वीकली रिकैप: पढ़ें इस हफ्ते की टॉप स्टोरीज़!
यहाँ आप इस हफ्ते प्रकाशित हुई कुछ बेहतरीन स्टोरीज़ को संक्षेप में पढ़ सकते हैं।
इस हफ्ते हमने कई प्रेरक और रोचक कहानियाँ प्रकाशित की हैं, उनमें से कुछ को हम यहाँ आपके सामने संक्षेप में प्रस्तुत कर रहे हैं, जिनके साथ दिये गए लिंक पर क्लिक कर आप उन्हें विस्तार से भी पढ़ सकते हैं।
87 साल की उम्र में आचार बनाती है ये बुजुर्ग महिला, प्रॉफिट के पैसे को कर देती हैं दान
कोरोना काल में जिंदगी की जंग जीतकर वापस आयी ऊषा गुप्ता इन दिनों होममेड आचार और चटनी का कारोबार कर रही हैं और उससे होने वाले मुनाफे को गरीबों की मदद में खर्च कर देती हैं। उनका कहना है कि अब वह बाकी की बची हुई जिंदगी गरीब और जरूरतमंदों की सेवा में लगाएंगी।
‘उम्र एक नंबर मात्र है जोश और जुनून तो दिल में होता है’ इस कहावत को एक बार फिर से चरितार्थ कर दिखाया है उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की रहने वाली ऊषा गुप्ता ने। 87 वर्षीय यह बुजुर्ग अपने हौसले और अपनी समाजहितैषी कार्यों के चलते चर्चा में बनी हुई हैं।
कोरोना काल में जिंदगी की जंग जीतकर वापस आयी ऊषा गुप्ता इन दिनों होममेड आचार और चटनी का कारोबार कर रही हैं और उससे होने वाले मुनाफे को गरीबों की मदद में खर्च कर देती हैं। उनका कहना है कि अब वह बाकी की बची हुई जिंदगी गरीब और जरूरतमंदों की सेवा में लगाएंगी।
मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुबातिक, साल 2021 के जुलाई महीने में ऊषा ने घर पर ही आचार और चटनी बनाने का काम शुरू किया। जिसके बाद घर पर तैयार किए जाने वाले इन उत्पादों को वे सोशल मीडिया के माध्यम से देशभर के लोगों को बेच रही हैं। इस छोटे से बिजनेस का नाम Pickled With Love रखा गया। मार्केटिंग और रिसोर्सेज का काम उनकी नातिन संभाल रही हैं।
कारोबार शुरू करने के एक महीने के अंदर ही उन्होंने 200 से ज्यादा बॉटल्स बेच लिए थे और इससे होने वाली कमाई को उन्होंने कोविड मरीजों व अन्य जरूरतमंदों के लिए दान कर दिया। ऊषा गुप्ता के पति यूपी सरकार में सरकारी इंजीनियर के पद पर अपनी सेवाएं दे चुके थे। वर्तमान में उनकी तीन बेटियां हैं, जो पेशे से डॉक्टर हैं और दिल्ली में रहती हैं।
जैविक कचरे का उपयोग कर पशुओं के लिए चारे का उत्पादन कर रही है पिता-पुत्र की जोड़ी
कृष्णकांत बोहरा और निखिल बोहरा ने वर्ष 2015 में जोधपुर से Krimanshi नाम के इस स्टार्टअप की शुरुआत की, जो मुख्यत: जैविक खाद्य अपशिष्ट व कृषि अवशेषों को रिसाइकल करके प्राप्त वैकल्पिक फाइबर, प्रोटीन और वसा के आधार पर पशुओं के लिए पौष्टिक पशु चारा तैयार करता है।
जोधपुर स्थित पशु पोषण स्टार्टअप, Krimanshi Technologies Pvt. Ltd. के संस्थापक और सीईओ निखिल बोहरा कहते हैं, “ये मिलावट विभिन्न प्रकार के पशुओं के चारे को दूषित कर सकती है और भारी आर्थिक नुकसान का कारण बन सकती है, जिससे उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य और ग्रामीण आजीविका पर महत्वपूर्ण खतरा पैदा हो सकता है।”
निखिल और उनके पिता कृष्णकांत बोहरा ने साल 2015 में
की शुरुआत की थी, जो जैविक खाद्य अपशिष्ट और कृषि अवशेषों के पुनर्चक्रण से प्राप्त वैकल्पिक फाइबर, प्रोटीन और वसा के आधार पर पौष्टिक जलवायु लचीला पशु चारा बनाती है। निखिल के अनुसार, स्टार्टअप में प्रतिदिन 30 टन खाद्य अपशिष्ट को फ़ीड सामग्री और पशुओं के लिए संतुलित मिश्रित फ़ीड में अपसाइकिल करने की क्षमता है।वर्तमान में राजस्थान के पश्चिमी जिलों में Krimanshi की उपस्थिति इसे अपने बाजारों को पूरा करने में सक्षम बनाती है। यह स्टार्टअप राजस्थान के जोधपुर, जयपुर, अलवर, धौलपुर, अजमेर, पाली, नागौर, भीलवाड़ा और बाड़मेर जिलों और गुजरात के पाटन, बनासकांठा जिलों में 250 से अधिक वितरकों/ खुदरा विक्रेताओं और एफपीओ व सामाजिक उद्यमों के नेटवर्क के साथ काम कर रहा है। इसके अलावा 5000 किसानों और लगभग 20,000 पशु प्रमुखों की सेवा कर रहा है।
निखिल के अनुसार, "हमारे किसानों ने दूध उत्पादन में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि देखी है। फ़ीड लागत पर 10 प्रतिशत की बचत की है और पशु चिकित्सा लागत में 60 प्रतिशत की कमी के साथ 60 रुपये / गाय / दिन तक की कमाई की है। हम मुख्य रूप से B2B2C मॉडल पर काम करते हैं। ग्रामीण सूक्ष्म-उद्यमियों या ग्रामीण दुकानों के माध्यम से पशुपालकों को फ़ीड की आपूर्ति करते हैं।”
50 साल की उम्र में इस महिला उद्यमी ने शुरू किया वेलनेस ब्रांड
अर्चना सोनी ने 50 साल की उम्र में अपने बेटे डॉ उज्जवल सोनी के साथ मिलकर 'Ashvatha' की शुरुआत की। यह एक ऐसा ब्रांड है, जो पारंपरिक विधियों पर आधारित प्राकृतिक, हर्बल और आयुर्वेदिक उत्पादों को आधुनिक तरीके से पेश करता है।
अर्चना सोनी का जीवन करीब 25 सालों तक उनके परिवार और बच्चों की परवरिश के लिए समर्पित रहा। वह आयुर्वेद, अध्यात्म और एक हेल्थी लाइफ स्टाइल को मानने वाली महिला हैं। परिवार के सदस्यों और दोस्तों को स्वस्थ रखने के लिए इस दौरान बहुत से सुपरफूड्स और जड़ी-बूटियों के विभिन्न मिश्रणों के साथ प्रयोग किया।
दिल्ली में जन्मी और पली-बढ़ी अर्चना ने गणित में बीए किया है और शुरुआती दिनों में वह अपने पिता को उनके रेस्टोरेंट बिजनेस में मदद करती थीं। बाद में डॉक्टर पति से शादी के बाद वह पानीपत चली गईं।
अर्चना कहती हैं, “मेरे मोटिवेशन का जरिया मेरे परिवार को सबसे बढ़िया पोषक तत्व प्रदान करना और उन्हें स्वस्थ रखना था। मेरे बच्चे चूजी थे यानी वे बहुत सारी चीजें नहीं खाती थे। मुझे भी इसका एहसास था कि स्वास्थ्य लाभ के चक्कर में स्वाद से समझौता नहीं करना चाहिए, अन्यथा वे उन्हें कुछ दिनों में अस्वीकार कर देंगे। इसलिए मैंने बहुत सारे सुपरफूड्स को मिक्स कर कई सारे अलग आहार बना लिए। इन आहारों को रोजाना के फूड में शामिल करना आसान था क्योंकि स्वस्थ होने के साथ-साथ इनके स्वाद भी अच्छे थे।"
अर्चना ने तीन साल तक इन उत्पादों को खासतौर से अपने दोस्तों और परिवार के लिए मुफ्त में बनाया।
वह कहती हैं, "जब लोग हर महीने इन उत्पादों को पहले से अधिक मात्रा में मांगने के लिए मेरे पास आने लगे, तो तो मेरे बेटे डॉ. उज्ज्वल ने इसे एक अवसर के रूप में देखा और सुझाव दिया कि मैं इन उत्पादों को दुनिया के सामने उचित तरीके से लाऊं। मैं इसके लिए तैयार थी। शायद मुझे ऐसे मौके का हमेशा से इंतजार था और बस अपने बेटे के समर्थन से आखिरकार मुझे अपना पहला आंत्रप्रेन्योरशिप ब्रेक मिला।"
उन्होंने 2020 में इस बिजनेस को Archna Foods के रूप में रजिस्टर किया और बिना किसी मार्केटिंग रणनीति के पहले दो महीनों में ही करीब 1.5 लाख रुपये की बिक्री की।
वह आगे कहती हैं, “हमें लोगों से जिस तरह की प्रतिक्रिया मिली और मेरे उत्साह को देखते हुए, मेरा बेटा उज्जवल इसमें को-फाउंडर के तौर पर शामिल हुआ। हमने दिसंबर 2020 में
ब्रांड नेम से अपने उत्पादों को दोबारा लॉन्च और रीपैकेज किया। कई बाजारों में सूचीबद्ध किया और अपना खुद का D2C स्टोर बनाया और अप्रैल 2021 में आखिरकार बिक्री शुरू की।”मोटर वाहन उद्योग को साइबर खतरों से बचाने के लिए एआई का इस्तेमाल कर रहा है यह स्टार्टअप
2018 में शुरू हुआ, कैलिफोर्निया-मुख्यालय वाला स्टार्टअप SecureThings.ai ऑटोमोटिव इंडस्ट्री में साइबर सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने के लिए AI और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल कर रहा है।
भारत में, मोटर व्हीकल और मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री धीरे-धीरे इंडस्ट्री 4.0 और इंडस्ट्री 5.0 की अवधारणा के लिए विकसित हो रही हैं।ऑटोमोटिव स्पेस में इंटरनेट ऑफ थिंग्स-सक्षम डिवाइस उनकी सुरक्षा के लिए डेवलप सुरक्षा फीचर्स की तुलना में तेजी से विकसित हो रहे हैं, जिससे प्रोडक्ट डेवलपमेंट और सुरक्षा वृद्धि के बीच एक महत्वपूर्ण अंतर पैदा हो रहा है।
यह खतरा सड़क पर चलने वाले 1.6 बिलियन वाहनों में से प्रत्येक को, कनेक्टेड या गैर-कनेक्टेड, असुरक्षित बनाता है, चाहे वह कॉमर्शियल वाहन हो, यात्री वाहन, दोपहिया, या कृषि वाहन हो।
समस्या और भारी आवश्यकता को महसूस करते हुए, विशाल बाजपेयी ने 2018 में
लॉन्च किया। स्टार्टअप का मुख्यालय कैलिफोर्निया में है और इसका पुणे में एक R&D केंद्र है।विशाल ने YourStory को बताया, "2018 के बाद से यात्रा बहुत संतुष्टि के साथ भरी हुई है - ऑटोमोटिव निर्माताओं, आपूर्तिकर्ताओं और सेवा प्रदाताओं को उनके प्रमुख जोखिमों को संबोधित करने में मदद करना, एक जुड़े, स्वायत्त और साझा इलेक्ट्रिक उद्योग की ओर विकास से उत्पन्न होना।"
SecureThings.ai 360-डिग्री सुरक्षा प्रदान करके इस समस्या का समाधान कर रहा है। स्टार्टअप एज सिक्योरिटी प्रदान करने के लिए मशीन लर्निंग और एआई का इस्तेमाल करता है।
समाधान के बारे में बोलते हुए, विशाल कहते हैं, “हम वाहनों को रीयल-टाइम सुरक्षा प्रदान करते हैं। वाहन की कनेक्टिविटी खो देने पर भी सुरक्षा काम करेगी। यह एक सॉफ्टवेयर-आधारित समाधान है जो यात्री वाहनों, वाणिज्यिक वाहनों, कृषि वाहनों या दोपहिया वाहनों की सुरक्षा कर सकता है।"
वे कहते हैं, "हमारे पास वाहन के लिए विभिन्न लेयर की सुरक्षा है, कनेक्टिविटी लेयर और वाहन पुर्जा लेयर से लेकर पूरे वाहन नेटवर्क और कोर हार्डवेयर और वायरिंग हार्नेस लेयर तक।"
कॉर्पोरेट जॉब छोड़ चाय के व्यापार में उतरे दो दोस्त
कोलकाता के दो युवाओं ने एक स्टार्टअप की शुरुआत की है,जिसके जरिए वे सब्सक्रिप्शन मॉडल पर देशभर में दार्जिलिंग की फ्रेश चाय लोगों तक पहुंचा रहे हैं।
हाल ही में कोलकाता के दो युवाओं ने एक स्टार्टअप की शुरुआत की है,जिसके जरिए वे सब्सक्रिप्शन मॉडल पर देशभर में दार्जिलिंग की फ्रेश चाय लोगों तक पहुंचा रहे हैं। दो महीने से भी कम समय में 500 से अधिक लोग उनके इस सब्सक्रिप्शन मॉडल से जुड़ चुके हैं। अपने एक छोटे से आइडिया की बदौलत इन नौजवानों ने आज लाखों रुपए का बिजनेस बना लिया है।
इस बिजनेस की शुरुआत स्पर्श अग्रवाल और ईशान ने की थी। ये दोनों बचपन के दोस्त थे। इन दोनों नौजवानों ने इस व्यपार की शुरुआत उस वक्त की थी, जब कोरोना महामारी के कारण देश के सभी सेक्टर आर्थिक मंदी से जूझ रहे थे।
कोरोना के चलते स्पर्श वर्क फ्रॉम होम जॉब कर रहे थे। धीरे-धीरे उन्होंने अपना सेटअप जमाना शुरू कर दिया। करीब 6 महीने तक लगातार रिसर्च करने के बाद उन्होंने बिजनेस प्लान पर काम करना शुरू किया। दोनों ने तय किया कि वे मार्केट में एक्सपोर्ट करने की बजाय सीधे कस्टमर्स तक पहुचेंगे। जिससे लोगों को सही प्रोडक्ट के साथ उचित कीमत भी मिल सके।
साल 2021 के जून महीने के अंत में Dorje Teas के नाम से स्टार्टअप की शुरुआत हुई। सोशल मीडिया पर अकाउंट्स बनाए और मार्केटिंग शुरू कर दी। धीरे-धीरे लोगों को उनके बारे में जानकारी होने लगी। लोग उनसे ऑर्डर के लिए कॉन्टैक्ट करने लगे। इस सब्सक्रिप्शन मॉडल के अंतगर्त कस्टमर्स को एक बार एक अमाउंट पे करना होगा और उन्हें सालभर फ्रेश चाय मिलेगी। इससे उन्हें हर मौसम के हिसाब से अलग-अलग फ्लेवर की चाय पीने को मिल सकेगी।