अडानी ही नहीं बाबा रामदेव भी परेशान, हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद क्यों गिरे पतंजलि के शेयर? 10 हजार करोड़ डूबे
जब से हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई है, तब से गौतम अडानी की कंपनियों के शेयर गिरते जा रहे हैं. उसी दिन से बाबा रामदेव की पतंजलि फूड्स के शेयर भी गिर रहे हैं. निवेशकों के करीब 10 हजार करोड़ डूब चुके हैं.
पिछले दिनों जब हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research Report) की रिपोर्ट में गौतम अडानी (Gautam Adani) पर गंभीर आरोप लगाए गए, तो अडानी ग्रुप (Adani Group) की सभी कंपनियों के शेयरों में गिरावट आने लगी. इस दौरान शेयर बाजार (Share Market) में बहुत सारे शेयरों में गिरावट आई. गौतम अडानी की कंपनियों के शेयरों को छोड़ दें तो बाकी तमाम शेयर तेजी से रिकवर हो रहे हैं, लेकिन एक ऐसा शेयर है, जिसकी गिरावट ने लोगों को डरा दिया. यहां बात हो रही है बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की पतंजलि फूड्स (
Foods) की, जो कुछ दिन पहले तक निवेशकों को तगड़ा रिटर्न दे रही थी. 25 फरवरी से ही इस शेयर में गिरावट का दौर जारी है.कितना गिर गया पतंजलि फूड्स का शेयर?
पतंजलि फूड्स का शेयर 24 फरवरी को करीब 1208 रुपये के लेवल पर था. उसके बाद इस शेयर में आए दिन लोअर सर्किट लगने लगा. 3 फरवरी तक ये शेयर गिरते-गिरते 911 रुपये तक पहुंच गया. इस लेवल पर कंपनी का शेयर जून 2022 में था. यानी कंपनी का शेयर करीब 7 महीने पुराने स्तर पर पहुंच गया है.
निवेशकों के करीब 10 हजार करोड़ रुपये डूबे
अगर बात करें 24 फरवरी की तो उस दिन पतंजलि फूड्स का मार्केट कैप करीब 43,700 करोड़ रुपये था. वहीं अगर 3 फरवरी की बात करें तो इस दिन पतंजलि फूड्स का मार्केट कैप करीब 33,700 करोड़ रुपये था. यानी इन दिनों में पतंजलि फूड्स में निवेश करने वालों को करीब 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
लगातार बढ़ रहा पतंजलि का मुनाफा
अगर बात करें पतंजलि फूड्स के मुनाफे की तो कंपनी को 31 दिसंबर 2022 में समाप्त हुई तिमाही में करीब 269 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है. यह आंकड़ा पिछले साल 234 करोड़ रुपये था. यानी कंपनी का मुनाफा करीब 15 फीसदी बढ़ा है. 2021 में कंपनी का मुनाफा करीब 680 करोड़ रुपये था, जो 2022 तक बढ़कर करीब 806 करोड़ रुपये हो गया.
क्यों गिर रहे पतंजलि के शेयर, हिंडनबर्ग से कोई संबंध तो नहीं?
अब सवाल ये उठ रहा है कि आखिर पतंजलि के शेयर उसी दिन से क्यों गिर रहे हैं, जब से हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई है? सवाल ये भी उठ रहे हैं कि कहीं उस रिपोर्ट में पतंजलि को लेकर भी तो कुछ नहीं कहा गया है? ऐसा लग रहा है कि पतंजलि के शेयरों में गिरावट की सबसे बड़ी वजह है मुनाफावसूली, क्योंकि कंपनी की वित्तीय हालत तो अच्छी है. यानी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से कंपनी का कोई लेना-देना नहीं है.
हालांकि, कंपनी का P/E रेश्यो करीब 40 है, जबकि इसका 20 तक होना ही अच्छा माना जाता है. ऐसे में कुछ निवेशकों ने इस चिंता में भी पैसे निकाले होंगे कि उनका मुनाफा ना चला जाए, क्योंकि कंपनी के शेयर ओवर प्राइस हैं. शुरुआती कैल्कुलेशन में तो यही समझ आता है कि पतंजलि फूड्स के शेयरों में गिरावट की वजह मुनाफा वसूली है.