क्या है वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम? क्या होता है दावोस सम्मेलन में? जानिए इसके बारे में सब कुछ
हर साल जनवरी में स्विटजरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम की बैठक होती है. इसमें दुनिया भर से 2500 से भी अधिक लोग शामिल होते हैं. इसमें दुनिया की तमाम समस्याओं पर चर्चा की जाती है.
इन दिनों वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम (World Economic forum) यानी विश्व आर्थिक मंच की बैठक चल रही है. यह बैठक हर साल जनवरी के महीने में होती है. साल 2022 में कोरोना संक्रमण की वजह से यह मई में हुई थी और वह भी वर्चुअल बैठक थी. स्विटजरलैंड के दावोस में होने वाली इस बैठक (Davos Summit) में 100 से भी अधिक लोगों के करीब 2500 लोग शामिल होते हैं. आइए जानते हैं क्या है वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम (WEF) और क्यों दुनिया भर के शक्तिशाली लोग यहां जमा होते हैं.
क्या है वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम?
विश्व आर्थिक मंच पब्लिक-प्राइवेट सहयोग के लिए काम करने वाली एक गैर-लाभकारी अंतरराष्ट्रीय संस्था है. इस मंच पर दुनिया भर के तमाम बड़े राजनेता और दिग्गज कारोबारियों समेत संस्कृति और समाज के लिए काम करने वाले लोगों को जगह दी जाती है. इनकी मदद से ग्लोबल, रीजनल और उद्योग से जुड़े मुद्दों पर बात की जाती है. इसकी शुरुआत साल 1971 में जर्मन अर्थशास्त्री Klaus Schwab ने की थी. यह स्विटजरलैंड के जिनेवा में स्थित है. इस फाउंडेशन को करीब 1000 मेंबर कंपनियों द्वारा फंड दिया जाता है, जिनमें खासकर ग्लोबल कंपनियां होती हैं, जिनका टर्नओवर 5 अरब डॉलर से भी अधिक होता है. साथ ही तमाम सरकारों से मिली सब्सिडी से भी इस संस्था की फंडिंग होती है.
Klaus Schwab कौन हैं?
वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम के फाउंडर और एग्जिक्युटिव चेयरमैन Klaus Schwab एक जर्मन अर्थशास्त्री हैं. इनका जन्म 30 मार्च 1938 में जर्मनी के रैवन्सबर्ग में हुआ था. उनके माता पिता पहले स्विटजरलैंड में ही रहा करते थे, लेकिन फिर वह जर्मनी शिफ्ट हो गए थे. 1961 में Klaus Schwab ने स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की है. उन्हें University of Fribourg से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की मानद उपाधि मिली हुई है. उन्हें कई अन्य यूनिवर्सिटी से भी ऑनरेरी डॉक्टरेट की उपाधि मिली हुई है. इसके अलावा उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के जॉन एफ. केनेडी स्कूल ऑफ गवर्नमेंट से मास्टर ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री ली हुई है. 1972 से 2003 तक Klaus Schwab जेनेवा यूनिवर्सिटी में बिजनेस पॉलिसी के प्रोफेसर भी रह चुके हैं. अभी वह जेनेवा यूनिवर्सिटी के ऑनरेरी प्रोफेसर हैं. उन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं.
क्या काम करता है वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम?
यह फोरम एक स्वतंत्र संस्था है, जो पूरी तरह से स्वतंत्र होकर दुनिया के विशेष हितों के लिए काम करती है. इसका मकसद दुनिया के उद्योगों, राजनीति, शैक्षिक और अन्य क्षेत्रों के प्रमुख लोगों एक साथ लाकर औद्योगिक दिशा तय करना है. वैसे तो इस मंच के पास कोई फैसला लेने की पावर नहीं है, लेकिन उसके पास राजनीतिक और व्यावसायिक नीति निर्णयों को प्रभावित करने की ताकत जरूर है. इसकी सालाना बैठक का यही मकसद होता है कि दुनिया भर के शक्तिशाली लोगों को साथ लाकर दुनिया भर की गंभीर समस्याओं पर चर्चा की जाए और तमाम चुनौतियों से निपटते हुए उसका कोई समाधान निकाला जाए.
क्यों है इसकी जरूरत?
दुनिया भर के सभी देश अपने लोगों को हितों को ध्यान में रखते हुए तमाम काम करते हैं. हालांकि, कई ऐसे काम होते हैं, जिनसे एक देश का तो भला होता है, लेकिन दूसरे का नुकसान हो सकता है. ऐसे में विश्व आर्थिक मंच पर इन मुद्दों पर बात की जा सकती है. साथ ही युद्ध आदि के बाद किसी देश में जो हालात पैदा हो जाते हैं, उनसे कैसे निपटा जाए, इस पर भी बात की जाती है. पिछले सालों में दुनिया भर में तकनीक ने तेजी से पांव पसारा है, लेकिन इसके पर्यावरण पर कई दुष्प्रभाव भी होते हैं. ऐसे में हर देश के सामने पर्यावरण को बचाने की चुनौती है और इन सभी मुद्दों पर विश्व आर्थिक मंच पर चर्चा होती है. यहां तक कि अगर किसी देश के किसी वर्ग या समुदाय से जुड़ा कोई बड़ा मामला होता है, तो उस पर भी चर्चा की जाती है और समाधान ढूंढने की कोशिश होती है.