नितिन गडकरी की जिंदगी में भी रहा है बुलडोजर से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा

यह किस्सा उस वक्त का है, जब नितिन गडकरी की नई-नई शादी हुई थी. नितिन गडकरी सार्वजनिक मंचों से इस किस्से का जिक्र भी कर चुके हैं.

नितिन गडकरी की जिंदगी में भी रहा है बुलडोजर से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा

Friday May 27, 2022,

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भारत में पिछले कुछ दिनों से बुलडोजर काफी चर्चा में रहा है. न्यूज हो, मीम्स हों या फिर आपस में बात करते लोग...बुलडोजर हॉट टॉपिक रहा और अभी भी कुछ हद तक है. वैसे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ​(Nitin Gadkari) की​ जिंदगी में भी बुलडोजर से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा रहा है. यह किस्सा उस वक्त का है, जब नितिन गडकरी की नई-नई शादी हुई थी. नितिन गडकरी सार्वजनिक मंचों से इस किस्से का जिक्र भी कर चुके हैं.

वाकया कुछ इस तरह है कि महाराष्ट्र में रामटेक तालुका में एक सड़क के लिए रोड बाइंडिंग का काम हो रहा था. जो घर बीच में आ रहे थे, उनमें गडकरी के ससुर का घर भी था. उस वक्त गडकरी की नई-नई शादी हुई थी और वह महाराष्ट्र में पीडब्ल्यूडी मंत्री थे. जब अधिकारियों ने उन्हें बताया कि बीच में आने वाले घरों में उनकी पत्नी के पिता का भी घर है तो गडकरी ने कहा कि चाहे किसी का भी घर हो, हटा दो. उन्होंने अपनी पत्नी को बताए बिना अधिकारियों से कहकर ससुर जी के घर पर बुलडोजर चलवा दिया और सड़क का काम पूरा कराया.

उनका मानना है कि नेताओं को अतिक्रमण का बचाव करने का पाप नहीं करना चाहिए. नितिन गडकरी 1996-99 तक महाराष्ट्र में पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे हैं.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी

130 kmph की स्पीड से दौड़ती कार और थर्मस से निकाली चाय....

नितिन गडकरी गुणवत्तापूर्ण काम को चाहने वाले के तौर पर जाने जाते हैं. सड़क के कंस्ट्रक्शन में क्वालिटी से समझौता उन्हें बर्दाश्त नहीं है. क्वालिटी की टेस्टिंग भी वे अपने अलग अंदाज में करते हैं. ऐसा ही एक अनोखा टेस्ट उन्होंने सालों पहले मुंबई-पूना एक्सप्रेसवे को लेकर किया था.

महाराष्ट्र में पीडब्ल्यूडी मंत्री के तौर पर गडकरी के कार्यकाल के दौरान 1998 में मुंबई-पूना एक्सप्रेस वे पर काम शुरू हुआ था. गडकरी मुंबई-पूना एक्सप्रेस वे का एक सेक्शन चेक करने गए थे. उनके साथ हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक अजीत गुलाबचंद भी थे. रोड़ की क्वालिटी चेक करने के लिए गडकरी ने उनसे कहा था कि जब कार 120-130 kmph की स्पीड पर होगी तो वह गाड़ी में चाय पिएंगे और अगर चाय की एक बूंद भी गिरी तो गडकरी उन्हें छोड़ेंगे नहीं.

क्या हुआ आगे..

इसके बाद गडकरी ने जैसा कहा था, जब गाड़ी 120-130 kmph की स्पीड पर थी तो गडकरी ने थर्मस में से चाय कप में डालकर पी. चलती कार में चाय बिल्कुल भी नहीं गिरी. तब जाकर माना गया कि सड़क ठीक है.