इस माँ ने शिक्षक की नौकरी छोड़ शुरू कर दिया खुद का Playdough ब्रांड, आज बच्चों को रसायन मुक्त Playdough उपलब्ध करा रही हैं दीप्ति
दीप्ति भंडारी द्वारा शुरू किया गया, बेंगलुरु स्थित Dohdough बच्चों के लिए पर्यावरण के अनुकूल, जैविक और रासायनिक मुक्त खेलने Playdough उपलब्ध करा रहा है।
उद्यमिता कोई बच्चों का खेल नहीं है, लेकिन कुछ लोग इस कथन के लिए अपवाद साबित हुए हैं। ऐसी ही उद्यमी मां दीप्ति भंडारी हैं, जो अपने बच्चे के साथ खेलने में कई घंटे बिताया करती थीं और ऐसे ही खेल के दौरान उनेक दिमाग में एक बिजनेस आइडिया आ गया। अपने छोटे बेटे को रंग और आकार सिखाने के लिए दीप्ति सुरक्षित और रसायन रहित खेल सामग्री चाहती थीं, इसी विचार के साथ उन्होने जून 2019 में एक ऑर्गेनिक playdough (क्ले मिट्टी) व्यवसाय, Dohdough की शुरुआत की। इतना ही नहीं, दीप्ति ने बेंगलुरु में 10 साल तक की उम्र के बच्चों के लिए एक एक्टिविटी सेंटर भी शुरू किया था, जो कोरोना वायरस के चलते लागू हुए लॉकडाउन के पहले तक संचालित था।
ऐसे हुई शुरुआत
दीप्ति जब पहली बार अपने घर में playdough लेकर आई, तो वह यह देखकर चकित रह गई कि उसके साथ खेलने में कितना सुकून मिलता है। उन्होने समझा कि किस तरह मिट्टी को विभिन्न आकार में रोल करने और ढालने की प्रक्रिया को छोटे बच्चों के भीतर कौशल विकसित करने और रचनात्मकता को जगाने के साथ ही हाथ से आँख के समन्वय में सुधार करने में मदद करने में कारगर है।
हालाँकि, जब उन्होने बड़े ब्रांडों द्वारा व्यावसायिक रूप से उत्पादित playdough की सुरक्षा के बारे में चिंता जताते हुए एक लेख को पढ़ा तो दीप्ति ने अपने घर में ही प्रयोग करते हुए प्लेडो बनाना शुरू कर दिया।
वो कहती हैं, “एक अमेरिकी पत्रिका के अनुसार अधिकांश playdough में बोरेक्स, सोडियम फॉस्फेट और केरोसिन जैसे कई रसायन होते हैं जो बच्चों के लिए बिल्कुल भी बेहतर नहीं होते हैं।”
इंटरनेट पर इसे बनाने के तरीके देखने और उसके साथ किए गए कई परीक्षणों के बाद उन्होंने कुछ रंगीन और सुगंधित playdough को उपयोग के साथ-साथ दोस्तों और परिवार के बीच बांटने के लिए बनाया। यह उत्पाद इतना लोकप्रिय था कि एक मित्र ने उसे व्यावसायिक रूप से बेचने का आग्रह किया।
दीप्ति ने इस सलाह को गंभीरता से लिया और इंस्टाग्राम, फेसबुक और बैंगलोर में तीन अलग-अलग पॉप-अप स्टोर के माध्यम से अपने इस खास प्लेडो को बेचना शुरू कर दिया। दीप्ति ने अपनी एक्टिविटी सेंटर में भी इसी का इस्तेमाल किया था।
दीप्ति यह जानकार आश्चर्यचकित थीं कि कितने अन्य माता-पिता उनके इस उत्पाद से सहमत थे, इसके बाद दीप्ति ने और प्रयोग करने शुरू कर दिये। दीप्ति के अनुसार, लोग जैविक और रासायनिक मुक्त चीजें ढूंढ रहे हैं, जो फिलहाल स्टोर से खरीदे गए उत्पादों में आसानी से उपलब्ध नहीं है।
वह आगे कहती हैं कि Dohdough के उत्पाद अपनी नरम बनावट और स्वस्थ अवयवों के कारण सबसे आगे खड़े हैं। उनका दृढ़ विश्वास है कि बड़े पैमाने पर निर्मित उत्पाद लंबी शेल्फ लाइफ क बावजूद समय के साथ सख्त हो जाते हैं।
225 रुपये और 2000 रुपये के बीच की कीमत, Dohdough के उत्पादों को ऑर्डर देने के बाद ही छोटे बैचों में बनाया जाता है। दीप्ति अपने सोशल मीडिया चैनलों, अन्य ऑनलाइन मार्केटप्लेस और साथ ही Dohdough की अपनी वेबसाइट से ऑर्डर पाती हैं।
IMARC ग्रुप के अनुसार, भारत में बच्चों के खिलौने का बाजार 2020 में 1.23 बिलियन डॉलर का था, और 2021 और 2026 के बीच, बाजार के 12.2 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद है। बाजार में कुछ प्रमुख प्रतियोगी फनस्कूल, फैबर कास्टेल और Play Doh हैं।
उद्यमिता का सफर
दीप्ति उद्यमिता के लिए पूरी तरह से नई नहीं थीं। एक व्यवसायी परिवार से ताल्लुक रखने वाली दीप्ति ने अपने पिता के साथ लगभग डेढ़ साल तक पारिवारिक लोहा और इस्पात व्यवसाय में काम किया था, जहाँ उन्होंने एक कंपनी चलाने का अनुभव हासिल किया था।
हालांकि, Dohdough के साथ दीप्ति की कोई निर्धारित योजना नहीं थी। वह कहती हैं, "मैं काफी अनजान थी और बाद में ही पता चला कि अन्य उद्यमी समय आधारित लक्ष्य बनाते हैं और महिला उद्यमिता प्लेटफार्मों के माध्यम से ध्यान केंद्रित करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों का चार्ट तैयार करते हैं।"
इसके अतिरिक्त, चूंकि Dohdough छह महीने की सख्त शेल्फ लाइफ बनाए रखता है और पर्यावरण के अनुकूल है, इसलिए अत्यधिक आशाजनक रिटेल मार्केट में प्रवेश करना भी एक चुनौती है। वे आगे कहती हैं,
“रिटेल में प्रवेश करने के लिए प्लास्टिक पैकेजिंग सस्ती है और आसानी से उपलब्ध भी है, लेकिन हम पर्यावरण के प्रति जागरूक पैकेजिंग को बढ़ावा देने के लिए कार्डबोर्ड बॉक्स के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं।”
दीप्ति ने उत्पाद श्रृंखला में अन्य उपकरण भी जोड़े हैं जैसे लकड़ी के रोलिंग पिन, डो को काटने वाले चाकू और लकड़ी के स्टैम्प आदि। यह पूछे जाने पर कि क्या वह अन्य खिलौनों में विविधता लाने की योजना बना रही है, दीप्ति कहती है, अभी के लिए वह केवल सुरक्षित और गैर रसायन वाले Playdough बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।
Edited by रविकांत पारीक