Crypto Market Crash: क्रिप्टो लोन देने वाली मशहूर कंपनी Celsius हुई दिवालिया
दुनियाभर के क्रिप्टो मार्केट के हालात खस्ता है. कंपनियां या तो कर्मचारियों की छंटनी करने को मजबूर है या फिर उन्हें कारोबार ही बंद करना पड़ रहा है. हाल ही में अमेरिका की दिग्गज क्रिप्टो लोन देने वाली फर्म
Network ने घोषणा की है कि उसने न्यूयॉर्क में दिवालियापन (bankruptcy) के लिए दायर किया है. क्रिप्टो मार्केट क्रैश होने के चलते कंपनी को बेहद नुकसान झेलना पड़ा. अंतत: इस पर ताले लगने की नौबत आ गई है.न्यू जर्सी स्थित Celcius ने पिछले महीने बाजार की खराब स्थितियों का हवाला देते हुए निकासी (withdrawals) रोक दी थी. क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव के बीच इसे व्यक्तिगत निवेशकों के लिए सेविंग्स तक पहुंच रोकनी पड़ी.
न्यूयॉर्क के U.S. Bankruptcy Court में दायर फाइलिंग में, Celcius ने 100,000 से अधिक लेनदारों (creditors) के साथ अपनी एसेट्स और लायबिलिटिज का अनुमान 1 बिलियन डॉलर से 10 बिलियन डॉलर के बीच बताया है. कंपनी के पास 167 मिलियन डॉलर नकद है.
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, Celcius के को-फाउंडर और सीईओ एलेक्स माशिंस्की ने कहा, "यह हमारी कम्यूनिटी और कंपनी के लिए सही फैसला है."
कोविड-19 महामारी के दौरान Celcius जैसी क्रिप्टो लेंडिंग कंपनियों में तेजी आई थी. ऐसे में जमाकर्ताओं को अधिक ब्याज दरों का लालच दिया गया. लोगों को बेहद आसानी से लोन बांटे गए, जिन्हें बैंकों ने शायद ही कभी तवज्जोह दी थी. उन्होंने अंतर से लाभ कमाते हुए ज्यादातर संस्थागत निवेशकों को टोकन दिए.
लेकिन मई में प्रमुख टोकन टेरायूएसडी (terraUSD) और लूना (luna) की कीमतें धड़ाम से गिर गई. इस कारण क्रिप्टो बाजार में तेज बिकवाली के बाद लेंडर्स के बिजनेस मॉडल पर जांच की गाज़ गिरी.
इससे पहले, एक और अमेरिकी क्रिप्टो लेंडर कंपनी Voyager Digital Ltd (VOYG.TO) निकासी और जमा सस्पेंड करने के बाद इस महीने दिवालिएपन के लिए फाइल कर चुकी है. सिंगापुर की Vauld भी इसी नक्शे-कदम पर है. इसी महीने में Vauld ने भी निकासी रोक दी थी.
Celcius ने एक बयान में कहा कि वह ग्राहक निकासी की अनुमति देने के लिए प्राधिकरण से अनुरोध नहीं कर रही है. बल्कि उसने अदालत से कहा था कि वह कर्मचारियों को पेमेंट करने जैसे ऑपरेशन जारी रखने की अनुमति दे.
निकासी रोकने के लिए जून में उठाए गए Celcius के कदम ने न्यू जर्सी, टेक्सास और वाशिंगटन में राज्य प्रतिभूति नियामकों को फर्मों में जांच शुरू करने के लिए बाध्य किया था.