ऑटोमोबाइल उद्योग में टैलेंट जीतने का संग्राम: भारत का लक्ष्य
स्किल्ड प्रोफेशनल्स को आकर्षित और बनाए रखने के लिए भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग को कुछ नया सीखने और विकास कार्यक्रमों में निवेश करना जरुरी है. जिस गति से तकनीकी प्रगति हो रही है उसे देखते हुए कर्मचारियों को अपने स्किल को लगातार उन्नत करना आवश्यक है.
ग्लोबल टैलेंट उद्योग मैं जो टैलेंट वॉर की स्तिथि बनी हुई है, वो भारत में भी लागु होती है. तेजी से हो रही तकनीकी प्रगति और ग्राहकों की बढ़ती मांग ने, स्किल्ड प्रोफेशनल्स को आकर्षित करने, विकसित करने और बनाए रखने के लिए भारत में ऑटोमोटिव कंपनियों को प्रभावी स्ट्रेटेजी अपनानी चाहिए, जो इनोवेशन और सस्टेनेबल ग्रोथ को बढ़ावा देगी.
टॉप टैलेंट को आकर्षित करने के लिए एक आकर्षक ब्रांड बनाना, भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है. इनोवेशन, सस्टेनेबिलिटी और सामाजिक प्रभाव के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और व्यावसायिक विकास, सहयोग और वर्क-लाइफ बैलेंस के महत्व को उजागर कर, भारत का कॉम्पिटिटिव जॉब मार्केट भिन्न प्रकार के टैलेंट पूल को आकर्षित कर सकता है.
एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स के साथ साझेदारी और व्यापक इंटर्नशिप और ट्रेनिंग प्रोग्राम लागू करके भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनियां स्किल गैप के अंतर को कम कर सकती हैं. प्रारंभिक चरण में होनहार टैलेंट की पहचान और उनको विकसित करने के लिए यूनिवर्सिटीज, टेक्निकल स्कूल और वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर, इन सबका सहयोग लेना होगा. छात्रों को हैंड्स-ऑन एक्सपीरियंस और उन्नत टेक्नोलॉजीज से रूबरू कर, उद्योग के विकास में योगदान देने के लिए उत्सुक युवा प्रोफेशनल को आकर्षित कर सकती हैं.
विविधता और इंक्लूजन को बढ़ावा देना ऐसे पहलु है जो भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग में उत्कृष्ट प्रतिभा की ओनरशिप स्ट्रेटेजी के लिए महत्वपूर्ण है. लीडरशिप रोल में डाइवर्सिटी, इंक्लूसिव हायरिंग प्रैक्टिसेज, और अपनेपन की भावना को बढ़ावा देकर कंपनियां व्यापक टैलेंट पूल को आकर्षित कर सकती है और टॉप परफार्मिंग टैलेंट को बनाये रख सकती है. हर तरफ से आए हुए और अलग विचार रखनेवाले व्यक्तियों को स्वीकारना, क्रिएटिविटी, इनोवेशन और भारत के विविध ग्राहक आधार को बेहतर समझने में मदद करता है.
स्किल्ड प्रोफेशनल्स को आकर्षित और बनाए रखने के लिए भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग को कुछ नया सीखने और विकास कार्यक्रमों में निवेश करना जरुरी है. जिस गति से तकनीकी प्रगति हो रही है उसे देखते हुए कर्मचारियों को अपने स्किल को लगातार उन्नत करना आवश्यक है. ट्रेनिंग, प्रमाणपत्र और अवसर ऐसे उपक्रम है जिससे सीखने की एक ऐसी संस्कृति बना सकते हैं जो वृद्धि और विकास की इच्छा रखने वाले महत्वाकांक्षी व्यक्तियों को आकर्षित करती है.
एक सहायक और आकर्षक कार्य वातावरण भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग में टैलेंट को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है. एक कॉम्पिटिटिव कम्पेन्सेशन पैकेज, कार्य व्यवस्था में फ्लेक्सिबिलिटी, एक स्वस्थ वर्क -लाइफ बैलेंस कर्मचारी की निष्ठा और संतुष्टि के लिए महत्वपूर्ण है. कंपनियों को एक ऐसा मजबूत ऑर्गेनाइजेशन कल्चर बनाना चाहिए जहा सहयोग, खुलकर बात करना और उपलब्धि को मान्यता देना सहज हो. एआई-संचालित भर्ती प्रक्रियाओं और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म जैसी प्रौद्योगिकी से प्रतिभा ओनरशिप को सुव्यवस्थित कर सकते है और रिमोट वर्क विकल्प प्रदान करना आसान होता है, जो भारत जैसे विशाल देश में टैलेंट पूल का विस्तार करने में मदद कर सकता है.
भारत में, गवर्नमेंट इनिशिएटिव ऑटोमोबाइल उद्योग में टैलेंट को आकर्षित और उसे फलने और फूलने में मदद कर सकती है. इंडस्ट्री असोसिएशन, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स और गवर्नमेंट बॉडी के सहयोग से, स्किल स्पेसिफिक ट्रेनिंग प्रोग्राम, रिसर्च एंड डेवेलपमेंट सेंटर और पॉलिसीज विकसित होती हैं, जो इनोवेशन और ग्रोथ में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं. इस तरह के सहयोग को बढ़ावा देकर, ऑटोमोबाइल उद्योग एक ऐसा ईकोसिस्टम बना सकता है जो नवीनतम प्रगति और संसाधनों तक पहुंच प्रदान करके प्रतिभा को आकर्षित और बनाए रखता है.
बहुत ही कॉम्पिटिटिव भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में, प्रतिभा बनाए रखने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है. एक विख्यात ब्रांड विकसित करके, विविधता और इन्क्लूसिविटी को बढ़ावा देकर, निरंतर सीखने और विकास में निवेश करके, काम करने के लिए सहायक वातावरण बनाकर, टेक्नोलॉजी का लाभ उठाकर और सरकारी निकायों के साथ सहयोग करके, ऑटोमोटिव कंपनियां भारत के उभरते ऑटोमोटिव लैंडस्केप में एक सफल भविष्य सुनिश्चित कर सकती है और टॉप टैलेंट को आकर्षित, विकसित और बनाए रख सकती हैं. इन स्ट्रेटेजीज को स्वीकारने से उद्योग इनोवेशन को बढ़ावा देना, ग्राहकों की मांग को पूरा करना और भारत में ऑटोमोबाइल क्षेत्र के समग्र विकास में योगदान दे सकता है.
(लेखिका ‘Greaves Cotton Limited’ से बतौर CHRO जुड़ी हुई हैं. आलेख में व्यक्त विचार लेखिका के हैं. YourStory का उनसे सहमत होना अनिवार्य नहीं है.)
Edited by रविकांत पारीक