अपना रिटायरमेंट इंवेस्टमेंट प्लान करने से पहले दुनिया के सबसे अमीर शख्स वॉरेन बफे के ये सुझाव जरूर पढ़ लें
रिस्क लो, लेकिन कैलकुलेटेड रिस्क. ऐसी जगह निवेश करो, जहां डूबने पर भी बच निकलने का रास्ता हो. एक सिक्योर मार्जिन हमेशा बचा रहे.
15 साल की उम्र से ब्रिटिश-अमेरिकन इकोनॉमिस्ट और इंवेस्टर बेंजामिन ग्राहम का वॉरेन बफे पर काफी प्रभाव था. जब हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में वॉरेन बफे का एडमिशन नहीं हुआ तो दुखी होने के बजाय उन्होंने जश्न मनाया क्योंकि अब वो अपने पसंदीदा कोलंबिया बिजनेस स्कूल में एडमिशन ले सकते थे. वहां जाने की वजह सिर्फ एक थी- वॉरेन के सबसे पसंदीदा शख्स बेंजामिन ग्राहम वहां प्रोफेसर थे. वॉरेन का एक ही सपना था, जिससे उन्होंने बिजनेस, मार्केट और इंवेस्टमेंट के सबसे जरूरी सबक सीखे, उस शख्स से पढ़ना.
इंवेस्टमेंट के गुर समझाते हुए आज भी वॉरेन अकसर ग्राहम का जिक्र करते मिल जाते हैं. बेंजामिन ग्राहम की किताब ‘द इंटेलीजेंट इंवेस्टर’ से कोट करते हुए वॉरेन बफे कहते हैं, “शेयर को ऐसे देखो, जैसेकि वो बिजनेस है. बाजार के उतार-चढ़ाव को समझना, सही वक्त पर भांपना और उसे अपने लाभ के लिए इस्तेमाल करना. इस तरह कि सुरक्षा मार्जिन हमेशा बचा रहे. बेन ग्राहम ने हमें यही सिखाया था. सौ साल बाद भी अगर कोई इंवेस्टमेंट की दुनिया में कदम रखता है तो निवेश का बुनियादी तर्क और आधार यही रहेगा.”
वॉरेन बफे का इंवेस्टमेंट का बेसिक नियम एक ही है- रिस्क लो, लेकिन कैलकुलेटेड रिस्क. ऐसी जगह निवेश करो, जहां डूबने पर भी बच निकलने का रास्ता हो. एक सिक्योरिटी मार्जिन हमेशा बचा रहे.
इंवेस्टमेंट कमजोर दिल वालों का खेल नहीं
कई साल पहले द इकोनॉमिस्ट को दिए एक इंटरव्यू में वॉरेन बफे कहते हैं, “इंवेस्टमेंट कमजोर दिल वालों का खेल नहीं है. अगर आप आज पैसा लगाकर कल मुनाफा कमाने के बारे में सोच रहे हैं तो इंवेस्टमेंट के बारे में न सोचें. यह खेल लंबी रेस का है. पैसा लगाकर भूल जाइए. अच्छा रिटर्न मिलेगा, लेकिन वक्त लगेगा.”
जाने-माने अमेरिकन फायनेंशियल प्लानर जेफ रोज लिखते हैं कि वॉरेन हमेशा लांग टर्म इंवेस्टमेंट पर जोर देते हैं. चाहे 10 डॉलर निवेश करना हो या दस हजार डॉलर, आज पैसा लगाइए और भूल जाइए. सालों बाद वह आपको अच्छा रिटर्न देगा.
शेयरहोल्डर को लिखा खत
यह 2014 की बात है. एक शेयरहोल्डर ने खत लिखकर वॉरेन से रिटायरमेंट इंवेस्टमेंट प्लान के लिए सलाह मांगी. लौटते खत से वॉरेन बफे ने उस शेयरहोल्डर को लिखा- “मेरा सुझाव ये है कि अपने कुल पैसे का 10 फीसदी शॉर्ट टर्म सरकारी बॉन्ड में इंवेस्ट करो और 90 फीसदी लो कॉस्ट S&P 500 index fund में. मुझे यकीन है कि लंबे समय में यह इंवेस्टमेंट फायदेमंद साबित होगा.”
इसे ऐसे समझते हैं. इंडेक्स फंड एक तरह का म्यूचुअल फंड है, जिसका परफॉर्मेंस इंडेक्स यानी मार्केट के परफॉर्मेंस के हिसाब से घटता-बढ़ता रहता है. S&P 500 index fund का अर्थ है अमेरिका की टॉप 500 मेजर सरकारी नियंत्रण वाली पब्लिक कंपनियां. यहां बफे दो बातें कह रहे थे. एक ये कि अपने रिटायरमेंट फंड का 90 फीसदी पैसा म्यूचुअल फंड में निवेश करो और दूसरा ये है कि यह पैसा उस म्यूचुअल फंड में लगाओ, जिसका मेजर इंवेस्टमेंट पब्लिक इंटरेस्ट और सरकारी नियंत्रण वाली कंपनियों में है.
10 फीसदी पैसा शॉर्ट टर्म सरकारी बॉन्ड में निवेश करने का भी यही अर्थ है. यह पैसा सरकारी प्रोजेक्ट्स में निवेश किया जाता है और इसमें रिस्क अपेक्षाकृत कम होता है. कुछ बॉन्ड, जो एक नियमित अंतराल पर इंटरेस्ट देते हैं, उनमें सुरक्षा और स्थिरता बनी रहती है.
वॉरेन बफे इंवेस्टमेंट के मामले में थोड़े ओल्ड स्कूल हैं. ऐसा मानना है नए जमाने के आर्थिक सलाहकारों और इंवेस्टमेंट प्लानर्स का. नई सोच का यह मानना है कि रिस्क जितना बड़ा होगा, मुनाफा भी उतना ज्यादा होगा. आप रातोंरात करोड़पति बन सकते हैं. एक इंटरव्यू के दौरान वॉरेन बफे से यह सवाल पूछने पर वह पलटकर कहते हैं, “हां, लेकिन रातोंरात सड़क पर भी आ सकते हैं.”
वॉरेन सलाह देते हैं कि अपना सारा पैसा एक ही जगह पर इंवेस्ट नहीं करना चाहिए. अगर रिस्क लेना भी है तो वह आपके कुल पैसे का एक छोटा सा हिस्सा भर हो. इतना हमेशा सिक्योर करके चलना चाहिए कि अगर एक हिस्सा डूब भी जाए तो ऐसा न हो कि उसके साथ आप भी डूब जाएं. वॉरेन सिक्योर और कैलकुलेटेड रिस्क लेने की बात करते हैं. स्टॉक मार्केट, म्यूचुअल फंड इंवेस्टमेंट में अभी भी उनकी पसंद सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियां ही हैं.
Edited by Manisha Pandey