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यूं ही नहीं चढ़ रहे अडानी ग्रुप के कुछ शेयर, पिछले दिनों में गौतम अडानी के हक में आई हैं ये बड़ी खबरें

गौतम अडानी के खिलाफ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का बुरा असर साफ देखा जा सकता है. हालांकि, इस बीच उनकी कुछ कंपनियों के शेयरों में मजबूती भी देखी जा रही है. इस मजबूती की वजह पिछले कुछ दिनों उनके हक में आई कुछ खबरें हैं.

यूं ही नहीं चढ़ रहे अडानी ग्रुप के कुछ शेयर, पिछले दिनों में गौतम अडानी के हक में आई हैं ये बड़ी खबरें

Monday February 06, 2023 , 4 min Read

गौतम अडानी (Gautam Adani) पर जब से हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट (Hindenburg Research Report) में गंभीर आरोप लगाए गए हैं, तब से उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ा है. अडानी ग्रुप (Adani Group) की तमाम कंपनियों में भारी गिरावट है. गौतम अडानी को अब तक 120 अरब डॉलर तक का नुकसान झेलना पड़ा है. अमीरों की लिस्ट में वह ब्लूमबर्ग बिलियनेर इंडेक्स में 21 वें नंबर पर पहुंच चुके हैं, उनकी दौलत 59 अरब डॉलर हो गई है. फोर्ब्स की अमीरों की लिस्ट में 6 फरवरी सुबह 10 बजे तक गौतम अडानी 22वें नंबर पर पहुंच गए और उनकी दौलत महज 58.5 अरब डॉलर बची है. इसी बीच बैंकों से लेकर तमाम देशों और सरकारों की तरफ से कई बयान आए हैं, जिन्हें जानना जरूरी है.

कम नहीं की जाएगी अडानी ग्रुप को लोन देने की सीमा

कुछ बैंकर्स ने कहा है कि देश के बैंक अडानी ग्रुप को लोन लेने की योजना में कोई कटौती नहीं करेंगे. बैंकर्स का कहना है कि अडानी ग्रुप को लोन दिए जाने की सीमा में कटौती करने का उनका कोई इरादा नहीं है, ना ही इसे लेकर अंदरखाने कोई चर्चा चल रही है. यह अनुमान लगाया गया है कि भारतीय बैंकों ने समूह के लिए जो 9 अरब डॉलर का जोखिम तय किया है, उसमें से भी अभी लगभग 1.5 अरब डॉलर का उपयोग किया जाना बाकी है.

एक्सिस बैंक ने 1 फीसदी से भी कम लोन दिया है अडानी ग्रुप को

पिछले दिनों भारतीय रिजर्व बैंक ने अडानी ग्रुप पर कर्ज को लेकर जानकारी मांगी थी. उसके जवाब में एक्सिस बैंक ने कहा है कि उनकी तरफ से अडानी ग्रुप को दिया गया लोन, कुल कर्ज का करीब 0.94 फीसदी ही है. यानी कुल कर्ज का 1 फीसदी से भी कम. बैंक ने कहा है कि वह कंपनी को सिक्योरिटी, देनदारी और लोन चुकाने की क्षमता के आधार पर ही लोन की रकम देते हैं. फंड आधारित लोन 0.29 फीसदी है, जबकि नॉन फंड आधारित लोन 0.58 फीसदी है. एक्सिस बैंक ने कहा कि उसके पास 31 दिसंबर 2022 तक 1.53 प्रतिशत के स्टैंडर्ड एसेट कवरेज के साथ एक मजबूत बैलेंस शीट है.

SBI ने बताया कितना लोन दिया है अडानी ग्रुप को

भारत के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने पिछले हफ्ते गुरुवार को कहा था कि उसने अडानी ग्रुप को 2.6 अरब डॉलर यानी करीब 21 हजार करोड़ रुपये का लोन दिया हुआ है. बैंक ने कहा है कि नियमों के अनुसार जितना कर्ज दिया जा सकता है, यह रकम उसकी आधी ही है. बैंक ने कहा है कि अडानी ग्रुप को दिए गए लोन में इसकी विदेशी इकाइयों के 200 मिलियन डॉलर का लोन भी शामिल है.

बाकी बैंकों ने दिया कितना पैसा?

बैंक ऑफ बड़ौदा ने कहा है कि संकटग्रस्त समूह में उसका कुल निवेश 7,000 करोड़ रुपये है, जो पूरी तरह से सुरक्षित भी हैं. पंजाब नेशनल बैंक का अडानी ग्रुप की कंपनियों के लिए एक्सपोजर 70 बिलियन रुपये था. यह बात बैंक के सीईओ अतुल गोयल ने पिछले महीने संवाददाताओं से कही थी. गोयल ने कहा कि बैंक का लगभग एक तिहाई लोन अडानी के एयरपोर्ट बिजनेस और नकदी प्रवाह के लिए था.

प्राइवेट सेक्टर के IDFC First Bank Ltd. ने गुरुवार को एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि अडानी ग्रुप का बकाया लोन उसके कुल लोन का 0.1 प्रतिशत से कम था. इस बीच, इंडसइंड बैंक लिमिटेड ने कहा कि अडाणी ग्रुप में लोन, बैंक के कुल लोन का 0.5 प्रतिशत है. सरकार के स्वामित्व वाली लाइफ इंश्योरेंस कंपनी LIC ने अडानी ग्रुप के लोन और इक्विटी में 36,474.78 करोड़ रुपये के निवेश का खुलासा किया है, और कहा कि यह राशि उसके कुल निवेश का एक प्रतिशत से भी कम है.

अडानी ग्रुप की कई कंपनियों के आने वाले हैं नतीजे

उम्मीद की जा रही है कि ये हफ्ता अडानी ग्रुप की कंपनियों के लिए बहुत ही अहम साबित हो सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस हफ्ते उनकी कई कंपनियों के नतीजे आने वाले हैं. इन कंपनियों में अडानी पोर्ट्स, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी पावर, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी विल्मर, अडानी टोटल गैस लिमिटेड जैसी कंपनियां शामिल हैं. इनके अलावा अंबुजा सीमेंट और एनडीटीवी के नतीजे भी इसी हफ्ते आने हैं, जिनका कुछ समय पहले ही अडानी ग्रुप ने अधिग्रहण किया था.

कुछ खबरों ने निवेशकों को डराया भी

सबसे पहले क्रेडिट सुईस ग्रुप एजी, उसके बाद सिटीग्रुप इनकॉरपोरेशन और अब स्टैंडर्ड चार्टर्ड पीएलसी ने मार्जिन लोन पर कोलेट्रल के रूप में अडानी ग्रुप की कंपनियों के बॉन्ड लेने से मना कर दिया है. यानी इन बैंकों से अडानी ग्रुप की यूनिट कंपनियां बॉन्ड को कोलेट्रल के तौर पर रखकर लोन नहीं ले पाएंगी ना ही लोन मार्जिन के तौर पर बॉन्ड दे सकेंगी. इसी बीच एक ऐसी खबर आई कि चेन्नई स्थित अडानी ग्रुप के कुछ ऑयल स्टोरेज टैंक को तोड़े जाने का फैसला किया गया है.