क्या है भारतीय रेलवे की 'अमृत भारत स्टेशन योजना', यात्रियों को मिलेगी ये नई सुविधाएं
भारतीय रेलवे ने अमृत भारत स्टेशन योजना नामक एक नए कार्यक्रम के तहत 1,000 से अधिक छोटे महत्वपूर्ण स्टेशनों का अपग्रेडेशन और नवीनीकरण करने का फैसला किया है.
रेलवे ने अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत स्टेशनों को आधुनिक बनाने की नीति तैयार की है. इस योजना में दूरगामी दृष्टिकोण के साथ स्टेशनों के निरंतर विकास की परिकल्पना की गई है. इसके तहत नई सुविधाओं के साथ-साथ मौजूदा सुविधाओं को भी उन्नत किया जाएगा.
योजना के अनुसार 68 मंडलों में से प्रत्येक के 15 स्टेशनों का कायाकल्प किया जाएगा. यह योजना वर्तमान में चल रहे स्टेशन पुनर्विकास कार्यक्रम के तहत 200 बड़े स्टेशनों के नवीनीकरण की रेलवे की महत्वाकांक्षी योजना के अतिरिक्त है. इस योजना का उद्देश्य रेलवे स्टेशनों के लिए मास्टर प्लान तैयार करना और सुविधाओं को बढ़ाने के लिए चरणों में मास्टर प्लान को लागू करना है.
रेल मंत्रालय के अनुसार इस योजना के दायरे में उन स्टेशनों को भी लाया जाएगा जहां विस्तृत तकनीकी-आर्थिक व्यवहारिकता का अध्ययन किया गया है या किया जा रहा है. रेल मंत्रालय ने कहा है कि इस योजना का उद्देश्य गैर-जरूरी या पुरानी इमारतों को किफायती लागत से स्थानांतरित करना है ताकि यात्रियों की सुविधाओं में और सुधार हो सके.
यह स्टेशन की आवश्यकताओं और संरक्षण के अनुसार दीर्घकालिक मास्टर प्लान तैयार करने और मास्टर प्लान के तत्वों के कार्यान्वयन पर आधारित है.
इस योजना का उद्देश्य रेलवे स्टेशनों के लिए मास्टर प्लान तैयार करना और न्यूनतम आवश्यक सुविधाओं (एमईए) सहित सुविधाओं को बढ़ाने के लिए विभिन्न चरणों में मास्टर प्लान के कार्यान्वयन और लंबी अवधि के समय में स्टेशन पर रूफ प्लाजा और शहर के केंद्रों के निर्माण का लक्ष्य है. इस योजना का लक्ष्य निधियों की उपलब्धता और परस्पर प्राथमिकता के आधार पर जहां तक संभव हो, हितधारकों की आवश्यकताओं को पूरा करना होगा.
यह योजना नई सुविधाओं की शुरूआत के साथ-साथ मौजूदा सुविधाओं के उन्नयन और प्रतिस्थापन को पूरा करेगी. यह योजना उन स्टेशनों को भी शामिल करेगी जहां विस्तृत तकनीकी-आर्थिक व्यवहार्यता अध्ययन किए गए हैं या किए जा रहे हैं, लेकिन रूफ प्लाजा के निर्माण का काम अभी तक शुरू नहीं किया गया है, यह सुनिश्चित करते हुए कि मास्टर प्लान को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाए और संरचनाओं का स्थानांतरण किया जाए और चरणबद्ध योजनाओं में उपयोगिताओं पर अधिक बल दिया जा रहा है.
सभी श्रेणियों के स्टेशनों पर उच्च स्तरीय प्लेटफॉर्म (760-840 मिलीमीटर) प्रदान किए जाएंगे. प्लेटफार्मों की लंबाई आम तौर पर 600 मीटर की होगी. वहीं सड़कों को चौड़ा करके, अवांछित संरचनाओं को हटाकर, उचित रूप से डिजाइन किए गए साइनेज, समर्पित पैदल मार्ग, सुनियोजित पार्किंग क्षेत्र, बेहतर प्रकाश व्यवस्था आदि द्वारा सुचारू पहुंच सुनिश्चित करने के लिए स्टेशन के दृष्टिकोण में सुधार किया जाएगा. इसके साथ ही रेलवे बोर्ड द्वारा स्टेशनों पर दिव्यांगजनों के लिए सुविधाएं समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार होंगी.
प्लेटफॉर्म शेल्टरों की लंबाई, स्थान और चरणबद्धता स्टेशन के उपयोग के आधार पर तय की जाएगी. प्लेटफार्म लाइनों और ट्रेनों के रखरखाव सुविधाओं के साथ लाइनों पर गिट्टी रहित ट्रैक प्रदान किए जाएंगे. प्लेटफार्म क्षेत्रों की जल निकासी अत्यंत महत्वपूर्ण है. जहां तक संभव हो नालों की स्वयं सफाई पर विशेष बल दिया जाएगा. जहां प्राकृतिक ढलान पर्याप्त नहीं हैं, वहां उपयुक्त क्रॉस ड्रेन, हौदी और पंप की व्यवस्था की जा सकती है. नालियों को खूबसूरती से डिजाइन किए गए चोरी प्रतिरोधी कवर से ढका जा सकता है. केबलों को खूबसूरती से डिजाइन किए गए डक्ट में ढक कर रखा जाना चाहिए और इसमें भविष्य के केबलों के लिए भी प्रावधान होना चाहिए.
इस योजना के अंतर्गत स्टेशनों पर रूफ प्लाजा और सिटी सेंटर (Roof Plaza and City Centres) बनाने का लक्ष्य है. मंडल रेल प्रबंधकों के साथ एक विशेष कोष (Special Fund) भी निर्धारित किया जाएगा. योजना में नए भवनों के निर्माण से आम तौर पर बचा जाएगा, हालांकि इस पर डीआरएम (DRM) को निर्णय लेने का अधिकार होगा.