क्रिप्टो की दुनिया में यूजर के लिए क्यों जरूरी है KYC, क्या हैं इसके फायदे?
अपनी और अपने ग्राहकों की सुरक्षा के लिए, कंपनियों को अपने KYC पॉलिसी और इससे जुड़ी प्रक्रियाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना चाहिए.
टेक्नोलॉजी के दौर में हर पल कुछ न कुछ नया हो रहा है. यही इनोवेशन है. नई-नई चीजों से वाक़िफ़ होने के साथ नए कानून और दांव-पेंच भी देखने को मिल रहे हैं. इन नियम-कानूनों की देन है - KYC (know your customer)
केवाईसी वह प्रक्रिया है जिसके तहत फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस अपने कस्टमर का आइडेंटिफिकेशन और एड्रेस प्रूफ को वेरीफाई करता है.
जैसे कि आप अगर किसी बैंक में अकाउंट खोलने जाएंगे, तो बैंक आपसे आपका केवाईसी डॉक्यूमेंट मतलब, आपका आईडेंटिटी और एड्रेस प्रूफ करने के लिए जरुरी पेपर प्रोडूस करने को कहेगा.
आईडेंटिटी प्रूफ करने के लिए और एड्रेस प्रूफ करने के लिए अलग-अलग तरह के कई पेपर है, जैसे कि आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि.
जैसे-जैसे दुनिया तेजी से डिजिटल हो रही है, दुनियाभर में कुछ बड़ी कंपनियां पेमेंट्स के लिए क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने लगे हैं. हालांकि, डिजिटल कॉइन की बढ़ती लोकप्रियता के साथ, यूजर्स के खिलाफ धोखाधड़ी की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है. अपनी और अपने ग्राहकों की सुरक्षा के लिए, कंपनियों को अपने KYC पॉलिसी और इससे जुड़ी प्रक्रियाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना चाहिए.
केवाईसी का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि ग्राहक जैसे खुद को बताते हैं, असल में वैसे ही है. इसके साथ ही मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य अवैध गतिविधियों को रोकना भी इसका मकसद है.
KYC के फायदे
कंपनियों और ग्राहकों — दोनों के लिए केवाईसी नीतियों और प्रक्रियाओं को लागू करने वाली क्रिप्टो फर्मों के लिए कई लाभ हैं.
बिजनेस के नज़रिए से देखें तो, केवाईसी प्रक्रियाओं को लागू करने से क्रिप्टो कंपनियों को धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग से बचाने में मदद मिल सकती है. क्रिप्टो में यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जहां घोटाले होना कोई नई बात नहीं हैं. यह कंपनियों को अपने ग्राहकों के साथ विश्वास बनाने में भी मदद कर सकता है, क्योंकि यह दिखाता है कि कंपनी उन लोगों की पहचान वैरिफाई करने के लिए कदम उठा रही है जो इसकी सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं.
वहीं, अब अगर हम ग्राहक के नज़रिए से देखें तो, धोखाधड़ी से उनकी क्रिप्टो एसेट्स की रक्षा करने में KYC मदद कर सकता है. यह ग्राहकों के लिए कंपनी के साथ बिजनेस करना भी आसान बना सकता है, क्योंकि उन्हें कंपनी के साथ बातचीत करने पर हर बार अपनी व्यक्तिगत जानकारी देने की जरूरत नहीं होगी.
क्रिप्टो एक्सचेंज के लिए KYC के मायने
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज ऐसी कंपनियां हैं जो ग्राहकों को बिटकॉइन, एथेरियम आदि जैसी क्रिप्टोकरेंसी खरीदने और बेचने की अनुमति देती हैं. एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग (AML) और काउंटरिंग-द-फाइनेंसिंग-ऑफ-टेररिज्म (CFT) नियमों का पालन करने के लिए, क्रिप्टो एक्सचेंजों को अपने KYC नीतियों और प्रक्रियाओं को लागू करना चाहिए.
केवाईसी आवश्यकताएं डिसेंट्रलाइज्ड एक्सचेंजों (DEXs) पर लागू नहीं होती हैं, जो सेंट्रल ट्रेडिंग डेस्क के बजाय स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स के जरिए ट्रेडिंग करते हैं. इसलिए, यूजर को अपनी पहचान का खुलासा करने की जरूरत नहीं है. हालांकि,DEXs को फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट माना जाता है, और इसलिए, यदि वे कुछ देशों में बिजनेस करना चाहते हैं, तो उन्हें फाइनेंस से जुड़े नियमों का पालन करना चाहिए.
क्रिप्टो में क्यों जरूरी है KYC?
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज, और इस सेक्टर में काम करने वाली दूसरी नॉन-डिसेंट्रलाइज्ड संस्थाएं, पारंपरिक फाइनेंशियल इंस्टीट्यूट्स के समान AML और CFT नियमों के अधीन हैं. इसलिए, उन्हें अपनी सेवाओं को मनी लॉन्ड्रिंग या दूसरी अवैध गतिविधियों के लिए इस्तेमाल होने से रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए.
ऐसा करने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक उचित नियामक अनुपालन (regulatory compliance) को लागू करना है. अपने ग्राहकों से कुछ पहचान संबंधी जानकारी इकठ्ठा करके, एक्सचेंज उन लोगों की जांच कर सकते हैं जो अवैध उद्देश्यों के लिए एक्सचेंज का उपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं.
इसके अलावा, केवाईसी - एक्सचेंज और उसके ग्राहकों के बीच विश्वास बनाने में मदद कर सकता है. यह दिखाकर कि यह अपने यूजर्स की पहचान को वैरिफाई करने के लिए कदम उठा रहा है, एक एक्सचेंज सुरक्षा की भावना पैदा कर सकता है जो नए ग्राहकों को आकर्षित कर सकती है.
कुल मिलाकर अंत में हम ये जरूर कहेंगे कि केवाईसी एक महत्वपूर्ण कदम है जो एक बेहद सुरक्षित कारोबारी माहौल बनाने में मदद कर सकता है. हालांकि, ऐसी नीतियों और प्रक्रियाओं को लागू करने या न करने का निर्णय लेने से पहले कंपनियों को केवाईसी के जोखिमों और लाभों पर सावधानीपूर्वक विचार करना चाहिए.