Google पर अमेरिकी न्याय विभाग ने किया मुकदमा, इस वजह का दिया हवाला
Google के खिलाफ यह मुकदमा, वर्जीनिया के एलेक्जेंड्रिया में फेडरल कोर्ट में दाखिल किया गया है.
अमेरिकी न्याय विभाग (US Justice Department) और 8 राज्यों ने मंगलवार को
के खिलाफ प्रतिस्पर्धा-रोधी कारोबारी गतिविधियों के चलते मुकदमा दायर किया. मुकदमे में ऑनलाइन विज्ञापन के पूरे इकोसिस्टम पर गूगल के कथित एकाधिकार को तोड़ने की मांग की गई है और आरोप लगाया गया है कि इससे विज्ञापनदाताओं, उपभोक्ताओं और यहां तक कि अमेरिकी सरकार को भी नुकसान पहुंच रहा है.सरकार ने शिकायत में आरोप लगाया कि गूगल, अधिग्रहण के जरिए ऑनलाइन विज्ञापन बाजार में प्रतिद्वंद्वियों को बेअसर या खत्म करना चाहती है. गूगल की प्रतिस्पर्धा-रोधी प्रैक्टिसेज के चलते विज्ञापनदाताओं के लिए दूसरे प्रतियोगियों की पेशकश का उपयोग करना मुश्किल हो रहा है.
इनोवेशन को रोकते हैं एकाधिकार
गूगल के खिलाफ यह मुकदमा, वर्जीनिया के एलेक्जेंड्रिया में फेडरल कोर्ट में दाखिल किया गया है. एसोसिएटेड प्रेस (AP) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'एकाधिकार से, मुक्त और निष्पक्ष बाजारों को नुकसान पहुंचता है, जिस पर हमारी अर्थव्यवस्था आधारित है. वे इनोवेशन को रोकते हैं. वे उत्पादकों व श्रमिकों को नुकसान पहुंचाते हैं और वे उपभोक्ताओं के लिए लागत बढ़ाते हैं.'
मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि Google, प्रतिस्पर्धियों को बाहर कर विज्ञापनों को ऑनलाइन पेश करने के तरीके पर अवैध रूप से एकाधिकार कर रही है. इसमें 2007 में एक प्रमुख विज्ञापन सर्वर DoubleClick का अधिग्रहण और बाद में एक ऐसी टेक्नोलॉजी का रोलआउट शामिल है, जो वेब पेजों पर दिखाए जाने वाले विज्ञापनों के लिए स्प्लिट-सेकंड बिडिंग प्रक्रिया को लॉक कर देती है.
क्या कहना है गूगल का
माना जा रहा है कि अमेरिका में अब बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों पर लगाम लगाने की कवायद की जा रही है. गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट इंक ने एक बयान में कहा कि यह मुकदमा इनोवेशन को धीमा कर देगा, विज्ञापन शुल्क बढ़ाएगा और हजारों छोटे व्यवसायों व प्रकाशकों की वृद्धि को कठिन बना देगा. इस समय गूगल की आमदनी में डिजिटल विज्ञापन की 80 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
भारत में भी Google झेल रही है झटका
बता दें कि भारत में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने गूगल पर 1337 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. एंड्रायड मोबाइल डिवाइस इकोसिस्टम में अपनी मजबूत स्थिति का कथित तौर पर दुरुपयोग करने को लेकर गूगल पर यह जुर्माना लगाया गया. कंपनी ने जुर्माने पर अंतरिम रोक के लिए गुहार लगाई थी, जिसे राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय प्राधिकरण (एनसीएलएटी) ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. इसके बाद गूगल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी की उस याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है, जिसे एनसीएलएटी के आदेश के खिलाफ दायर किया गया है. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने गूगल को सीसीआई की ओर से लगाए गए जुर्माने का 10 प्रतिशत हिस्सा जमा कराने के लिए 7 दिन का समय दिया है. शीर्ष अदालत ने एनसीएलएटी से कहा है कि वह सीसीआई के आदेश के खिलाफ गूगल की अपील पर इस साल 31 मार्च तक फैसला करे.
Edited by Ritika Singh