फोर्टिस के सिंह बंधुओं को 6 महीने की जेल, जानें क्या है Fortis-IHH मामला जो सुलझने का नाम नहीं ले रहा
फोर्टिस के सिंह बंधुओं ने जापान की दाइची सैंक्यों को रैनबैक्सी लेबोरेट्री बेची. इस मामले में दाइची ने सिंह बंधुओं पर 3600 करोड़ की रिकवरी का दावा ठोक दिया. अब उसकी वजह से Fortis-IHH डील रुकी पड़ी है.
हॉस्पिटल चेन फोर्टिस हेल्थकेयर और IHH हेल्थकेयर (Fortis-IHH) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर्स मालविंदर सिंह और शिविंदर सिंह बंधुओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें 6 महीने की जेल की सजा सुना दी है. साथ ही फोर्टिस और आईएचएच के बीच हुई पुरानी डील के फॉरेंसिक ऑडिट का भी आदेश दिया है. इतना ही नहीं, IHH के ओपन ऑफर पर स्टे को जारी रखने का आदेश दिया है. इस खबर के बाद गुरुवार को फोर्टिस के शेयर ताश के पत्तों से बने महल की तरह भरभराकर गिर गए. एक ही झटके में फोर्टिस के शेयर में 20 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली. ऐसे में एक बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर फोर्टिस का ये पूरा मामला क्या है.
4 साल पहले शुरू हुई थी ये कहानी
ये बात करीब 4 साल पुरानी है. अगस्त 2018 में मलेशिया की आईएचएच हेल्थकेयर कंपनी ने फोर्टिस हेल्थकेयर में 31 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी. यह डील 1.1 अरब डॉलर में इंडिपेंडेंट बोर्ड की देख-रेख में बोली लगाने के बाद हुई थी. इसके बाद नियमों के मुताबिक कंपनी को अतिरिक्त 26 फीसदी का ओपन ऑफर लाना था. हालांकि, वो आज तक नहीं आ सका. तीन साल से आईएचएच कंपनी द्वारा फोर्टिस हेल्थकेयर के अधिग्रहण की प्रक्रिया अधर में लटकी है.
क्यों रुका आईएचएच का ओपन ऑफर?
ओपन ऑफर जापान की फार्मा कंपनी दाइची सैंक्यो और सिंह बंधुओं के बीच एक पुराने लेन-देन में कानूनी विवाद के चलते रुका हुआ है. Daiichi Sankyo ने Fortis-IHH डील को 3600 करोड़ रुपये की रिकवरी की चुनौती दी थी. दाइची ने 2008 में मालविंदर और शिविंदर से एक फार्मास्युटिकल फर्म रैनबैक्सी लेबोरेट्रीज लिमिटेड का अधिग्रहण किया था. दाइची अभी दिल्ली हाई कोर्ट में सिंह बंधुओं के खिलाफ 500 मिलियन डॉलर के दावे पर केस लड़ रही है.
सिंगापुर आर्बिट्रेशन ने दिया 2564 करोड़ चुकाने का आदेश
पहले ये मामला सिंगापुर आर्बिट्रेशन में गया. अप्रैल 2016 में सिंगापुर आर्बिट्रेशन कोर्ट ने दाइची सैंक्यों के पक्ष में फैसला सुनाया था. आर्बिट्रेशन का आदेश था कि सिंह बंधु दाइची सैंक्यों को 7 नवंबर 2008 से 4.44 फीसदी ब्याज के साथ 2564 करोड़ रुपये चुकाएंगे.
शेयरों को बेचे जाने की वजह से फंसा है मामला
दाइची सैंक्यो ने सिंह बंधुओं पर आरोप लगाया कि उन्होंने 17 लाख शेयर गिरवी रखे. भारतीय कर्जदारों ने उन शेयरों को मलेशिया की फर्म आईएचएच को बेच दिया. ऐसे में दाइची ने आपत्ति जताई कि सिंह बंधुओं ने कहा था कि फोर्टिस में उनकी हिस्सेदारी से हर्जाने की रकम चुकाई जाएगी. इसे लेकर दाइची कोर्ट में चला गया और मामला अभी तक चल रहा है. सिंह बंधु अभी फ्रॉड और मनी लॉन्डरिंग के कई मामलों में जेल में बंद हैं.