कौन हैं ये भगौड़े अपराधी जो ED की वांटेड लिस्ट में शामिल हैं?
कौन है वे भगौड़े अपराधी जो प्रवर्तन निदेशालय की वांटेड लिस्ट में रहे हैं, जिनके लिए इंटरपोल द्वारा रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया.
भारत सरकार के प्रवर्तन निदेशालय ईडी (Enforcement Directorate) की छानबीन और छापों से सम्बंधित दो हाई-प्रोफाइल मामले चर्चा में हैं. पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के दो राजनेता ईड़ी के छापों के बाद हिरासत में हैं.
कल 2 अगस्त को संसद में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने भारत के 25 सबसे बड़े विलफुल डिफॉल्टर पर विभिन्न बैंको का क़रीब 58,958 करोड़ रुपये बकाया होने की जानकारी दी. यह आंकड़ा 31 मार्च 2022 तक का है. विलफुल डिफॉल्टर ऐसे लोगों या कंपनियों को कहते हैं जिनके पास क़र्ज़ चुकाने की क्षमता है लेकिन फिर भी उन्होंने क़र्ज़ चुकाने से बचने के लिए खुद को दिवालिया घोषित कर रखा है. सरकार के मुताबिक़ देश की सबसे बड़ी विलफुल डिफॉल्टर मेहुल चोकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स लिमिटेड है जिसपर विभिन्न बैंको का क़रीब 7,110 करोड़ रुपये का क़र्ज़ है.
हम जानते हैं कि हर साल आर्थिक अपराधों के कई मामलों में ईडी की छापेमारी होती है और काला धन जब्त किया जाता है. लेकिन कुछ ऐसे अपराधी ऐसे हैं जो क़ानून की पकड़ में नहीं आए हैं और देश से फ़रार हैं. ईडी की वेबसाइट पर ऐसे अपराधियों की लिस्ट है जिनके लिए ईडी ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया हुआ है.
पहले समझते हैं कि रेड कॉर्नर नोटिस क्या होता है और कौन-कौन लोग हैं जो आर्थिक मामलों में सरकार की मोस्ट वांटेड लिस्ट में हैं.
क्या होता है रेड कॉर्नर नोटिस ?
रेड कॉर्नर नोटिस ईडी द्वारा नहीं इंटरपोल (Interpol) द्वारा जारी किया जाता है. इंटरपोल एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है जिसके 196 देश सदस्य हैं. इसका काम अपने सदस्य देशों की पुलिस की मदद करना है ताकि वे उन अपराधों को सुलझा सकें जिनमें अपराध और अपराधी एक से ज़्यादा देशों में वांछित हों या जिनके अपराध का दायरा एक देश की सीमा से परे हो.
अगर किसी देश से फ़रार अपराधी उस देश में मुक़दमा चलाने के लिए या सज़ा भुगतने के लिए वांछित हो तो इंटरपोल उसे पकड़ने के लिए रेड कॉर्नर नोटिस (Red Corner Notice) जारी करती है. रेड कॉर्नर नोटिस जारी होने के बाद सभी देशों की पुलिस को यह सूचना मिल जाती है और वे उसे ढूँढ कर अपने देश में अस्थायी रूप से गिरफ़्तार कर सकती हैं. गिरफ़्तारी के बाद मूल देश को उसको सुपुर्द करना गिरफ़्तार करने वाले देश और मूल देश के बीच प्रत्यर्पण संधि (extradition pact) पर निर्भर करता है.
इंटरपोल की वेबसाइट के मुताबिक़ इस समय 7168 अपराधियों के लिए रेड कॉर्नर नोटिस निकला हुआ है. इन में से 19 अपराधी ईडी की वांटेड लिस्ट में हैं. कुछ समय पहले ईडी ने फ़रार उद्योगपति के लिए भी रेड कॉर्नर नोटिस के लिए प्रक्रिया शुरू की थी लेकिन वह अभी तक जारी नहीं हुआ है.
कौन-कौन हैं ED की वॉंटेड लिस्ट में?
मेनन फ़ैमिली
गैंगस्टर इकबाल मिर्ची की पत्नी हाजरा मेमन और दोनों बेटे आसिफ और जुनैद भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 (Fugitive Economic Offenders Act- FEOA) के तहत ईडी की वांटेड लिस्ट में हैं.
साल 2019 में ईडी ने इकबाल मेमन उर्फ मिर्ची के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था. फिर ED ने मेनन परिवार के सदस्यों से संबंधित 15 संपत्तियों को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 (PMLA) के तहत जब्त किया. इन संपत्तियों का कुल मूल्य 203 करोड़ रुपये बताया गया है. ईडी इस मामले में अब तक 776 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुका है. स्पेशल PMLA कोर्ट के द्वारा दिसंबर 2019 में चार्जशीट फाइल की गई थी, जिसके बाद कोर्ट ने इकबाल के दोनों बेटों आसिफ मेमन, जुनैद मेमन और मिर्ची की पत्नी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था.
मिर्ची को माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम का ड्रैग ट्रैफिकिंग और पैसे वसूली के धंधे में दाहिना हाथ माना जाता था. ईडी के छापे और कोर्ट की तरफ से चार्जेज लगने पर वह लंदन भाग गया था जहां 2013 में उसकी मौत हो गई. उसका परिवार अभी भी फ़रार है.
नीरव मोदी फ़ैमिली और उसके सहयोगी
हीरा कारोबारी नीरव मोदी के खिलाफ ईडी ने PMLA की जांच के तहत बड़ी कारवाई को अंजाम दिया था. ईडी ने पंजाब नेशनल बैंक के 2 अरब डॉलर के घोटाले में नीरव मोदी से जुडी क़रीब 250 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी. अपने केस की कानूनी लड़ाई हार चुकने के बाद नीरव मोदी भाग लंदन गए. नीरव मोदी विजय माल्या के बाद दूसरा ऐसा कारोबारी है जिसे नए भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के तहत भगोड़ा आर्थिक अपराधी करार दिया गया है. नीरव मोदी अभी ब्रिटेन की जेल में बंद है. भारत सरकार उनके प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही है.
नेहल मोदी नीरव मोदी के सौतेले भाई हैं. नेहल मोदी पर अमेरिका में थोक हीरा विक्रेता कंपनी एलएलडी के साथ 1 मिलियन डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी का आरोप है. मोदी पर मैनहट्टन में एलएलडी कंपनी से 2.6 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के हीरे लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में 'फर्स्ट डिग्री में बड़ी चोरी' का आरोप है. अमेरिकी कानूनों में फर्स्ट डिग्री में चोरी का मामला तब दर्ज होता है जब उस चोरी या धोखाधड़ी की रकम 1 मिलियन डॉलर से ज्यादा हो. यह केस अमेरिका के कोर्ट में चल रहा है. नेहल मोदी पर नीरव मोदी द्वारा पंजाब नेशनल बैंक के साथ की गई धोखाधड़ी से जुड़े साक्ष्यों को नष्ट करने के भी आरोप हैं. इसीलिए वह ईडी की रेड कॉर्नर लिस्ट में है.
नीरव मोदी के एक और भाई निशाल मोदी, उनकी पत्नी एमी मोदी और उनके बिज़नेस सहयोगियों आदित्य नानावटी और मिहिर भंसाली के ख़िलाफ़ भी रेड कॉर्नर निकला हुआ है. ये सभी बेल्जियम में हैं और वहाँ की सरकार उन्हें प्रत्यर्पित करने से अभी तक इंकार करती आयी है.
नीरव मोदी के एक और करीबी सुभाष शंकर परब को रेड कॉर्नर निकलने के बाद मिश्र की राजधानी काहिरा में गिरफ़्तार कर लिया गया. इस साल अप्रैल में सरकार प्रत्यर्पण करवा कर उसे वहाँ से भारत लाने में सफल रही.
मेहुल चोकसी और उसके सहयोगी
पीएनबी को 13500 करोड़ रुपये का चूना लगाने के आरोप में ईडी ने चोकसी पर मनीलोंड्रिंग का केस चलाया था. ईडी की कारवाई के बाद मेहुल चोकसी भारत छोड़ एंटीगा भाग गया. चोकसी ने जनवरी 2018 के पहले सप्ताह में भारत से भागने से पहले ही निवेश कार्यक्रम द्वारा नागरिकता का उपयोग करते हुए 2017 में एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली थी. एंटीगा में चोकसी लम्बे समय के लिए टिका. पिछले साल मई के अंतिम हफ्ते में चोकसी भागकर डोमिनिका पहुंचा. जिसके बाद उसके प्रत्यर्पण को लेकर चर्चा थी कि उसे सीधे वहां से भारत भेजा जा सकता है. लेकिन डोमिनिका की सरकार ने कहा कि चोकसी को एंटीगा को ही सौंपा जाएगा क्योंकि उसके पास वहीँ की नागरिकता है. चोकसी के लिए एक फ़र्ज़ी कम्पनी चलाने वाले राकेश गजेरा, चोकसी की कम्पनी गीतांजलि ग्रुप के बिजनेस हेड सुनील वर्मा के नाम भी रेड कॉर्नर निकला हुआ है.
इनके अलावा पंजाब का ड्रग्स रैकेट सरग़ना अनूप सिंह काहलो, महाराष्ट्र का एक पूर्व ब्यूरोक्रेट नितिन जे ठाकुर, डिफ़ेंस क्षेत्र में कंसलटेंट संजय भंडारी, ऑगस्टा वेस्टलैंड मामले में वांछित दलाल कार्लो वेर्ग़ोसा, और जयेशइंद्रवदन शाह भी ईडी की वेबसाइट पर वांटेड लिस्ट में हैं.
सरकार द्वारा राज्य सभा में एक प्रश्न के जवाब में उपलब्ध करायी गयी जानकारी के मुताबिक़ ठाकुर को यूएई में गिरफ़्तार कर लिया गया है जबकि कार्लो वेर्ग़ोसा के प्रत्यर्पण से इटली की सरकार ने अब तक इंकार किया है.