आखिर क्यों जरूरी है फाइनेंस को समझना ?
फाइनेंस बेहद गहरा विषय है और दुनियाभर के जानकारों ने इसकी परिभाषा को अपने-अपने तरीके से समझाया है। लेकिन यहां आप बेहद आसान और साधारण भाषा में इसे समझपाएंगे...
आज के इस युग में 'फाइनेंस' (Finance) शब्द हमारी रोज़मर्रा की जिन्दगी का अहम हिस्सा बन गया है। बाज़ार में हर छोटी-बड़ी चीज़ अब फाइनेंस पर मिल जाती है। लेकिन क्या आपको इस शब्द का असल मतलब या फिर इसकी परिभाषा पता है? क्या आपको कभी महसूस हुआ है की आपके लिए इसे समझना क्यों जरूरी है?
ख़ैर, कोई बात नहीं, हम यहां आपको समझाएंगे फाइनेंस की परिभाषा और इसके प्रकार। साथ ही आप ये भी जानेंगे कि क्यों आपके लिए इसे समझना जरूरी है।
फाइनेंस की परिभाषा
यूं तो फाइनेंस बेहद गहरा विषय है और दुनियाभर के जानकारों ने इसकी परिभाषा को अपने-अपने तरीके से समझाया है। लेकिन यहां आप बेहद आसान और साधारण भाषा में, इसे दो तरह से समझिए:
- एक आम आदमी के लिए, फाइनेंस का मतलब है — 'रुपए को मैनेज करने का तरीका'। अब ज़रा टेक्नीकल टर्म पर जाएं तो, हम कहेंगे — यह रुपए जोड़ने और निवेश करने का हिसाब-किताब है।
- बिजनेस की भाषा में — किसी भी बिजनेस को शुरू करने और फिर उसे चलाते रहने के लिए ज़रूरी धन।
फाइनेंस के प्रकार
फाइनेंस को मोटे तौर पर तीन कैटेगरी में माना जाता है —
- पर्सनल फाइनेंस (Personal Finance)
- पब्लिक फाइनेंस (Public Finance)
- कॉर्पोरेट फाइनेंस (Corporate Finance)
पर्सनल फाइनेंस: इसके तहत एक आम आदमी की इनकम, सेविंग्स, इन्वेस्टमेंट्स, उसके खर्चे, उसकी असेट्स (घर, गाड़ी आदि) को गिना जाता है। पर्सनल फाइनेंस का उद्देश्य एक आदमी को अपने धन के साथ सुरक्षित रखने और निवेश करने के लिए सही निर्णय लेने में मदद करना है। यह आदमी की शॉर्ट, मीडियम और लोंग टर्म ज़रूरतों पर निर्भर करता है।
पब्लिक फाइनेंस: जैसा कि दुनियाभर की सरकारों को अपने-अपने देश की अर्थव्यवस्था को चलाना होता है। हर सेक्टर के हिसाब से रुपए अलोकेट किए जाते हैं। कोई भी देश, राज्य या स्थानीय प्रशासन आम जनता को दी की जाने वाली सभी सेवाओं के लिए रेवेन्यू को कैसे ट्रैक करता है और किस तरह खर्चों का हिसाब-किताब रखता है; पब्लिक फाइनेंस के तहत समझा जाता है।
कॉर्पोरेट फाइनेंस: इसके तहत किसी भी बिजनेस को चलाने से संबंधित सभी फाइनेंशियल एक्टिविटीज़ को कवर किया जाता है। आप इसे मार्केट में बिजनेस की ग्रोथ के लिए जरूरी रुपए जुटाने और उसे मैनेज करने के तरीके को मानकर समझ सकते हैं। हर एक कंपनी को अपनी वैल्यू बढ़ाने और आगे बढ़ने के लिए कैश फ्लो (Cash Flow), रिस्क और इन्वेस्टमेंट के अवसरों के बीच बैलेंस बनाए रखने की जरूरत है। कॉर्पोरेट फाइनेंस को बिजनेस फाइनेंस भी कहा जाता है।
क्यों ज़रूरी है फाइनेंस को समझना?
फाइनेंस की अहमियत को समझना हम सभी के लिए बेहद ज़रूरी है। इसकी सही समझ आपको रुपए बचाने में मदद करती है। फाइनेंस की बेहतर समझ से आप इन्वेस्टमेंट के लिए सही समय पर, सही निर्णय लेने में सक्षम होते हैं। यह आपको मजबूत, आत्मनिर्भर और स्वतंत्र बनाता है। आप अपने भविष्य के लिए लक्ष्य निर्धारित कर सकते हैं।
आप खुद को, अपने परिवार को और अपने बिजनेस या कंपनी, जहां आप जॉब करते हैं, को फायदा पहुँचा सकते हैं। फाइनेंस की समझ आपके लिए किसी भी चीज़ की सही कीमत लगाने, सही सौदा करने में मददगार साबित होती है।
फिनटेक
फिनटेक (FinTech) टर्म 21वां सदी से चलन में आई है। यह 'फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी' (Financial Technology) शब्द का छोटा रूप है। यह 'फाइनेंस' और 'टेक्नोलॉजी' दोनों का मिलन है।
ऐसी टेक्नोलॉजी जो फाइनेंशियल सर्विसेज को बेहतर और उपयोग में आसान बनाने के लिए मददगार साबित होती है, फिनटेक कहलाती है। यह इंडस्ट्री दिन-दोगुनी रात चौगुनी बढ़ रही है, क्योंकि कॉम्पटिशन के इस दौर में हर कंपनी लगातार इनोवेट कर रही है। अलग-अलग सॉफ्टवेयर्स और एल्गोरिद्म के जरिए पैसों के लेन-देन को आसान बनाने, सिक्योर रखने की दिशा में रोज नए प्रयास किए जा रहे हैं। ये सब फिनटेक की ही देन है।