क्यों क्रिप्टोकरेंसी लोन देने वाली कंपनी Voyager Digital कस्टमर्स को लौटाएगी 21 अरब रुपये?
न्यूयॉर्क में यूएस बैंकरप्सी कोर्ट ने क्रिप्टो फर्म Voyager Digital Holdings Inc को अपने ग्राहकों को 270 मिलियन डॉलर (करीब 21 अरब रुपये) लौटाने की मंजूरी दी है.
वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक,
के दिवालिया करार दिए जाने वाले केस की सुनवाई कर रहे जज माइकल विल्स ने फैसला सुनाया कि कंपनी ने अपने इस तर्क का समर्थन करने के लिए "पर्याप्त तथ्य" दिए कि ग्राहकों को मेट्रोपॉलिटन कमर्शियल बैंक में रखे गए कस्टोडियल अकाउंट तक एक्सेस की अनुमति दी जानी चाहिए.क्रिप्टो मार्केट में मची उथल-पुथल के मद्देनजर संघर्ष करने वाली कई फर्मों में से एक Voyager ने पिछले महीने Chapter 11 के लिए दायर किया था. अपनी बैंकरप्सी फाइलिंग में, Voyager ने अनुमान लगाया कि उसके पास 100,000 से अधिक लेनदार (creditors) थे और 1 से 10 बिलियन डॉलर की एसेट्स के साथ ही इतनी ही वैल्यू की देनदारियां (liabilities) थीं.
पिछले हफ्ते, कंपनी को फेडरल रिजर्व और फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉर्प (FDIC) द्वारा "झूठे और भ्रामक" दावे करने से रोकने का आदेश दिया गया था कि उसके ग्राहकों के फंड सरकार द्वारा संरक्षित थे. रेग्यूलेटर्स ने कहा कि कंपनी का मेट्रोपॉलिटन कमर्शियल बैंक में सिर्फ एक डिपोजिट अकाउंट था, और इसके प्लेटफॉर्म के जरिए इन्वेस्ट करने वाले ग्राहकों के पास कोई FDIC इंश्योरेंस नहीं था.
Voyager जैसी क्रिप्टो लोन देने वाली कंपनियां कोविड-19 महामारी के दौरान तेजी से बढ़ी. ऐसे डिपोजिटर्स जिन्हें बैंकों द्वारा शायद ही कभी लोन दिया गया हो, को अधिक ब्याज दरों का लालच देकर आकर्षित किया. हालांकि, क्रिप्टो बाजारों में आई हालिया मंदी ने लोन देने वाली कंपनियों की हालत खस्ता कर रखी है. यह मंदी मई में दो प्रमुख टोकन के पतन के कारण भी बनी है.
Voyager से पहले अमेरिका की दिग्गज क्रिप्टो लोन देने वाली फर्म CelciusNetwork ने घोषणा की थी कि उसने न्यूयॉर्क में दिवालियापन (bankruptcy) के लिए दायर किया है. क्रिप्टो मार्केट क्रैश होने के चलते कंपनी को बेहद नुकसान झेलना पड़ा. अंतत: इस पर ताले लगने की नौबत आ गई है. न्यू जर्सी स्थित Celcius ने जून महीने में बाजार की खराब स्थितियों का हवाला देते हुए निकासी (withdrawals) रोक दी थी. क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव के बीच इसे व्यक्तिगत निवेशकों के लिए सेविंग्स तक पहुंच रोकनी पड़ी. सिंगापुर की Vauld भी इसी नक्शे-कदम पर है. बीते जुलाई महीने में Vauld ने भी निकासी रोक दी थी.
हाल ही में इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) की ओर से क्रिप्टो मार्केट को लेकर एक बयान आया था. इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड में मॉनिटरी और कैपिटल मार्केट के डायरेक्टर टोबिआस एड्रियन (Tobias Adrian) ने कहा था कि क्रिप्टो के हाल अभी और भी बुरे हो सकते हैं. उन्होंने एक बयान में यह बात कही है कि आने वाले समय में कुछ क्रिप्टो प्रोजेक्ट्स पर बड़ी गाज गिर सकती है और कई प्रोजेक्ट्स फेल भी हो सकते हैं.