की वृद्धि दर्ज की गई है.