क्या है सरकार का INSPIRE प्रोग्राम? कैसे स्टार्टअप्स को सपोर्ट करेंगी सरकारी एजेंसियां?
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह (Dr Jitendra Singh) ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड और BIRAC सहित सरकारी एजेंसियों को संभावित स्टार्टअप तक पहुंचने और उन्हें समर्थन देने को कहा है. उन्होंने कहा कि उन लोगों को भी समर्थन देना चाहिए, जो स्वयं हम तक पहुंचते हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह हम कई योग्य सृजनशील युवाओं को छूटने नहीं देंगे जिनकी स्टार्टअप पहल अपर्याप्त समर्थन या संसाधनों के कारण शुरू नहीं हुई होगी.
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में "इनोवेशन इन साइंस परस्यूट फॉर इंस्पायर्ड रिसर्च" (Innovation in Science Pursuit for Inspired Research - INSPIRE) प्रोग्राम के लाभार्थियों के साथ विचार-विमर्श में छात्रों और फैकल्टी को संबोधित करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने सृजनशील युवाओं और संभावित स्टार्टअप के लिए एक बड़े पैमाने पर देशव्यापी खोज प्रारंभ करने का आह्वान किया, क्योंकि वे भारत की भविष्य की अर्थव्यवस्था को आकार देने जा रहे हैं.
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इंस्पायर योजना गुणवत्ता संपन्न मानव संसाधनों की एक पाइपलाइन का निर्माण करके और एक प्रतिभा पूल तैयार करके देश के अनुसंधान एवं विकास आधार का विस्तार कर रही है. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत को प्रतिभाशाली युवा छात्रों को विज्ञान की ओर आकर्षित करने और उन्हें अपने स्कूल के दिनों से एक सहायक, रचनात्मक और चुनौतीपूर्ण शैक्षिक वातावरण देने की आवश्यकता है जिससे वे नवोन्मेषी उद्यमों के माध्यम से सफल उद्यमी और नौकरी देने वाले बन सकें. इस कार्यक्रम में इंस्पायर फेलोशिप (INSPIRE Fellowships), इंस्पायर स्कॉलरशिप (INSPIRE Scholarships) और इंस्पायर-मानक (INSPIRE-MANAK) के 100 से अधिक छात्रों/लाभार्थियों ने भाग लिया.
इस साल मई में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के मासिक रेडियो संबोधन 'मन की बात' (Mann Ki Baat) का जिक्र करते हुए, जिसमें उन्होंने कहा था, "आज भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम (India's Startup ecosystem) केवल बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि छोटे शहरों और कस्बों से भी उद्यमी उभर रहे हैं, जो दिखाता है कि भारत में जिसके पास एक मौलिक विचार है, वह धन का सृजन कर सकता है," डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार अनेक राज्यों और शहरों में लगभग 50 प्रतिशत स्टार्टअप टियर-2 और टियर-3 शहरों से आते हैं, जहां अवसर और संसाधन तुलनात्मक दृष्टि से कम हैं.
स्टार्टअप्स को सही सलाह देने के प्रधानमंत्री के आह्वान से प्रेरणा पाकर डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग टियर-2 और टियर-3 शहरों में उद्योगों, कृषि, डेयरी क्षेत्रों के साथ-साथ ई-कॉमर्स, फिनटेक (Fintech), एडटेक (Edtech) और बायोटेक (Biotech) जैसे विभिन्न क्षेत्रों में स्टार्टअप्स को धन सृजनकर्ता और समस्या समाधानकर्ता के रूप में बढ़ावा देने के लिए मेंटरशिप की भूमिका निभाएगा. उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि उत्तर प्रदेश स्टार्टअप इकोसिस्टम में तेजी से आगे बढ़ रहा है. यह पहले मुख्य रूप से दक्षिणी राज्यों तक ही सीमित था.
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने कॉलेज व विश्वविद्यालय स्तर पर प्राकृतिक विज्ञान विषयों का अध्ययन करने के लिए मेधावी युवाओं को आकर्षित करने और इंजीनियरिंग, चिकित्सा, कृषि तथा पशु विज्ञान सहित बुनियादी और प्रायौगिक विज्ञान दोनों क्षेत्रों में अनुसंधान करियर बनाने के लिए इंस्पायर योजना (INSPIRE Scheme) की अवधारणा, डिजाइन, विकास का काम किया है और अब इसे लागू कर रहा है. इंस्पायर योजना कई घटकों के साथ 10-32 वर्ष के आयु वर्ग के छात्रों की आवश्यकताओं को पूरा करती है.
क्या है INSPIRE प्रोग्राम?
इंस्पायर पुरस्कार मानक (INSPIRE Awards MANAK) (Million Minds Augmenting National Aspiration and Knowledge) का उल्लेख करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह कम उम्र में प्रतिभाशाली स्कूली विद्यार्थियों को विज्ञान का अध्ययन करने और उनमें नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने के अलावा अनुसंधान करियर को आगे बढ़ाने के लिए एक अनूठी पहल है. इंस्पायर योजना 10-15 वर्ष के आयु वर्ग के स्कूली बच्चों और कक्षा 6-10 में पढ़ने वाले बच्चों की आवश्यकताओं को पूरा करती है. उन्होंने कहा कि इंस्पायर पुरस्कार मानक योजना हर साल देश भर के पांच लाख से अधिक मिडिल और हाई स्कूलों से दस लाख विचारों को लक्षित करती है. इनमें से एक लाख विचारों में प्रत्येक को 10,000 रुपये का इंस्पायर पुरस्कार दिया जाता है. अब तक छठी से 10वीं कक्षाओं के 16 लाख से अधिक छात्रों ने राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंच पर अपने विचार प्रस्तुत किए हैं.
इसी तरह इंस्पायर इंटर्नशिप का उद्देश्य गर्मी या सर्दी के मौसम में विज्ञान शिविरों का आयोजन करके 10वीं कक्षा के बोर्ड स्तर पर शीर्ष 1 प्रतिशत छात्रों को एक्सपोजर प्रदान करना है, जो उन्हें नोबेल पुरस्कार विजेताओं सहित भारत और विदेशों के विज्ञान क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोगों के साथ बातचीत करने का अवसर प्रदान करता है. गर्मी और सर्दी के मौसम में लगाए जाने वाले शिविरों के माध्यम से कक्षा 10वीं बोर्ड में शीर्ष स्थान पाने वाले और 11वीं कक्षा में विज्ञान का अध्ययन करने वाले 50,000 विद्यार्थी प्रत्येक वर्ष लाभान्वित होते हैं. अब तक देशभर में 1900 से अधिक इंस्पायर इंटर्नशिप कैंप आयोजित किए जा चुके हैं और 11वीं तथा 12वीं कक्षा के लगभग 4 लाख विद्यार्थी इस अवसर का लाभ उठा चुके हैं.
इंस्पायर के उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति (Scholarship for Higher Education - SHE) घटक का उद्देश्य आकर्षक छात्रवृत्ति और मेंटरशिप अवसरों के माध्यम से स्नातक स्तर पर बुनियादी व प्राकृतिक विज्ञान का अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहन देना है. इनका चयन राज्य/केंद्रीय विद्यालय परीक्षा बोर्डों की 12वीं कक्षा की परीक्षाओं और/या IIT-JEE जैसी चयनित राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रदर्शन (शीर्ष 1 प्रतिशत) पर आधारित है. अब तक 1.3 लाख से अधिक उच्चतर माध्यमिक विद्यार्थियों को इंस्पायर छात्रवृत्ति की पेशकश की गई है ताकि वे प्राकृतिक और बुनियादी विज्ञान में करियर बना सकें.
इंस्पायर फेलोशिप घटक 22-27 वर्ष की आयु वर्ग के मेधावी विद्यार्थियों को पीएच.डी करने के लिए प्रत्येक वर्ष 1000 फेलोशिप प्रदान करता है. पीएच.डी करने के इन विषयों में इंजीनियरिंग, चिकित्सा, कृषि तथा पशु विज्ञान सहित बुनियादी और प्रायौगिक विज्ञान शामिल हैं. अब तक विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अनुसंधान करियर बनाने के लिए बुनियादी और प्रायौगिक विज्ञान दोनों में डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त करने के लिए स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को लगभग 10,000 फेलोशिप प्रदान की गई है.
इंस्पायर फैकल्टी फेलोशिप (INSPIRE FACULTY FELLOWSHIP) घटक 27-32 वर्ष की आयु वर्ग में पीएच.डी योग्यता के साथ प्रत्येक इंजीनियरिंग मेडिसिन, कृषि तथा पशु विज्ञान सहित बुनियादी और प्रायौगिक विज्ञान दोनों क्षेत्रों में पोस्ट डॉक्टरेट अनुसंधान करने के लिए प्रत्येक वर्ष 100 व्यक्तियों को अवसर प्रदान करता है. अब तक लगभग 1400 फैकल्टी फेलोशिप प्रदान की गई है ताकि युवा डॉक्टरेट विद्यार्थी वैश्विक विज्ञान और प्रौद्योगिकी समुदाय में अनुसंधान व विकास में करियर बनाने के लिए स्वयं को स्वतंत्र अनुसंधानकर्ता के रूप में स्थापित कर सकें.