एशिया की पहली एलजीबीटी स्ट्रीमिंग सेवा पर दिखाए जाएंगे विभिन्न रोमांटिक-कॉमेडी कार्यक्रम
अत्यधिक रूढ़िवादी माने जाने वाले क्षेत्र एशिया की, एलजीबीटी पर केंद्रित पहली स्ट्रीमिंग सेवा पर विभिन्न कार्यक्रम दिखाए जाएंगे जिसमें एक समलैंगिक फ्लाइट अटेंडेंट और समलैंगिकों के लिए बने स्पा में रोमांस की कहानियां भी शामिल हैं।
‘गागाओओलाला’ पर एशिया की एक हजार से अधिक फीचर फिल्में, लघु कहानियां, वेब सीरीज और डॉक्यूमेंट्री दिखाई जाएंगी।
समलैंगिक विवाह को वैध रूप देने वाले एशिया के पहले देश बने ताइवान में यह स्ट्रीमिंग सेवा 2017 में शुरू होने के बाद से 21 देशों तक फैल गई। इनमें वे देश भी शामिल हैं जहां समलैंगिकता अब भी अपराध है।
ताइवान में प्रतिष्ठित एलजीबीटी अधिकार कार्यकर्ता जे लिन ने कहा, ‘‘गागाओओलाला बनाने का मेरा एक मकसद कई मिथकों और भ्रमों को दूर करना है जो एलजीबीटी लोगों के बारे में हैं।’’
ताइपे में अपने पार्टनर के साथ दो लड़कों की परवरिश कर रहे 46 वर्षीय लिन ने कहा, ‘‘हम सभी त्रासद जीवन नहीं जी रहे हैं..हम उद्यमी हैं, हम पिता हैं।’’
इस स्ट्रीमिंग सेवा में करीब 280,000 सदस्य है जिनमें से मुख्यत: समलैंगिक लोग हैं और साथ ही महिलाओं की संख्या अच्छी-खासी है। इसकी सफलता के साथ ही एशिया के अन्य हिस्सों में भी एलजीबीटी अधिकारों पर प्रगति हो रही है।
ताइवान में मई में समलैंगिक विवाह को वैध बनाने के साथ ही भारत के उच्चतम न्यायालय ने समलैंगिक यौन संबंधों पर औपनिवेशिक काल के प्रतिबंध को हटा दिया था।
हालांकि, एशिया के अन्य देशों में समलैंगिक अधिकारों की स्थिति बदतर ही है। सिंगापुर और मलेशिया में समलैंगिक संबंधों पर अब भी प्रतिबंध है जबकि ब्रूनेई ने इस साल कानूनों को और कड़ा बनाते हुए समलैंगिक यौन संबंधों के लिए पत्थरों से मार-मार कर मौत की सजा का प्रावधान किया है।
भारत की बात करें तो साल 2018 में भारत की सर्वोच्च न्यायालय ने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से हटा दिया था। भारत में एलजीबीटी समुदाय के अधिकारों की लड़ाई काफी लंबे समय से जारी थी।
भारत में एलजीबीटी समुदाय से संबन्धित कानून 'धारा 377' को देश की सर्वोच्च अदालत में साल 1994 में पहली बार चुनौती दी गई थी। 27 साल की लंबी लड़ाई के बाद 2018 में सर्वोच्च ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया था।