‘वैक्सीनेशन और डबल-मास्क’ ही कोविड से बचने का रामबाण इलाज है: डॉ. रितेश मलिक
Innov8 Coworking के फाउंडर और सीईओ डॉ. रितेश मलिक ने YourStory की फाउंडर और सीईओ श्रद्धा शर्मा के साथ एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कोरोनावायरस से जुड़े अहम मुद्दों पर खुलकर बात की।
डॉक्टर रितेश मलिक, जो कि Innov8 Coworking के फाउंडर और सीईओ हैं, दिल्ली में अपने परिवार के स्वामित्व वाले अस्पताल Radix Healthcare में कोविड-19 से लड़ाई की अग्रिम पंक्ति में रहे हैं। YourStory की फाउंडर और सीईओ श्रद्धा शर्मा के साथ इस इंटरव्यू में उन्होंने कोरोनावायरस (कोविड-19) से जुड़े तमाम सवालों के जवाब देते हुए लोगों से अपील की कि वे जल्द-से-जल्द वैक्सीन लगवाएं। ये पूरी तरह से सुरक्षित है और साथ ही उन्होंने डबल-मास्क लगाने की भी सलाह दी।
ज़रूरी है कोविड की चेन को तोड़ना
डॉ. रितेश मलिक ने सबसे जरुरी बात ‘कोविड की चेन’ को तोड़ने के लिए कदम उठाने को लेकर कही है। उन्होंने कहा, “सभी के लिए जरूरी है कि वे घर में ही रहे। ये वायरस अनदेखा दुश्मन है। खुद को इस वायरस की चपेट में आने से बचाएं। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर न जाएं। शादी जैसे कार्यक्रमों में खुद भी न जाएं और परिवार के लोगों को भी न जानें दें। उन्हें समझाएं कि इस वक्त घर से बाहर निकलना घातक है, क्योंकि वायरस म्यूटेट होकर अब हवा में फैल रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, “सैनेटरी बबल बनाएं। डबल मास्क लगाएं। दो के बजाए तीन गज़ की दूरी बनाकर रखें। सैनेटाइज़र का प्रयोग करें। आने वाले डेढ़-दो महीने तक अधिक से अधिक सावधानी बरतें। जल्द ही आंकड़ों का ग्राफ नीचे आएगा।”
कैसे करें डायग्नोसिस?
डॉ. मलिक ने कहा, “कोविड का मतलब कोरोनावायरस वो डिजीज़ है, जो कि चीन के वुहान शहर से शुरू हुई थी। वर्तमान में भारत में युद्ध जैसे हालात हैं, रोजाना पौने तीन हजार के करीब मौतें हो रही है।”
खुद के डॉक्टर हैं आप
बुखार, सूखी खांसी और थकान सबसे आम लक्षण हैं। यदि ये आप में है, तो आपको कोविड होने की संभावना है, इसलिए खुद को आइसोलेट कर लें। अपने परिवार से अलग रहें। अगर इसने परिवार के सभी सदस्यों को अपनी चपेट में ले लिया तो मानसिक संतुलन बिगड़ जाएगा और हर कोई तनाव में आ जाएगा।
गर्मियों में सीजनल वायरल होता है, बुखार, खांसी को हल्के में न लें, बिलकुल भी लापरवाही न बरतें। तुरंत आइसोलेशन में जाएं।
RT-PCR, RAT टेस्ट कराएं। सीटी स्कैन कराएं। डॉक्टर से प्रेसक्रिप्शन लेकर जरूरी दवाएं लें।
इम्यूनिटी का है खेल, ऐसे बढ़ाएं इम्यूनिटी
डॉक्टर रितेश के अनुसार वायरस से लड़ने का सारा खेल इम्यूनिटी पर निर्भर है। जितनी इम्यूनिटी बेहतर होगी, उतना ही जल्दी आप इसे हरा पाएंगे।
इम्यूनिटी बढ़ाने वाले अहम कारकों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, “खुद को जितना हो सके, हाइड्रेट रखें अर्थात ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पिएं। अनार, बीटरूट, मौसमी आदि जैसे फलों का ज्यूस पिएं।”
ये दवाएं होंगी मददगार साबित
यह एंटीबायोटिक दवाओं (जैसे एज़िथ्रोमाइसिन - Azithromycin), फैबिफ्लू - Fabiflu (एंटी-वायरल), और बहुत सारे विटामिन का एक मूल आहार है। एंटीबायोटिक (under prescription) का मकसद सुपर संक्रमण या माध्यमिक संक्रमण को रोकना है।
आपको जिंकोविट - Zincovit (मल्टीविटामिन और मल्टीमिनरल सप्लीमेंट) और लिमसी - Limcee (विटामिन सी सप्लीमेंट) जैसी पानी में घुलने वाली दवाएं लेनी होंगी। मोंटेयर-एलसी - Montair-LC (दो दवाओं का एक संयोजन: लेवोसेटिरिज़िन और मोंटेलुकास्ट - Levocetirizine and Montelukast, जो छींकने और बहती नाक से छुटकारा दिलाता है), और खांसी की दवाई भी प्रेसक्राइब की जा सकती है।
पैरासिटामॉल का अधिक सेवन न करें। शरीर का तापमान अब 97.3 से लेकर 99.6 तक हो सकता है। सिर दर्द होने पर रूमाल को ठंडे पानी से भिगोकर सिर पर बांधे, लेकिन याद रखें की बर्फ से इसे ठंडा ना करें। Anti-bodies का ख्याल रखें। डॉक्टर के प्रेसक्रिप्शन के आधार पर Antiviral दवाएं ले सकते हैं।
वायरस वही, लेकिन मौतें ज़्यादा क्यों?
जैसा कि डॉ. रितेश ने बताया – ये सारा इम्यूनिटी का खेल है। अगर आपके परिवार में एक 5 महीने की बच्ची है, एक 40 साल की महिला है और एक 80 साल के बुजुर्ग हैं; इन सभी के संक्रमित होने पर प्रत्येक की रिकवरी अलग-अलग होगी। क्योंकि सभी की बॉडी वायरस को अलग तरह से रिजेक्ट करती है।
वर्तमान में मोटापे, डायबिटीज, हार्ट अटैक, हायपरटेंशन के मरीजों की मौतें ज्यादा हो रही है। इनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है और ये आसानी से वायरस की चपेट में आते हैं।
कुछ लोग कहते हैं कि वैक्सीनेशन के बाद भी मौतें हो रही है, इस पर जवाब देते हुए डॉ. मलिक ने कहा, “वैक्सीनेशन की वजह से जो देहांत हो रहे हैं, वे साइंटीफिकली प्रुवन नहीं है।”
वायरस म्यूटेट होता है। 732 छोटे-बड़े म्यूटेशन हैं। भारत में 2 म्यूटेशन ज्यादा फैल रहे हैं और वो भी महाराष्ट्र में फैलना शुरू हुए थे। इतिहास हमेशा खुद को दोहराता है। आमतौर पर, जब भी वायरल महामारी आती है, वे चक्र में आती हैं। दूसरी और तीसरी लहर हमेशा अधिक विकट होती हैं क्योंकि वायरस उत्परिवर्तित (mutate) होते हैं। अभी हम जो देख रहे हैं, वह एक अलग वायरस है।
सरकार को क्या कदम उठाने चाहिए?
डॉ. रितेश ने कहा, “सरकार को SOS (State of Stress) इमरजेंसी लागू करनी चाहिए अपनी जनता की जान बचाने के लिए।”
दुनिया भर का मीडिया हमारी क्षमताओं को देख रहा है। हमें सबसे पहले अपने लोगों का ध्यान रखना चाहिए। 18 से 45 वर्ष के लोगों को पहले वैक्सीन लगाई जानी चाहिए।
वैक्सीनेशन को नेशनल एजेंडा बनाया जाना चाहिए। सभी अफवाहों और भ्रांतियों को खत्म किया जाना चाहिए।
लोग ऑक्सिजन और जरुरी दवाओं, उपकरणों का स्टॉक न करें।
‘वैक्सीनेशन और डबल-मास्क’ रामबाण इलाज
वैक्सीनेशन बिलकुल सुरक्षित है। जो भी वैक्सीन वर्तमान में उपलब्ध है, उसे लगवाएं। वैक्सीनेशन लॉन्ग-टर्म सॉल्यूशन है।
गर्भवती महिलाएं वैक्सीन न लगवाएं।
45 वर्ष से कम उम्र के 65% लोगों को वायरस अपनी चपेट में ले रहा है। इन्हें जल्द-से-जल्द वैक्सीन लगाई जानी चाहिए।
डबल-मास्क लगाएं। पहले कपड़े का मास्क लगाएं फिर उसके ऊपर N95 मास्क लगाएं। मास्क को कभी भी बीच से न पकड़ें। इसे हमेशा साइड एलास्टिक से ही पकड़ें। हो सके तो फेसशील्ड लगाएं और जब भी बाहर जाएं, घर आते ही खुद को और अपने पूरे कपड़ों को सैनेटाइज करें।
घर के नुस्खे कितने कारगर हैं?
घर के नुस्खे जैसे कि गर्म पानी और काढ़ा पीना, तुलसी के पत्ते खाना, हल्दी का सेवन करना, आयुर्वैदिक उपचार आदि लेना चाहिए। लेकिन अगर आपको जरा भी बुखार, खांसी, थकान महसूस हो, तुरंत टेस्ट कराएं और खुद को आइसोलेट कर लें।
पतंजलि की कोरोनिल के भरोसे न रहें। ये इम्यूनिटी बढ़ाने में मददगार हो सकती है, लेकिन वायरस से लड़ने में नहीं।
स्मोकिंग (धुम्रपान) न करें।
एक और जरूरी बात वेज और नॉन-वेज खाने वाले, दोनों प्रकार के लोगों में कोविड के बराबर मामले देखें जा रहे हैं।
कब ठीक होंगे हालात?
डॉ. रितेश मलिक ने कहा, “जब कोई अपना परिजन ऑक्सिजन की कमी से मरता है तब गुस्सा आता है। हमारे अधिकारों में इसे जरूरी मेडिकल ड्रग की श्रेणी में रखा गया है।”
उन्होंने आगे कहा,”वेंटिलेटर वाले मरीज को 3600 लीटर ऑक्सिजन प्रतिघंटा चाहिए होती है। लेकिन हॉस्पिटल वाले 90 वाले मरीजों को पहले लेते हैं और 60 वाले मरीजों को कोई भर्ती नहीं करता।”
अब ये वायरस टीयर-II शहरों को अपनी चपेट में लेगा, लेकिन इसके फैलने की संभावनाएं कम है। वैक्सीनेशन एकमात्र उपाय है।
अपने लोगों का ध्यान रखें।
अपने आस-पास के लोगों की मदद करें। उनसे बात करें। एहतियात बरतते हुए उन्हें खाना पहुँचाएं।
वर्तमान समय में हर कोई मदद के लिए आगे आ रहा है। आम आदमी से लेकर पूरा मेडिकल समुदाय एकजुट हो गया है।
स्टार्टअप इकोसिस्टम मदद के लिए आया आगे
कोविड से लड़ाई में अपनी अहम भूमिका निभाने में स्टार्टअप इकोसिस्टम भी सामने आया है।
डॉ. रितेश मलिक ने कहा, “हम पेटीएम के साथ मिलकर वैक्सीनेशन ड्राइव चला रहे हैं। YourStory भी सही तथ्य और जानकारी देते हुए अपना सहयोग दे रहा है।”
उन्होंने अंत में दर्शकों के नाम संदेश देते हुए कहा, “मैं सभी लोगों को 2 ही बातें कहना चाहूँगा – 1) वैक्सीन जरूर लगवाएं, और 2) डबल-मास्क लगाएं। खुद को और अपने परिजनों को बचाएं।”
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Edited by Ranjana Tripathi