आखिर पुराना स्टॉक क्यों जलाती हैं कंपनियां, लाखों का नुकसान झेलकर भी ऐसे होता है करोड़ों का फायदा
कुछ कंपनियों से जुड़ी ऐसी खबरें सामने आईं कि उन्होंने लाखों के प्रोडक्ट जला दिए. सवाल उठे कि ऐसा क्यों करती हैं ये कंपनियां. खैर, अब तो पुराने स्टॉक को जलाने की खबरें नहीं आती हैं, लेकिन सवाल है कि आखिर ऐसा किया क्यों जाता था.
अक्सर आपने ये सुना होगा कि लग्जरी फैशन कंपनियों के जो प्रोडक्ट आसानी से नहीं बिकते हैं, उन प्रोडक्ट को सेल में रख दिया जाता है. सेल में भारी डिस्काउंट देकर उन्हें बेचने की कोशिश की जाती है. लेकिन अक्सर आपने ये भी सुना होगा कि कई कंपनियां अपने बिना बिके स्टॉक को सेल में रखकर औने-पौने दाम में बेचने के बजाय उसे जला देती हैं या बर्बाद कर देती हैं. सवाल ये है कि आखिर कंपनियां अपना ही सामान जलाती क्यों हैं? अगर उन्हें सस्ते में बेच दिया जाए तो कम से कम लागत तो निकल ही आएगी या नुकसान कम होगा. जरूरतमंदों को मुफ्त में भी कपड़े जैसी चीजें दी जा सकती हैं, लेकिन कंपनियां ऐसा नहीं करती हैं.
कुछ साल पहले खबर आई थी कि लग्जरी फैशन ब्रांड Burberry ने करीब 300 करोड़ रुपये के लग्जरी प्रोडक्ट जला दिए हैं. फिर पता चला कि 5 सालों में कंपनी करीब 1000 करोड़ रुपये के लग्जरी प्रोडक्ट आग के हवाले कर चुकी है. धीरे-धीरे ये पता चलना शुरू हुआ कि लग्जरी फैशन ब्रांड के लिए ये तो आम प्रैक्टिस है. तमाम कंपनियां अपने उन पुराने प्रोडक्ट को जला देती हैं या बर्बाद कर देती हैं, जो नहीं बिकते हैं.
कौन-कौन सी कंपनियों ने किया ऐसा?
पुराने प्रोडक्ट्स जलाने वाली कंपनियों की लिस्ट लंबी है. Burberry, Louis Vuitton, Urban Outfitters, H&M, Nike, JCPenney, Michael Kors, Eddie Bauer, Louis Vuitton, & Victoria’s Secret जैसी कंपनियों का नाम अक्सर पुराने प्रोडक्ट बर्बाद करने की प्रैक्टिस से जुड़ा रहा है.
तो फिर कंपनियां क्यों जलाती हैं प्रोडक्ट?
डिस्काउंट देते वक्त भी बड़े ब्रांड यह ध्यान में रखते हैं कि उनकी ब्रांड इमेज लग्जरी प्रोडक्ट वाली ही बनी रहे. ऐसे में अगर इन कंपनियों के प्रोडक्ट नहीं बिकते हैं तो भी वह उनके दाम नहीं घटाते. ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि उन प्रोडक्ट्स की मांग जिस कैटेगरी के लोगों में है, वह इन्हें इसलिए भी खरीदते हैं क्योंकि वह महंगे हैं. ऐसे में अगर कंपनी पुराने प्रोडक्ट्स को सस्ते में बेचना शुरू कर देगी लग्जरी प्रोडक्ट लग्जरी नहीं रह जाएंगे, जिससे उनका टारगेट कस्टमर उनसे दूर हो सकता है. इस तरह कुछ कंपनियां अपना लाखों का प्रोडक्ट जलाकर भी करोड़ों की ब्रांड इमेज बचा लेती हैं, जिससे भविष्य में उन्हें तगड़ा मुनाफा होता है.
लेकिन अब बदल रही हैं चीजें
जब कभी कंपनियों की तर फ से पुराना स्टॉक जलाने की खबरें सामने आईं तो एक बड़ा सवाल ये उठा कि ये कंपनियां प्रदूषण फैला रही हैं. ऐसे में तमाम कंपनियों ने सफाई भी दी और भविष्य के लिए अपनी योजना में भी बदलाव किया. आलोचनाओं के बाद अब कंपनियां अपने पुराने स्टॉक को जलाने से बचने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि वह अपने पुराने स्टॉक को औने-पौने दाम पर बेचकर अपनी ब्रांड इमेज खराब करेंगी. फ्रांस में तो पुराना स्टॉक जलाने की प्रैक्टिस को बैन तक किया गया है.
Louis Vuitton और Dior ने लग्जरी इंडस्ट्री से पर्यावरण की रक्षा के लिए UNESCO के साथ पार्टनरशिप तक की. Burberry Group Plc ने भी एक बयान में कहा था कि उसने अब प्रोडक्ट्स को बर्बाद करना बंद कर दिया है. अब अधिकतर ब्रांड्स ने अपने पुराने स्टॉक को बर्बाद करने के बजाय उन्हें रीसाइकल करना शुरू कर दिया है. इससे प्रदूषण भी नहीं होता है और कंपनी की ब्रांड इमेज लग्जरी प्रोडक्ट वाली बनी रहती है.
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