पेट्रोल पंप ऑन व्हील्स: सिर्फ 2 साल में 70,000 रुपये से बढ़कर 2 करोड़ रुपये का कारोबार कर रहा है यह स्टार्टअप
जो कोई भी स्टार्टअप शुरू करने का फैसला करता है उसे पहले से ही पता होता है कि इसमें कितना संदेह और अनिश्चितता होती है। केवल उनके लिए ही नहीं जो पहले से स्टार्टअप में हैं बल्कि उनके लिए भी ये काफी संदेह से भरा रहता है जो विशेष रूप से युवा हैं और बहुत कुछ नया करना चाहते हैं।
अदिति भोसले वालुंज और चेतन वालुंज की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। रिपोस एनर्जी (Repos Energy) के पीछे इसी पति-पत्नी की जोड़ी का दिमाग है। रिपोस एनर्जी पुणे स्थित एक स्टार्टअप है जो लगभग 65 भारतीय शहरों में डीजल की डोर-टू-डोर डिलीवरी करता है। यह स्टार्टअप IoT, क्लाउड व आसान और कुशल पेमेंट सिस्टम के जरिए इसे सक्षम बना रहा है। एक तरह से ईंधन सप्लाई करने का Swiggy या Zomato है। इस स्टार्टअप को किसी और का नहीं बल्कि खुद उद्योगपति और परोपकारी रतन टाटा का समर्थन मिला है।
रिपोज एनर्जी ने चक्रवाती तूफान फानी के दौरान ओडिशा सरकार की काफी सहायता की थी। इस स्टार्टअप ने बाउजर (मोबाइल पेट्रोल पंप) भेजकर और रेस्क्यू स्पीडबोट्स में फिर से ईंधन भरने के अपने इनोवेटिव आइडिया से सरकार की मदद की थी।
अपने स्पेस में अग्र-दूत, इन उद्यमियों ने एक लाभदायक व्यवसाय तैयार किया है। ये अपने उपभोक्ताओं को बेइमानी से बचाते हैं। बड़े उपभोक्ताओं को अक्सर ईंधन खरीद के समय 8-10 प्रतिशत का नुकसान होता है। संस्थापक बताते हैं, "यह पारिस्थितिकी तंत्र के सभी प्रमुख हितधारकों के लिए वन-स्टॉप सलूशन है।" वे बताते हैं कि डेड माइलेज, स्पिलेज, पाइलफेरेज और ईंधन की मिलावट से होने वाले नुकसान को समाधान के साथ दूर किया जा सकता है।
उद्योगों को टिकाऊ ईंधन और आसानी से खरीद करने में मदद करने के अलावा उनका उद्देश्य हानिकारक कार्बन फुटप्रिंट्स को कम करने, ऊर्जा की बचत, दक्षता में वृद्धि और ऊर्जा वितरण के आयोजन जैसी वैश्विक चुनौतियों का समाधान करना भी है।
एक महत्वपूर्ण मोड़ - रतन टाटा का समर्थन हासिल करना
इस जोड़ी के लिए सबसे बड़ा सपोर्ट एक अप्रत्याशित स्रोत से आया। वो सपोर्ट था उद्योगपति और निवेशक रतन टाटा का। रतन टाटा ने उनके स्टार्टअप में एक अनडिस्कलोज्ड अमाउंट इन्वेस्ट की जिससे स्टार्टअप को स्केल करने में मदद मिली।
वे याद करते हुए कहते हैं,
“रतन टाटा से मिलना एक शानदार अनुभव था। हमारी पहली बैठक में, उन्होंने हमें हमारे आइडिया के लिए अपना समर्थन देने का आश्वासन दिया, और जब हमरा सलूशन जमीन पर तैयार हुआ, तो हमें उनका फुल सपोर्ट मिला।"
अमेजॉन और फ्लिपकार्ट के नक्शेकदम पर
2017 में, सरकार ने एक बड़ी पहल शुरू की जब पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने डीजल और पेट्रोल की होम डिलीवरी शुरू करने की घोषणा की। इस कदम का उद्देश्य ईंधन स्टेशनों पर लंबी कतार में कटौती करना और इस क्षेत्र में डिजिटल लेनदेन को बढ़ाना था।
तेल कंपनियों के लिए ईकॉमर्स जैसा मॉडल खोलने के साथ-साथ, यह आइडिया स्वाभाविक रूप से उद्यमियों के लिए एक नई संभावना थी। रिपोस एनर्जी को जून 2017 में लॉन्च किया गया था। यह ईंधन वितरण मॉडल (fuel delivery model) में उद्यम करने वाली पहली कंपनी थी, इसने लोगों के घर डीजल डिलीवरी के माध्यम से ऊर्जा को वितरित करने के तरीके को ही बदल दिया।
नाम रिपोस, दो शब्दों को अपने आप में समाहित किए हुए है "अनवरत और सकारात्मक", ये शब्द इस स्टार्टअप की अब तक की यात्रा का सार हैं। 28 वर्षीय अदिति और 30 वर्षीय चेतन के लिए अमेजॉन की डोर-टू-डोर डिलीवरी से ये आइडिया आया था। अदिति एक केमिकल साइंस और फोरेंसिक साइंस प्रमुख हैं तो वहीं 30 वर्षीय चेतन एक इंजीनियर हैं। चेतन पुणे में अपने पिता के पेट्रोल पंप व्यवसाय को संभाल रहे थे।
पति-पत्नी की जोड़ी कहती है,
"हमारा उद्देश्य तकनीक के माध्यम से आखिरी उपभोक्ता तक सुविधा का विस्तार करना और पेट्रोल पंप मालिकों को भी सक्षम बनाना है।"
वे बताते हैं,
“स्टार्टअप रिपोस रीटेल पेट्रोल पंप (आरपीपी) के साथ एक रिटेल आउटलेट्स प्रदान करता है। यह उन्हें बड़ी तादात में ग्राहकों के घर जाकर डिलीवरी करने में सक्षम बनाता है। इसके अलावा, ये मोबाइल पेट्रोल पंप (RPP) रिपोस एनर्जी के ऐप के साथ जुड़े होते हैं, जिसके जरिए कस्टमर ईंधन (फ्यूल) का ऑर्डर करता है और बताई गई लोकेशन पर डिलीवरी करवाता है।"
डीजल डिलीवरी कंपनी 25 पैसे से लेकर 2 रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त लेती है। 500 लीटर से कम की डिलीवरी, सिस्टम बेस्ड एल्गोरिथ्म के अनुसार चार्ज की जाती है। ये डिलीवरी क्वांटिटी, दूरी और समय पर निर्भर करता है।
आगे सकारात्मक रास्ता
रिपोस एनर्जी की टीम में 150 से अधिक लोग हैं। रिपोस एनर्जी डिमांड साइड और जरूरतों के बीच मौजूदा अंतर को कम कर रही है। इसके अलावा प्रोडक्ट और सॉफ्टवेयर में तकनीकी प्रगति का उपयोग करके सप्लाई साइड में आ रही अड़चनों को दूर कर रही है। स्टार्टअप पहले से ही भारत भर में 150 से अधिक रिटेल आउटलेट्स के साथ जुड़ा हुआ है ताकि डोरस्टेप डीजल डिलीवरी सलूशन प्रदान किया जा सके।
अदिति और चेतन कहते हैं,
“300 थोक उपभोक्ता डीजल की होम डिलीवरी प्राप्त करने के लिए रिपोस प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहे हैं। लगभग 2 से 2.5 लाख लीटर डीजल प्रति माह केवल पुणे में रिपोस प्लेटफॉर्म के माध्यम से बेचा जाता है। हमारा राजस्व मॉडल ग्रोस मार्जिन (2.2 रुपये) में है, जिसे हम पेट्रोल पंप मालिकों के साथ साझा करते हैं। इसके अलावा, एक कन्वीनियंस फीस भी है, जो दूरी, समय और ऑर्डर क्वांटिटी जैसे एल्गोरिदम के आधार पर पर सिस्टम से तय होती है।”
रिपोस एनर्जी ने अपनी स्थापना के बाद से ही सीधी ग्रोथ देखी है। हालांकि फिर भी, प्रारंभिक चरण, इस दंपत्ति के लिए आसान नहीं था। जैसा कि ये सलूशन अपने आप में नया था इसलिए अदिति और चेतन के सामने पहली चुनौती ग्राहकों को अपने इस सलूशन के बारे में समझाना था। कई लोगों ने उन्हें हतोत्साहित किया क्योंकि तेल भारत में एक उच्च विनियमित व्यवसाय है, और इसे एक ऐसे क्षेत्र के रूप में माना जाता है जिसे बहुत सारे सरकारी नियमों का सामना पड़ता है। आम राय के विपरीत, संस्थापकों को सरकार से और उद्योग से "अपार समर्थन मिला"।
वे कहते हैं,
"हम एक ऐसा स्टार्टअप बन गए हैं जो एक तिमाही के भीतर भारत के 50 से अधिक शहरों तक पहुंच गया है।"
आज, रिपोस के पास कई बड़े क्लाइंट हैं जिनमें लार्सन एंड टुब्रो, टाटा ग्रुप, महिंद्रा एंड महिंद्रा, शिंडलर, जेडब्ल्यू मैरियट होटल, फीनिक्स मॉल, द वेस्टिन होटल और जनरल इलेक्ट्रिकल जैसे कुछ नाम शामिल हैं। दंपति का दावा है कि उन्हें भारत में डोरस्टेप डीजल डिलीवरी की नीति तैयार करने के लिए टास्क फोर्स के सदस्य होने के लिए आमंत्रित किया गया था।
एमएसएमई और ग्रामीण भारत के विकास को बढ़ावा देना
वे कहते हैं, "वैल्यू के संदर्भ में, हमारा टर्नओवर महज 70,000 रुपये से बढ़कर लगभग 2 करोड़ रुपये प्रति माह हो गया है।" पति-पत्नी की जोड़ी अगले पांच साल में 32,000 पार्टनर पंपों के साथ इस मॉडल को दोहराने की योजना बना रही है।
टीम रिपोस का प्लान अगले पांच वर्षों में रिपोस प्लेटफॉर्म से एक दिन में 16 करोड़ लीटर डीजल की बिक्री करना है। उद्यमी जोड़े के अनुसार, भारत में कुल दैनिक डीजल खपत का यह लगभग 65 प्रतिशत होगा। वे कहते हैं, "हम तो इसे अगले 18 महीनों में ही हासिल करने की उम्मीद करते हैं।"
अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को हासिल कर रहे इस स्टार्टअप के लिए टाटा मोटर्स द्वारा किया गया समर्थन निस्संदेह एक बढ़ावा है। फिर भी, यह उनके लिए सिर्फ पहला मील का पत्थर है। विस्तार करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि व्यवसायों को ईंधन की खरीद और प्रबंधन में नुकसान या असुविधा का सामना नहीं करना पड़ता है, इसके लिए यह ईंधन वितरण स्टार्टअप निवेश की ओर भी देख रहा है।
सीरीज ए फंडिंग के अगले राउंड की ओर देख रहे दंपति का कहना है, "हम निकट भविष्य में फंड जुटाने की योजना बना रहे हैं।" उनका उद्देश्य? पूरे भारत में दूरस्थ और ग्रामीण स्थानों में व्यवसायों की ईंधन आवश्यकताओं को पूरा करने के लक्ष्य के साथ देश के सभी संभावित खुदरा ईंधन आउटलेट्स के लिए रिपोस सलूशन प्रदान करना है। उन्हें उम्मीद है कि यह बदले में एमएसएमई क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देगा और क्षेत्र में रोजगार के अधिक अवसर पैदा करेगा।