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कौन-सा करियर विकल्प होगा सबसे बेहतर? पुणे के इस स्टार्टअप के पास है आपके सवालों के जवाब

कौन-सा करियर विकल्प होगा सबसे बेहतर? पुणे के इस स्टार्टअप के पास है आपके सवालों के जवाब

Saturday June 22, 2019 , 4 min Read

Kindle Career

Kindle Career के फाउंडर्स

10वीं और 12वीं में पास होने के बाद हर स्टूडेंस के मन में यह सवाल होता है कि उसे अब क्या करना है और इसका जवाब उनके आने वाले भविष्य की दिशा निर्धारित करने में बेहद महत्वपूर्ण होता है। वहीं दूसरी ओर विभिन्न प्रकार के प्रोफ़ेशन्स और स्ट्रीम को तलाशने की जो प्रक्रिया है, वह बहुत ही पेचीदा और भ्रामक है। ऐसे में पुणे से शुरू हुआ करिय गाइडेंस स्टार्टअप किंडल करियर इन स्टूडेंट्स को उनकी क्षमताओं और क़ाबिलियत के हिसाब से पढ़ाई और नौकरी की दिशा निर्धारित करने में मदद कर रहा है। किंडल के फ़ाउंडर्स बरुन आनंद और गिरिजा नायर का मानना है कि अगर स्टूडेंट्स को सही संसाधन मुहैया कराए जाएं और सही मार्गदर्शन मिल सके तो उनके लिए राह बेहद आसान हो सकती है। 

इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए किंडल ने साइक्रोमेट्रिक असेस्मेंट्स, ऐप्टीट्यूड टेस्ट्स, मेंटरशिप प्रोग्राम्स, हाई स्कूल स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन कोर्सेज़, ग्रैजुएट्स, वर्किंग प्रोफ़ेशनल्स, शिक्षण संस्थान और कॉर्पोरेट्स की एक बॉडी तैयार की है।

स्टार्टअप द्वारा उपलब्ध कराई जा रहीं ये सुविधाएं किफ़ायती भी हैं। एक स्टूडेंट मात्र 500 रुपए में मोबाइल फ़ोन पर टेस्ट दे सकता है और इसके बाद अंग्रेज़ी और मराठी में अपने आकलन की रिपोर्ट पढ़ सकता है। स्टार्टअप की कोशिशि है कि जल्द ही अन्य भारतीय भाषाओं को भी शामिल किया जाए।

बरुन और गिरिजा ने 2018 में किंडल करियर की शुरुआत की थी। बरुन ने मनीपाल इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नॉलजी से कम्प्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री ली है और उनके पास वेब डिवेलपमेंट और डिजिटल मार्केटिंग का लंबा अनुभव है। वहीं, गिरिजा नायर ने कम्प्यूटर साइंस में पोस्ट-ग्रैजुएशन किया है और कोपहैगन स्कूल ऑफ़ बिज़नेस से स्ट्रैटजिक मैनेजमेंट में सर्टिफ़िकेट कोर्स किया है। उनके पास भी 30 सालों का प्रोफ़ेशनल अनुभव है और उन्होंने रिलायंस रीटेल, वोडाफ़ोन और फ़िलिप्स जैसे बड़े ब्रैंड्स के साथ काम किया है।

कंपनी अभी भी अपने शुरुआती दौर में ही है और पिछले थोड़े से समय में उन्हें बेशुमार चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। गिरिजा बताती हैं, "हमारी कंपनी अभी नई है और इसलिए क्लाइंट्स का विश्वास जीतना काफ़ी मुश्क़िल होता है।" गिरिजा और बरुन का पोर्टफ़ोलियो और अनुभव इतना विस्तृत है कि उन्हें अपने स्टार्टअप को रफ़्तार में देने में अपने बैकग्राउंड से काफ़ी मदद मिली। उनके व्यक्तिगत संपर्कों ने भी उनका क्लाइंट बेस बढ़ाने में उनकी काफ़ी मदद की।





गिरिजा ने जानकारी दी कि कंपनी ऑनलाइन असेस्मेंट और रिपोर्ट के लिए 500 रुपए चार्ज करती है और काउंसलिंग सेशन के लिए 2 हज़ार से 3 हज़ार रुपए तक चार्ज किए जाते हैं, जो मेंटर के प्रोफ़ाइल पर निर्भर करता है।

ऐकेडमिक करियर के साथ-साथ स्टार्टअप प्रोफ़ेशनल करियर के लिए भी काउंसलिंग करता है। कंपनी की अन्य सुविधाओं में बिज़नेस फ़िटमेंट टेस्ट शामिल है, जिसके माध्यम से आप पता लगा सकते हैं कि आपके अंदर अपना स्टार्टअप शुरू करने की कितनी काबिलियत है। साथ ही, सहयोगी प्रोडक्ट्स जैसे कि एजुकेशनल गेम्स और ट्रेनिंग कोर्सेज़ की स्टडी की सुविधा भी स्टार्टअप द्वारा मुहैया कराई जाती है।

पुणे और मुंबई को मिलाकर किंडल करियर के कुल 10 सेंटर्स हैं। गिरिजा ने जानकारी देते हुए बताया कि ऑपरेशन्स के शुरुआती 6 महीनों में उन्होंने बंगाल, महाराष्ट्र, बिहार और आंध्र प्रदेश के लगभग 3 हज़ार स्टूडेंट्स की काउंसलिंग की है।

कंपनी की क्लाइंट लिस्ट में जीडी गोयनका स्कूल, राजस्थानी पोदार लर्न स्कूल, महाराष्ट्र इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नॉलजी, प्रियदर्शनी स्कूल और सार्थक फ़ाउंडेशन जैसे नाम शामिल हैं।

किंडल करियर, सिविल सर्विसेज़ स्टडी सेंटर का ऑफ़िशल ऐप्टीट्यूड टेस्ट पार्टनर भी है। यह पश्चिम बंगाल सरकार की एक मुहिम है, जिसका उद्देश्य सिविल सर्विस में जाने की चाह रखने वाले अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित करना और उन्हें सही राह दिखाना है।

2018 के अंत तक, स्टार्टअप ने 5 लाख रुपए का रेवेन्यू हासिल किया। कंपनी के रेवेन्यू मॉडल के हिसाब से रेवेन्यू का 75 प्रतिशत हिस्सा काउंसलिंग पार्टनर्स को दिया जाता है और 25 प्रतिशत शेयर कंपनी अपने पास रखती है। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक़, पूरी दुनिया में भारत, सबसे ज़्यादा हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स वाले देशों में से एक है। भारत में एडटेक का भविष्य बहुत ही अच्छा माना जा रहा है और विशेषज्ञों का कहना है कि वित्तीय वर्ष 2017-18 के मुक़ाबले एडटेक इंडस्ट्री 91.7 बिलियन डॉलर से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2018-19 तक 101.1 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है।

कंपनी की भविष्य की योजनाओं के बारे में बात करते हुए किंडल करियर की फ़ाउंडर गिरिजा कहती हैं कि जल्द ही वे अपने प्लेटफ़ॉर्म पर अंग्रेज़ी और मराठी भाषाओं के साथ-साथ हिंदी को शामिल करने जा रहे हैं।