वॉशरूम ऑटोमेशन से लेकर कॉन्टैक्टलेस सैनिटेशन तक, कैसे कंपनियों को कोविड-फ्री वातावरण बनाने में मदद कर रहा है यूरोनिक्स
YourStory के साथ बातचीत में, गुरुग्राम स्थित यूरोनिक्स के संस्थापक, विकनेश जैन, वॉशरूम ऑटोमेशन और कॉन्टैक्टलेस सैनिटेशन प्रोडक्ट्स के प्रति उपभोक्ता मानसिकता को आकार देने में COVID-19 की भूमिका के बारे में बताते हैं।
"ग्रैंड व्यू रिसर्च का अनुमान है कि वैश्विक स्मार्ट बाथरूम बाजार 2020 से 2027 के बीच 10.5 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ेगा। भारत के कुछ प्रमुख ब्रांड में जैक्वार, पैरीवेयर, हिंडवेयर, सीईआरए सेनेटरीवेयर और कुछ अन्य शामिल हैं। YourStory के साथ बातचीत में, विकनेश ने इस क्षेत्र के ट्रेंड्स के बारे में गहराई से बताया, उन्होंने बताया कि कैसे इन अभूतपूर्व समय ने वॉशरूम ऑटोमेशन और संपर्क रहित स्वच्छता उत्पादों के प्रति उपभोक्ता मानसिकता को आकार देने में एक प्रमुख भूमिका निभाई है।"
COVID-19 महामारी ने संपर्क रहित (कॉन्टैक्टलेस) और स्पर्श रहित (टचलेस) प्रक्रियाओं, उत्पादों और सेवाओं की मांग को बढ़ा दिया है, जिससे स्वचालन (ऑटोमेशन) में नए अवसर खुल गए हैं। विकनेश जैन द्वारा 2002 में स्थापित गुरुग्राम स्थित यूरोनिक्स (Euronics) इस क्षेत्र में लगभग दो दशकों से काम कर रहा है। कंपनी ऑटोमैटिक वॉशरूम एक्सेसरीज जैसे हैंड ड्रायर, सेंसर टैप, यूरिनल सेंसर, सोप डिस्पेंसर, पेपर डिस्पेंसर आदि बनाती और बेचती है। इसके ग्राहकों में कई फॉर्च्यून 500 कंपनियां और टीसीएस, एचसीएल, विप्रो, आईबीएम, अमेजॉन आदि सहित कई तकनीकी दिग्गज शामिल हैं।
विकनेश के अनुसार, पिछले एक साल में इन उत्पादों की मांग में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके अलावा, इनमें से अधिकांश मांग टियर II और III शहरों से आ रही है, उनका दावा है, यही वजह है कि कंपनी की योजना इस वित्तीय वर्ष में पटना, कोयंबटूर, सिलीगुड़ी, लुधियाना और अन्य शहरों में विस्तार करने की है। ग्रैंड व्यू रिसर्च का अनुमान है कि वैश्विक स्मार्ट बाथरूम बाजार 2020 से 2027 के बीच 10.5 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ेगा। भारत के कुछ प्रमुख ब्रांड में जैक्वार, पैरीवेयर, हिंडवेयर, सीईआरए सेनेटरीवेयर और कुछ अन्य शामिल हैं।
YourStory के साथ बातचीत में, विकनेश ने इस क्षेत्र के ट्रेंड्स के बारे में गहराई से बताया, उन्होंने बताया कि कैसे इन अभूतपूर्व समय ने वॉशरूम ऑटोमेशन और संपर्क रहित स्वच्छता उत्पादों के प्रति उपभोक्ता मानसिकता को आकार देने में एक प्रमुख भूमिका निभाई है।
इंटरव्यू के संपादित अंश:
YourStory [YS]: ऑटोमेशन वॉशरूम एक्सेसरीज में आपने क्या अवसर देखा जिसने आपको व्यवसाय शुरू करने के लिए मजबूर किया?
विकनेश जैन [VJ]: 2000 के दशक की शुरुआत में, अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भारत में अपने कार्यालय स्थापित कर रही थीं, जिसके परिणामस्वरूप अपर-क्लास और एलीट ऑफिस स्पेस की मांग हुई, जिन्हें टॉप क्लास के वॉशरूम सुविधाओं की आवश्यकता थी।
बहुत सी अमेरिकी और यूरोपीय कंपनियां वॉशरूम एक्सेसरीज उपलब्ध करा रही थीं लेकिन उनकी कीमतें बहुत अधिक थीं क्योंकि इन देशों में श्रम बहुत महंगा है। वितरकों द्वारा जोड़ा गया मार्जिन भी लागत में इजाफा करता था। एक आकर्षक अवसर को देखते हुए, हमने 2002 में यूरोनिक्स लॉन्च किया।
YS: आपने उत्पादों की लागत कैसे कम की?
VJ: शुरुआत में, हम भारत में डिजाइन करते थे और चीन और थाईलैंड में प्रोडक्ट्स को निर्मित करते थे। अमेरिकी और यूरोपीय देशों की तुलना में एशियाई देशों में लागत श्रम कम है।
धीरे-धीरे, हमने गुजरात और दिल्ली-एनसीआर में अपनी फैसिलिटी में भारत में कुछ उत्पादों का निर्माण शुरू किया। इसके अतिरिक्त, हमने कंपनियों को सीधे बिक्री करके डिस्ट्रीब्यूटर्स की आवश्यकता को खत्म कर दिया। इससे हमें लागत में 30-35 प्रतिशत की कमी लाने में मदद मिली।
YS: स्वचालित उत्पादों की मांग पर कोविड-19 के प्रभाव पर विस्तार से बताएं।
VJ: सबसे लंबे समय तक, लागत के कारण स्वचालन का इस्तेमाल नहीं जा रहा था। हालाँकि, कोरोनावायरस महामारी के प्रकोप के बाद, स्वचालित उत्पादों की मांग बढ़ गई है क्योंकि कोई भी कुछ भी छूना नहीं चाहता है।
हमारे बिजनेस ने पिछले एक साल में इन उत्पादों की मांग में 40 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई। इसके अलावा, हमने मार्च और अप्रैल 2020 में जो बिक्री की, वह पिछले 15 वर्षों में की गई बिक्री से अधिक थी।
हैंड सैनिटेशन डिस्पेंसर जैसे उत्पादों का शायद ही उपयोग किया जाता था। लेकिन अब इनका इस्तेमाल अनिवार्य हो गया है। हमने पिछले एक साल में उनकी मांग में 1,000 गुना की वृद्धि देखी है।
कई कॉरपोरेट और बड़ी कंपनियां अपने कैंपस को नई हकीकत के अनुकूल बनाने के लिए पैसा खर्च कर रही हैं। इनमें से बहुत सी कंपनियों के पास 'काम पर लौटने का बजट' है, जिसमें वे वॉशरूम ऑटोमेशन और संपर्क रहित स्वच्छता उत्पादों को स्थापित करने पर पैसा खर्च कर रही हैं ताकि इन अभूतपूर्व समय में अपने कर्मचारियों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित किया जा सके जब वे ऑफिस वापस आएं तब।
YS: क्या छोटे और मझोले व्यवसाय (एसएमबी) भी अपने संगठनों में इन परिवर्तनों को लाने में बड़ी कंपनियों के ट्रेंड को फॉलो कर रहे हैं?
VJ: एसएमबी कीमत को लेकर सचेत हैं लेकिन फिर भी, हमने उनके द्वारा किए ऑर्डर में उछाल देखा है। इसके अलावा, हमने सूक्ष्म, लघु और मध्यम व्यवसायों को पूरा करने वाले हैंड सैनिटेशन स्पेस में 1,500 रुपये से 35,000 रुपये के बीच उत्पादों की कम कीमत की रेंज लॉन्च की है।
YS: आप कई टियर II और III स्थानों में विस्तार करने की योजना बना रहे हैं। किसने इस कदम के लिए प्रेरित किया?
VJ: हम मुंबई, बैंगलोर, दिल्ली और अन्य महानगरों में अच्छी तरह से स्थापित हैं। अब, हम नए स्थानों में बहुत सारे अवसर देख रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में बहुत अधिक प्रतिभा पलायन हुआ है जिसमें लोग छोटे शहरों और कस्बों से पलायन कर बड़े शहरों और महानगरों में स्थानांतरित हो गए हैं।
यह ट्रेंड बदलने जा रहा है, आगे चलकर राज्य सरकारें जानबूझकर छोटे शहरों में कार्यालय और उद्योग स्थापित करने के प्रयास कर रही हैं। इसके अलावा, टियर II और III शहरों में भूमि और श्रम की लागत भी कम है।
हम कम या फिर कोई भी कंपटीशन नहीं देख रहे हैं। ये सभी कारक हमें इन नए स्थानों का पता लगाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
YS: आगे बढ़ते हुए, ऑटोमैटिक वॉशरूम एक्सेसरीज स्पेस में आप कौन से नए, इनोवेटिव प्रोडक्ट्स लेकर आ रहे हैं?
VJ: हम डेवलप कर रहे हैं और सैनिटरी पैड डिस्पेंसिंग मशीन लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं। ये कियोस्क होंगे जो बस स्टॉप, मेट्रो स्टेशनों, अस्पतालों आदि के पास स्थापित किए जाएंगे। हम इस मशीन के लिए तकनीक भी विकसित कर रहे हैं ताकि जब मशीन कम चल रही हो तो नोटिफिकेशन भेजे जा सकें ताकि इसे फिर से भरा जा सके। हम इस पहल के लिए कुछ सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के उद्यमों और उनके सीएसआर वर्टिकल के साथ सहयोग करने की योजना बना रहे हैं।
इसके अतिरिक्त, हम विशेष रूप से सैनिटरी पैड के निपटान के लिए स्वचालित डिब्बे (automatic bins) भी विकसित कर रहे हैं। इसे महिलाओं के वॉशरूम में लगाया जाएगा। आपको केवल इस डिब्बे के सामने अपने हिलाने होंगे और इसका ढक्कन खुल जाएगा और पैड को डिस्पोज किया जा सकेगा। ये डिब्बे वायुरोधी हैं, यानी इनमें न हवा जा सकती है और न ही निकल सकती है, जिससे यह स्वच्छता के पहलू का भी ध्यान रखेंगे।
Edited by Ranjana Tripathi