लॉकडाउन में काम ठप हुआ तो 'मिसेज इडली' बनकर उभरीं गीता, अब नए सिरे से पा रही हैं सफलता
कठिन समय में अपने हौसले को बुलंद रखते हुए गीता ने दिल्ली के शालीमार इलाके में खाने के एक स्टॉल की शुरुआत करने का निर्णय लिया और इसका नाम ‘मिसेज इडली’ रखा गया। इस स्टॉल की शुरुआत गीता ने अपने ग्राहकों को इडली और सांभर परोसने के साथ की।
गीता जायसवाल कोरोना महामारी के चलते लागू हुए लॉकडाउन के पहले प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए टिफिन सर्विस चलाती थीं, हालांकि लॉकडाउन के लगते ही उनका यह व्यवसाय बिल्कुल बंद हो गया और इसी के साथ गीता की आमदनी भी बंद हो गई। गीता के लिए यह एक बुरे समय की तरह था, लेकिन उन्होंने जल्द ही इस परिस्थिति से बाहर आने की ठान रखी थी।
कठिन समय में अपने हौसले को बुलंद रखते हुए गीता ने दिल्ली के शालीमार इलाके में खाने के एक स्टॉल की शुरुआत करने का निर्णय लिया और इसका नाम ‘मिसेज इडली’ रखा गया। इस स्टॉल की शुरुआत गीता ने अपने ग्राहकों को इडली और सांभर परोसने के साथ की।
स्टॉल के नाम के बारे में बात करते हुए गीता कहती हैं कि वह कुछ ऐसा नाम रखना चाहती थीं जो थोड़ा अलग हो और लोगों को याद भी रहे, बस इसीलिए उन्होंने ‘मिसेज इडली’ नाम का चुनाव किया।
दिल्ली आकर शुरू किया व्यवसाय
साल 2016 में गीता जायसवाल इलाहाबाद से दिल्ली आ गई थीं और यहाँ आकर उन्होंने दिल्ली में बाहर से आए छात्रों के लिए टिफिन सेवा की शुरुआत की थी। गीता की यह टिफिन सेवा अपनी रफ्तार पकड़ चुकी थी, लेकिन तभी कोरोना वायरस का प्रकोप फैलने लगा और छात्र दिल्ली से अपने गृह नगरों की तरह बढ़ गए। इसके बाद ही लागू हुए देशव्यापी लॉकडाउन ने गीता के इस बिजनेस को पूरी तरह बंद होने पर मजबूर कर दिया।
गीता ने इसके बाद घर चलाने के लिए मरीजों की देखभाल करने जैसे काम भी किए, लेकिन आखिर में अपनी बेटी के सुझाव के साथ उन्होंने इडली सांभर का छोटा स्टॉल खोलने का निर्णय कर लिया। शुरुआत में छोटी-बड़ी कुछ समस्याएँ गीता के सामने जरूर आईं, लेकिन उन्होंने जल्द ही उनसे भी पार पा लिया।
बड़ा हो गया स्टॉल
गीता पहले अपने छोटे से स्टॉल के साथ सिर्फ इडली बेच रही थीं, लेकिन उन्हें कुछ भले लोगों ने एक बड़ा स्टॉल गिफ्ट किया, जिससे गीता को उनके व्यवसाय बड़ा करने के लिए जगह और मौके दोनों मिल गए। इसके बाद गीता ने अपने स्टॉल में इडली सांभर के साथ अब ग्राहकों के लिए डोसा भी बनाना शुरू कर दिया।
प्लेन इडली से शुरुआत करने वाली गीता ने वैरायटी जोड़ते हुए चॉकलेट इडली, मसाला इडली और पिज्जा इडली भी अब अपने ग्राहकों को परोसनी शुरू कर दी हैं। गौरतलब है कि जो भी पैसा गीता अपने इस स्टॉल के कमाती हैं उसका एक बड़ा हिस्सा वे अपनी बेटी की शिक्षा के लिए खर्च करती हैं।
ग्राहकों के लिए शुद्ध खाना
अपने इस स्टॉल के जरिये गीता अपने ग्राहकों को शुद्ध देसी घी में बना हुए डोसा ही परोसती हैं। अपने इस काम के साथ ही गीता सुबह अपने परिवार के लिए खाना बनाती हैं और इसके बाद वे अपने स्टॉल की तैयारियों में लग जाती हैं। गीता अपने स्टॉल का संचालन शाम 5 बजे से रात 10 बजे तक करती हैं।
आज गीता अपने इस ‘मिसेज इडली’ स्टॉल के जरिये हर दिन 2500 से 3000 रुपये की कमाई कर लेती हैं। गौरतलब है कि गीता अपने घर में कमाने वाली अकेली सदस्य हैं और वह फिलहाल अपनी बेटी और अपनी सास के साथ रहती हैं।
Edited by रविकांत पारीक