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यूजर पहचान पाएंगे मशीन और इंसान के लिखे कंटेंट में फर्क, ये टूल करेगा मदद

ChatGPT बनाने वाली कंपनी OpenAI ने यूजर को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) के जरिए क्रिएट किए गए कंटेंट की पहचान करने में मदद करने के लिए "फ्री" टूल लॉन्च किया है. जानिए कैसे काम करता है यह टूल...

यूजर पहचान पाएंगे मशीन और इंसान के लिखे कंटेंट में फर्क, ये टूल करेगा मदद

Friday February 03, 2023 , 3 min Read

ChatGPT आपके लिए निबंध, यूट्यूब वीडियो की स्क्रिप्ट, कवर लेटर, बायोग्राफी, छुट्टी की एप्लीकेशन आदि लिख सकता है. इसे OpenAI स्टार्टअप द्वारा डेवलप किया गया है. यह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) पर काम करने वाला नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग टूल है.

OpenAI, जिसने ChatGPT के अलावा Dall-E की बनाया है, ने हाल ही में एक नए टूल की घोषणा की है जो AI-लिखित सामग्री (कंटेंट) का पता लगाने में मदद करेगा. कंपनी का कहना है कि यह "AI द्वारा लिखे गए टेक्स्ट और इंसान द्वारा लिखे गए टेक्स्ट के बीच फर्क कर सकता है".

कंपनी ने कहा है, "हमने AI द्वारा लिखे गए टेक्सट और इंसान द्वारा लिखे गए टेक्सट के बीच अंतर करने के लिए एक क्लासिफायर (Classifier) तैयार किया है."

कैसे काम करता है टूल?

क्लासिफायर के रूप में डब किया गया, नया टूल उपयोग में आसान है. इस टूल का उपयोग करने के लिए आपके पास OpenAI अकाउंट होना चाहिए. बस टेक्सट को पेस्ट करें और अगर इसे AI की मदद से लिखा गया है तो यह आपको बता देगा. टूल 'फ्री' में उपलब्ध है.

OpenAI ने एक ही विषय पर इंसान द्वारा लिखे गए टेक्सट और AI-लिखित टेक्स्ट के डेटासेट का उपयोग करके क्लासिफायर बनाया है. कंपनी ने इस डेटासेट को इंसान द्वारा लिखे गए सॉर्सेस और InstructGPT को दिए गए संकेतों से मिले अलग-अलग सॉर्सेस से एकत्र किया.

कंपनी ने कहा, "हमने प्रत्येक टेक्सट को एक संकेत और एक प्रतिक्रिया में विभाजित किया है. इन संकेतों पर हमने अपने और अन्य संगठनों द्वारा प्रशिक्षित विभिन्न भाषा मॉडलों से प्रतिक्रियाएँ तैयार कीं. हमारे वेब ऐप के लिए, हम झूठी सकारात्मक दर को कम रखने के लिए विश्वास सीमा को समायोजित करते हैं; दूसरे शब्दों में, यदि क्लासिफायर बहुत आश्वस्त है, तो हम केवल टेक्स्ट को संभावित एआई-लिखित के रूप में चिह्नित करते हैं."

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सांकेतिक चित्र (freepik)

इस बात का रखें खास खयाल...

क्लासिफायर बनाने वाली कंपनी ने चेतावनी दी है कि क्लासिफायर पूरी तरह से विश्वसनीय नहीं है और इसे कंटेंट के सॉर्स को निर्धारित करने के लिए "प्राथमिक निर्णय लेने वाले टूल" के रूप में उपयोग नहीं किया जाना चाहिए.

क्लासिफायर के मूल्यांकन के दौरान, यह पाया गया कि क्लासिफायर ने "AI-लिखित टेक्स्ट के 26% (सच्चे सकारात्मक) को "संभावित AI-लिखित" के रूप में सही ढंग से पहचाना, जबकि गलत तरीके से इंसान द्वारा लिखे गए टेक्स्ट को AI-लिखित 9% बार (झूठा सकारात्मक) बताया. कंपनी का कहना है कि इनपुट टेक्स्ट की लंबाई बढ़ने के साथ टूल की विश्वसनीयता में सुधार होता है.

कंपनी के अनुसार क्लासिफायर 1,000 कैरेक्टर से कम के कंटेंट के लिए अविश्वसनीय है. कभी-कभी, क्लासिफायर द्वारा लंबे टेक्स्ट को भी गलत करार दिया जा सकता है. टूल में अभी कुछ और कमियां भी है, जैसे कभी-कभी इंसान द्वारा लिखे गए टैक्स्ट को AI-लिखित टैक्स्ट के रूप में लेबल किया जा सकता है.

आपको बता दें कि Sam Altman नाम के एक शख्स ने एलन मस्क (Elon Musk) के साथ मिलकर के साल 2015 में ChatGPT को शुरू किया था. हालांकि जब इसकी शुरुआत की गई थी तभी यह एक नॉन-प्रॉफिट कंपनी थी लेकिन बाद में एलन मस्क ने इस प्रोजेक्ट को बीच में ही छोड़ दिया. इसके बाद माइक्रोसॉफ्ट ने इसमें खूब पैसा लगाया और 30 नवंबर, 2022 को प्रोटोटाइप के तौर पर इसे लॉन्च किया गया.

Google अब ChatGPT को टक्कर दे सकती है. हालांकि, कंपनी ने OpenAI के इस सफल प्रोडक्ट से पहले ही LaMDA और Flamingo जैसे संवाद के लिए अनुकूलित बड़े लैंग्वेज मॉडल दिखाए हैं. Meena नाम से, Google ने पहले ही एक चैटबॉट तैयार किया था, जो 2020 के अंत तक मनुष्यों के साथ विश्वसनीय बातचीत कर सकता था.