अनोखे आइडिया से 'अर्बन क्लैप' स्टार्टअप बन गया करोड़ों के टर्नओवर वाली कंपनी
आईआईटी की पढ़ाई करने के बाद मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी, फिर बिजनेस में असफलता, लेकिन बाद में तीन दोस्तों ने अपनी मजबूत इच्छाशक्ति और अनोखे आइडिया वाले स्टार्टअप को तीस लाख रुपए से शुरू कर चालीस करोड़ रुपए से अधिक की पूंजी वाली कंपनी 'अर्बन क्लैप' में तब्दील कर दिया।
स्टार्टअप आइडिया का खेल है। जिसका आइडिया, जितना कैची, उसका स्टार्टअप उतना अव्वल। कंपनी बनते समय पूंजी से पहले आइडिया का जन्म होता है फाउंडर के दिमाग में। दिल्ली के अभिराज, वरुण खेतान और राघव चंद्रा का 'अर्बन क्लैप' उनके एक ऐसे आइडिया का ही कमाल है, जो हर शहर, हर घर की जरूरतों में शामिल है, लेकिन इन तीनो दोस्तों ने बढ़ईगीरी के आइडिया वाले अपने टारगेट को कंपनी के प्लेटफार्म तक पहुंचा दिया। आज इस कंपनी से तीस हजार सेवा प्रदाता और पांच हजार से अधिक आम लोग जुड़ गए हैं और 'अर्बन क्लैप' सालाना टर्नओवर करोड़ों रुपए तक पहुंच चुका है।
'अर्बन क्लैप' के फाउंडर सीईओ अभिराज बताते हैं कि वर्ष 2014 की बात है, स्टार्टअप की शुरुआत से पहले एक दिन उनको अपने घर में बढ़ई से कुछ काम कराना था। जिस भी बढ़ई को बुलाएं, वो आए ही नहीं। एक आया भी तो खाली हाथ झुलाते हुए। तब पता चला कि ये तो हद है, अपने ही पेशे के साथ ऐसी लापरवाही, तभी तो ये रोजगार के लिए परेशान रहते हैं।
उसके बाद बढ़ई के काम को ही अपना बिजनेस आइडिया टारगेट किया और कुछ दिन बाद उस पर उन्होंने अपने दो दोस्तों वरुण और राघव को साथ लिया। अलग-अलग कार्यक्षेत्र से जुड़े सैकड़ों लोगों से बातचीत, राय-मशविरे के बाद इस पेशे के पचास-साठ लोगों को संगठनित किया। इसके साथ ही गुड़गांव में कमीशन बेस मॉडल के साथ शुरुआती 30-32 लाख रुपए की लागत से 'अर्बन क्लैप' स्टार्टअप की नींव पड़ गई।
'अर्बन क्लैप' की शुरुआत से पहले तीनो दोस्त अभिराज, वरुण और राघव इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट की आईआईटी कानपुर से पढ़ाई पूरी करने के बाद मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी कर रहे थे। बिजनेस का मूड बना। अभिराज वरुण ने नौकरी छोड़कर 'सिनेमाबॉक्स' नाम से बिजनेस किया और राघव ने 'बग्गी डॉट इन'। उसमें सफलता नहीं मिली। वे निराश नहीं हुए। स्ट्रगल करने लगे लेकिन आज चालीस करोड़ की पूंजी वाली 'अर्बन क्लैप' से शुरुआत में ही दिन बहुर गए। करोड़ों की फंडिंग भी मिली। आज वे 80 से अधिक सेवाओं के लिए प्रोफेशनल मुहैया करा रहे हैं। शुरुआत में केवल योग ट्रेनर, वेडिंग फोटोग्राफर और ब्यूटीशियन की सेवाएं देते थे। अब बढ़ई, प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन, पेस्ट कंट्रोल, क्लीनिंग प्रोफेशनल्स, शिक्षक समेत कई सेवाएं मुहैया करा रहे हैं।
आज 'अर्बन क्लैप' के फाउंडर तीनो दोस्तों ने गुड़गांव से बिजनेस शुरू कर अपने फ्लेटफॉर्म का दिल्ली, चेन्नई, बंगलूरू, मुंबई, पुणे, हैदराबाद तक का विस्तार कर दिया है। वे बताते हैं कि हर घर को प्रोफेशनल्स की जरूरत होती है। किसी कार पेंटर, प्लंबर, इलेक्ट्रीशियन चाहिए तो किसी को पेस्ट कंट्रोल, वेडिंग फोटोग्राफर, फिटनेस, कोचिंग क्लास, ब्यूटीशियन या क्लीनिंग प्रोफेशनल, जिनके आसानी से उपलब्ध न होने पर लोग झुंझला जाते हैं। अब 'अर्बन क्लैप' उन्ही बहुधंधी किस्म की मुश्किलों का समाधान दे रहा है।
तीनो दोस्तों के आइडिया और मेहनत का ही कमाल है कि रोजमर्रा की जरूरतों वाला इस असंगठित कार्यक्षेत्र को देश के आधा दर्जन से अधिक महानगरों एक व्यवस्थित सर्विस मार्केट में तब्दील कर दिया है।