जब Jet Harrier देने का मजाक Pepsi को पड़ा भारी, 20 साल का लड़का बोला- 'मेरा जेट कहां है?'
पेप्सी ने एक विज्ञापन बनाया था, जिसमें जेट हैरियर देने की बात कही थी. कंपनी का ये मजाक उसे बहुत भारी पड़ा. एक 20 साल के लड़के ने कंपनी की सारी शर्तें पूरी कर दीं और बोला- 'मेरा जेट कहा है?'
जब बात आती है कोल्ड ड्रिंक की तो दो ही कंपनियां एक दूसरे को टक्कर देती दिखती हैं. पहली है कोका कोला (Coca Cola) और दूसरी है पेप्सिको (Pepsico). एक दूसरे से आगे रहने के चक्कर में ये कंपनियां काफी आकर्षक विज्ञापन दिखाती हैं, ताकि अधिक से अधिक लोगों को अपना ग्राहक बना सकें. इसी चक्कर में कई बार ये कंपनियां कुछ ऐसी गलतियां कर बैठती हैं, जो उनके गले की फांस बन जाती हैं. 90 के दशक में ऐसी ही एक गलती की थी पेप्सी (Mistake of Pepsi) ने. इस गलती की वजह से पेप्सी (Pepsi) भारी मुसीबत में पड़ गई थी और मामला सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा था.
1996 में शुरू हुई ये कहानी
ये बात है 1996 की, जब पेप्सिको एक पूरी जनरेशन को ही अपनी ओर आकर्षिक करना चाहता था. उस दौरान पेप्सी ने एक प्वाइंट स्कीम शुरू की थी. लोग खूब सारी पेप्सी पीते थे और उनसे जमा हुए प्वाइंट्स से पेप्सी की ब्रांडिंग वाले प्रोडक्ट्स लेते थे. 60 प्वाइंट पर हैट मिलता था. 400 प्वाइंट पर डेनिम जैकेट मिलती थी. लेकिन अपने एक विज्ञापन में पेप्सी ने मजाक-मजाक में ये कह दिया कि जो 70 लाख प्वाइंट जमा करेगा, उसे ब्रांड न्यू जेट हैरियर मिलेगा. कंपनी ने ये बात मजाक में तो कही, लेकिन डिसक्लेमर देना भूल गई कि ये मजाक है और जेट हैरियर नहीं मिल सकता. बस पेप्सी की यही गलती आगे चलकर एक कहानी में तब्दील हो गई.
20 साल के लड़के ने पेप्सी की नाक में किया दम
करीब 20 साल के एक कॉलेज स्टूडेंट जॉन लियोनार्ड (John Leonard) ने जब वो विज्ञापन देखा तो उसे बार-बार देखा और ये सुनिश्चित किया इसमें कोई डिसक्लेमर नहीं है. इसके बाद उसने तय किया कि वह 70 लाख प्वाइंट जमा करेगा और जेट हैरियर उसे मिल जाएगा. उसके इसके लिए प्लान बनाना शुरू किया कि कैसे वह इतने प्वाइंट जमा करेगा. पूरी कैल्कुलेशन के बाद जॉन को समझ आया कि इसमें बहुत सारा पैसा खर्च होगा.
इसके बाद जॉन ने टोड हॉफमैन (Todd Hoffman) को अपने इस प्लान के बारे में बताया. टोड एक बिजनेसमैन थे, जिन्हें एडवेंचर बहुत पसंद था. वह बर्फीले पहाड़ों पर खूब चढ़ा करते थे. जॉन ने भी कुछ समय तक माउंट गाइड का काम किया था. ऐसे ही एक एडवेंचर के दौरान दोनों की मुलाकात हुई थी. टोड के पास काफी पैसा था और साथ ही रिस्क लेने की ताकत भी. ऐसे में जब टोड ने पेप्सी का वह विज्ञापन देखा तो उसे बार-बार देखा और फिर दोनों ने मिलकर यह तय किया कि चलो प्वाइंट इकट्ठा किए जाएं. जॉन ने प्लान बनाना शुरू कर दिया कि कितनी पेप्सी खरीदनी होगी, इतनी सारी पेप्सी को रखेंगे कहां और कितने पैसे खर्च होंगे. इस प्लान में एक बड़ी दिक्कत ये थी कि कहीं प्वाइंट जमा करते-करते बहुत देर हो गई और तब तक कंपनी का ऑफर एक्सपायर हो गया तो सारी मेहनत बेकार हो जाएगी. उसके बाद जॉन ने पेप्सी खरीदकर प्वाइंट जमा करने के प्लान को छोड़ दिया.
जॉन को तभी मिला एक खास आइडिया
इसी बीच जॉन ने पेप्सी के ब्रॉशर में देखा कि अगर कोई चाहे तो 10 सेंट प्रति प्वाइंट के हिसाब से प्वाइंट खरीद सकता है और उनसे पेप्सी ब्रांड वाले प्रोडक्ट खरीद सकता है. इस तरह जॉन ने कैल्कुलेशन की तो पता चला कि सिर्फ 7 लाख डॉलर में ही 2.3 करोड़ डॉलर का हैरियर जेट मिल रहा था. जॉन ने जब इस बारे में टोड को बताया तो उन्होंने तुरंत ही 7 लाख डॉलर का चेक काट दिया. इधर जॉन और टोड ने मिलकर सिर्फ 7 लाख डॉलर में 2.3 करोड़ डॉलर के हैरियर जेट को खरीदने का पूरा प्लान बना लिया था, उधर पेप्सी को इसकी कोई भनक ही नहीं थी.
जब जॉन का चेक पेप्सिको के पास पहुंचा तो पहले तो उसे देखकर सभी अधिकारियों ने उसे मजाक समझा, लेकिन बाद में समझ आया कि यह गंभीर मामला था. पेप्सिको ने इस पर काफी समय तक सोच-विचार किया और इस खेल में अपनी पहली चाल चल दी. पेप्सी ने जॉन के खिलाफ केस फाइल कर दिया. जब इसका पता जॉन और टोड को चला तो उन्होंने भी पेप्सी के खिलाफ केस दायर कर दिया. इसके बाद कंपनी ने सोचा कि मामले का सेटलमेंट किया जाए. कंपनी ने वकीलों की एक फौज से जॉन और टोड की मीटिंग रखी. दोनों अपने वकील के साथ वहां पहुंचे, लेकिन सेटलमेंट नहीं किया और जॉन इसी जिद पर अड़े रहे कि उन्हें जेट हैरियर ही चाहिए, क्योंकि कंपनी ने विज्ञापन में वही देने की बात कही है.
सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुंचा मामला
अब मामला गंभीर हो चुका है. जो बात अब तक सिर्फ कंपनी और जॉन के बीच थी, वह धीरे-धीरे मीडिया तक पहुंची और वहां से पब्लिक तक. ये बातें भी होने लगीं कि क्या जेट हैरियर आम आदमी खरीद सकता है? इसी बीच सरकार ने एक बयान दिया और कहा कि कोई भी आम आदमी जेट हैरियर नहीं रख सकता है. वहीं पेप्सी की तरफ से बयान आया कि जॉन और उनके साथी गलत तरीके से कंपनी से पैसे ऐंठना चाहते हैं. वहीं पेप्सी ने अपना विज्ञापन भी बदल दिया और उसके आंकड़े बढ़ा दिए गए. खैर, मामला एक के बाद एक कोर्ट में चलता रहा और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. आखिरकार वहां से भी जॉन को मायूसी ही हाथ लगी और फैसला कंपनी के हक में आया. कोर्ट ने कहा कि इस विज्ञापन को देखकर ही समझ आता है कि यह सिर्फ एक मजाक था. जॉन केस तो हार गए, लेकिन जिसने भी इस किस्से को सुना, उसने यही कहा कि जॉन को जेट हैरियर मिलना चाहिए था, क्योंकि कंपनी ने अपने विज्ञापन में जेट हैरियर देने का वादा किया था.