‘बिकिनी किलर’ और ‘द सर्पेंट’ के नाम से कुख्यात चार्ल्स शोभराज कौन है?
78 वर्षीय चार्ल्स शोभराज वर्ष 1972 से 76 के दौरान ज्यादातर एशिया आने वाले पश्चिमी देशों के पर्यटकों को अपने जाल में फंसाता था और बाद में उन्हें मादक पदार्थ खिलाकर उनकी हत्या कर देता था. उसने जिन लोगों की हत्या की थी उनमें से दो महिलाओं के शव केवल बिकिनी में मिले थे.
नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को ‘बिकिनी किलर’ और ‘द सर्पेंट’ के नाम से कुख्यात फ्रांसीसी ‘सीरियल किलर’ चार्ल्स शोभराज को उसकी सेहत के आधार पर रिहा करने का आदेश दे दिया. शोभराज हत्या के आरोप में वर्ष 2003 से उम्रकैद की सजा काट रहा है.
सुप्रीम कोर्ट के सूत्रों के मुताबिक, जस्टिस सपना प्रधान मल्ला और जस्टिस तिलक प्रसाद श्रेष्ठ की संयुक्त पीठ ने 78 वर्षीय शोभराज को जेल से रिहा करने का फैसला सुनाया.
सर्वोच्च अदालत ने शोभराज की उस याचिका पर यह फैसला सुनाया जिसमें उसने दावा किया है कि वह उसके लिए निर्धारित अवधि से अधिक का समय जेल में बिता चुका है.
अदालत ने अपने फैसले में संबंधित अधिकारियों से कहा कि वे 15 दिनों के अंदर शोभराज के स्वदेश लौटने की व्यस्था करें. अपनी याचिका में शोभराज ने दावा किया था कि वह नेपाल के वरिष्ठ नागरिकों को दी गई ‘छूट’ के अनुरूप अपनी जेल की सजा पूरी कर चुका है.
क्यों हो रही है रिहाई?
नेपाल में उन कैदियों को रिहा करने का विधिक प्रावधान है जो कारावास के दौरान अच्छे चाल-चलन के साथ सजा का 75 फीसदी हिस्स जेल में बिता चुके हों.
उसने दावा किया वह दी गई 20 साल की सजा में से 17 साल पहले ही जेल में बिता चुका है और अच्छे चाल-चलन के कारण उसे रिहा करने की सिफारिश पहले ही की जा चुकी है. शोभराज को अगस्त, 2003 में काठमांडू के एक ‘कसीनो’ से पकड़ा गया था.
‘बिकिनी किलर’ और ‘द सर्पेंट’ के नाम से था कुख्यात
78 वर्षीय चार्ल्स शोभराज वर्ष 1972 से 76 के दौरान ज्यादातर एशिया आने वाले पश्चिमी देशों के पर्यटकों को अपने जाल में फंसाता था और बाद में उन्हें मादक पदार्थ खिलाकर उनकी हत्या कर देता था. उसने जिन लोगों की हत्या की थी उनमें से दो महिलाओं के शव केवल बिकिनी में मिले थे. शातिर तरीके से लोगों को धोखा देने और छलने के अपने कृत्य के कारण शोभराज ‘बिकिनी किलर’ और ‘द सर्पेंट’ के नाम से कुख्यात हो गया था.
कौन है चार्ल्स शोभराज?
भारतीय और वियतनामी माता-पिता की संतान चार्ल्स शोभराज फ्रांस के कब्जे वाले सैगन में 1940 में पैदा हुआ था. उसके पिता एक भारतीय कारोबारी थे जबकि मां एक दुकान पर असिस्टेंट का काम करती थीं. उसके माता-पिता ने शादी नहीं की थी और उसके पिता ने कभी उसे अपना नाम नहीं दिया.
शोभराज की मां ने बाद में एक फ्रांसीसी सैनिक से शादी कर ली थी जिसके बाद वह फ्रांस चला गया था. ऐसा कई बायोग्राफीज और आर्टिकल्स में लिखा गया कि शोभराज अपने पिता द्वारा छोड़े जाने से दुखी था और अपनी मां के नए परिवार में कभी सेटल नहीं हो पाया. उसने बहुत जल्दी ही अपराध की दुनिया में कदम रख दिया और किशोरावस्था से ही जेल के चक्कर लगाने लगा था.
ऐसे बना सीरियल किलर
शोभराज ने जब दुनिया घूमना शुरू किया तब उसने एशिया की यात्रा करने वाले पश्चिमी हिप्पी ट्रैवेलर्स को निशाना बनाना शुरू किया. वह उनके ड्रिंक्स में मादक पदार्थ मिला था और फिर उन्हें मार डालता था. अक्सर उसकी महिला सहयोगी इसमें उसकी मदद करती थीं.
शोभराज के नाम कई ‘यात्रियों’ (बैकपैकर्स) की हत्या से जुड़े हैं. माना जाता है कि शोभराज ने 1970 के दशक में 15 से 20 लोगों की हत्या की थी. हालांकि, हत्या के पीछे की वजहों का कभी सही पता नहीं चला. वह मारे गए लोगों के पासपोर्ट और उनकी पहचान चुरा लेता था. इन्हीं क्वालिटीज के कारण उसे 'सर्पेंट' कहा जाने लगा था.
शोभराज से पूछताछ करने वाले अधिकारियों और उसका इंटरव्यू लेने वाले पत्रकारों ने पाया था कि वह बहुत ही सौम्य और आकर्षक था. उसकी ये क्वालिटीज न सिर्फ उसे लोगों को आकर्षित कर उन्हें अपना सहयोगी बनाने में मदद करती थीं बल्कि इससे उसे अपराध करने में भी मिलती थी और इन्हीं क्वालिटीज के कारण वह सजा से भी बच जाता था. वह कई बार कई देशों में गिरफ्तार हुआ था लेकिन या तो वह वहां से भागने में सफल रहा या फिर वह घूस देकर बच निकलता था.
1976 में भारत में हुआ था गिरफ्तार
जुलाई, 1976 में नई दिल्ली में शोभराज और उसकी तीन महिला सहयोगियों ने कुछ फ्रांसीसी स्टूडेंट्स को इस बात के लिए राजी कर लिया था कि वे उन्हें टूर गाइड के तौर पर हायर कर लें. उन्होंने टूरिस्टों को जहर की गोलियां दीं.
हालांकि, कुछ स्टूडेंट्स फोन करके पुलिस को बताने में सफल रहे जिसके कारण शोभराज और उसके ग्रुप को गिरफ्तार कर लिया गया. उन सभी पर मुकदमा चला और उन्हें 10 साल की जेल की सजा दी गई. शोभराज ने 21 साल भारतीय जेल में बिताये थे.
हालांकि, साल 1986 में वह हाई सिक्योरिटी वाली तिहाड़ जेल के गार्डों को मादक पदार्थ खिलाकर फरार हो गया था. उसने अपने जन्मदिन की पार्टी के उपलक्ष्य में यह मादक पदार्थ मिठाई में मिलाकर गार्डों को परोसा था. हालांकि, बाद में उसे दोबारा पकड़ लिया गया था.
बीबीसी के आर्टिकल में कहा गया था कि अपनी जेल की सजा के आखिरी 10 सालों में वह जेल से भाग जाता था और फिर जानबूझकर पकड़ा जाता था ताकि जेल से भागने के लिए उस पर नए सिरे से मुकदमा चले.
इस तरह वह थाईलैंड में प्रत्यर्पण से बच सकता था जहां वह पांच हत्याओं के लिए वांटेड था और वहां के कानून के तहत उसे मौत की सजा मिलती. 1997 में भारत में उसकी रिहाई के समय तक, बैंकॉक में उसके खिलाफ मुकदमा चलाने की 20 साल की समय-सीमा समाप्त हो गई थी. हालांकि, इस तरह वह भारत में अपने 20 साल की जेल की सजा के दौरान 21 दिन तक बाहर था.
नेपाल में गिरफ्तारी
भारत से रिहाई के बाद शोभराज वापस फ्रांस चला गया. साल 2003 में वह नेपाल गया जहां वह दोबारा गिरफ्तार हुआ. साल 2004 में भक्तपुर की जिला अदालत ने वर्ष 1975 में एक अमेरिकी नागरिक कोनी जो ब्रोंजिच की हत्या के लिए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. बाद में ब्रोंजिच की दोस्त और एक कनाडाई नागरिक लौरेंट कैरिएरे के लिए भी सजा सुनाई गई. नेपाल में आजीवन कारावास की सजा का मतलब 20 साल जेल की सजा से है.
साल 2014 में उसने दावा किया कि तिहाड़ जेल में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से दोस्ती के बाद उसने तालिबान के लिए हथियार डीलर के तौर पर काम किया. उसने अमेरिकी केंद्रीय खुफिया एजेंसी (CIA) के साथ जुड़ने का भी दावा किया था.
नेपाल की जेल में वह आरामदायक तरीके से रहता था. उसे फोम का तकिया, मिनरल वाटर और काठमांडू रेस्टोरेंट से खाना दिया जाता था. नेपाल में उसने एक स्थानीय महिला निहिता बिस्वास से शादी की थी. बिस्वास ने भारतीय टीवी शो बिग बॉस सीजन 5 में हिस्सा लिया था.
महिलाएं थीं दीवानी
तिहाड़ जेल में रहने के दौरान शोभराज ने अपनी बेस्टसेलर किताब सर्पेंटाइन लिखी थी. वहां उससे मिलने खुबसूरत महिलाएं आती थीं. कई महिलाएं विदेशी होती थीं. वे उससे अपने प्यार का इजहार करने के लिए आती थीं. कई उससे शादी करना चाहती थीं. कई महिलाओं ने उससे शादी के लिए अदालत में अर्जी भी दी थी.
इंटरव्यू के लिए पत्रकारों से लेता था पैसा
फ्रांस में शोभराज एशिया में अपने कुख्यात कामों के बारे में इंटरव्यू देने के लिए पत्रकारों से करीब 5 लाख रुपये (6000 डॉलर) तक लेता था. उसने अपनी जिंदगी पर फिल्म का अधिकार 1.25 अरब रुपये (15 मिलियन डॉलर) में बेचा था.