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Axis Bank के सीईओ ने क्यों कहा- ‘हमारे पास पैसे ही नहीं थे’

एक्सिस बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अमिताभ चौधरी ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर टी रविशंकर की एक टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कहा, "हमारे पास नुकसान उठाने के लिए 3,000 करोड़ रुपये नहीं थे."

Axis Bank के सीईओ ने क्यों कहा- ‘हमारे पास पैसे ही नहीं थे’

Friday December 09, 2022 , 3 min Read

यूपीआई भुगतान प्रणाली लागू करने से जुड़ी तैयारियों में ढिलाई बरतने पर रिजर्व बैंक की आलोचना के संदर्भ में एक्सिस बैंक के मुखिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि बैंकों के पास इस तरह का कारोबार खड़ा करने के लिए पैसे नहीं हैं.

एक्सिस बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अमिताभ चौधरी ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर टी रविशंकर की एक टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर कहा, "हमारे पास नुकसान उठाने के लिए 3,000 करोड़ रुपये नहीं थे."

निजी क्षेत्र के तीसरे बड़े बैंक के प्रमुख चौधरी ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि 'यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस' (यूपीआई) जैसे कारोबार घाटे में चल रहे हैं और इनमें नकदी की भी किल्लत है. इसके साथ ही उन्होंने यूपीआई-आधारित कारोबारों का मूल्यांकन लगातार बढ़ते जाने पर भी आश्चर्य जताया.

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रविशंकर ने गत दिनों कहा था कि कुछ बैंकों ने यूपीआई कारोबार के लिए शुरुआती निवेश नहीं किया जिससे वे इस कारोबार में पिछड़ रहे हैं.

चौधरी ने कहा कि यूपीआई भुगतान में गूगल पे और फोनपे जैसी कंपनियां इसलिए मोटा निवेश कर रही हैं कि उनके पास दूसरे कारोबार भी हैं. इस क्षेत्र में आगे की राह यही है कि या तो वे एक वितरक के तौर पर काम कर शुल्क वसूलें या फिर इसी तरह के कारोबार में बैंकों के साथ मुकाबला करें.

उन्होंने कहा, "बैंक या अन्य संस्थान इन प्रौद्योगिकी-आधारित कंपनियों की तरह भारी निवेश कर घाटा उठाने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं."

बता दें कि, डिजिटलीकरण पर जोर के साथ देश में डिजिटल लेन-देन तेजी से बढ़ रहा है. वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी वर्ल्डलाइन इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस), डेबिट और क्रेडिट कार्ड तथा मोबाइल वॉलेट जैसे प्रीपेड भुगतान उत्पादों के माध्यम से 38,320 अरब रुपये के डिजिटल लेन-देन हुए हैं.

रिपोर्ट के अनुसार मुंबई, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश शीर्ष पांच राज्य हैं, जहां सबसे अधिक डिजिटल लेन-देन हुए. सूची में बेंगलुरु सबसे ऊपर है.

वहीं, हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को यूपीआई में एकबारगी राशि ‘ब्लॉक’ करने और उसे अलग-अलग कार्यों के लिये काटे जाने (सिंगल ब्लॉक एंड मल्टीपल डेबिट) की सुविधा देने की घोषणा की. इससे ग्राहक जब भी आवश्यक हो पैसा काटे जाने के लिए अपने बैंक खातों में धनराशि निर्धारित कर संबंधित इकाई के लिये भुगतान को तय कर सकते हैं. इस सुविधा का उपयोग होटल बुकिंग, पूंजी बाजार में सिक्योरिटीज के साथ-साथ सरकारी सिक्योरिटीज की खरीद में भी किया जा सकता है.


Edited by Vishal Jaiswal