स्टार्टअप शुरू करने के लिए कॉर्पोरेट जॉब छोड़ने वाली दिव्या कालरा से जानिए कैसे चुनें अल्टरनेटिव करियर
हम में से अधिकांश अपनी पहली जॉब कॉर्पोरेट जगत में पाते हैं। नौकरी पाने के बाद हम यहीं के होकर रह जाते हैं क्योंकि इससे हमें एक स्टैबल इनकम मिलती है। लेकिन हम रोज एक ही काम को रिपीट करते रहते हैं और जिंदगी थकावट बन जाती है। हमारे स्वास्थ्य पर भी इसका भारी असर पड़ता है। हालांकि लीक से हटकर कुछ करने के अपने जोखिम हो सकते हैं लेकिन एक अच्छे करियर को चुनने के लिए कोशिश करते रहना ज्यादा बेहतर होता है।
दिव्या कालरा ने अमेरिका में 11 वर्षों तक एक कॉर्पोरेट जॉब की, और 2008 में बेंगलुरु लौटने के बाद भी उन्होंने अपनी उसी लाइफस्टाइल यानी कॉर्पोरेट जॉब को जारी रखा। हालांकि, उन्होंने महसूस किया कि इस तरह से वह अस्वस्थ जीवन की ओर जा रही थीं और अपने रुटीन के चलते अपनी बेटी के लिए पर्याप्त समय भी नहीं दे पा रही थीं। जिसके बाद उन्होंने उद्यमिता में उतरने का फैसला किया।
दिव्या ने 2012 में ShopHealthy.in की स्थापना की। ShopHealthy.in पर हेल्थ, वेलनेस और ब्यूटी के समस्त प्रोडक्ट मिलते हैं। इसके अलावा उन्होंने 2019 में छोटे व्यवसायों के लिए एक कूरियर सेवा iCarry.in लॉन्च की। हरस्टोरी वूमेन ओन मिशन फेसबुक ग्रुप पर एक कम्युनिटी चैट में दिव्या ने बताया कि कैसे वो एक अल्टरनेटिव कैरियर चुन सकते हैं। साथ ही उन्होंने अल्टरनेटिव कैरियर शुरुआत करने के अपने अनुभव और सलाह भी साझा की। प्रस्तुत हैं चर्चा के कुछ अंश;
अमेरिका और भारत की कॉर्पोरेट लाइफ के बीच अंतर क्या है?
दिव्य कालरा: भारत में, मैंने देखा है कि लोग काम और फैमिली लाइफ को एक साथ रखते है क्योंकि यहां का कल्चर ही ऐसा है विशेष रूप से त्योहारों के दौरान। जबकि अमेरिका में, ऐसा आमतौर पर नहीं होता है। एक और बात, अमेरिका में, वर्क-लाइफ के बीच संतुलन बिठाया जाता है, लेकिन भारत में, ऐसा नहीं है! उदाहरण के लिए, अमेरिका में स्कूल / डेकेयर से अपने बच्चों को लेने या छोड़ने जाने के लिए मां-बाप दोनों साथ में होते हैं। वहां अगर आपको शाम को 5 बजे हर रोज कहीं जाना होता है तो आपको बिना किसी परेशानी के मीटिंग से जाने दिया जाएगा। भारत में, चाहे वह एमएनसी हो या भारत-आधारित कंपनी, वहां ऐसा नहीं है! यहां आपसे अपेक्षा रहती है कि या तो काम निपटा के वापस मीटिंग्स के लिए आएं या घर पहुंचें और कॉल के लिए ऑनलाइन उपलब्ध रहें।
कॉर्पोरेट लाइफ फाइनेंशियल सिक्योरिटी और स्टेबिलिटी प्रदान करती है। लेकिन दूसरी तरफ एक अल्टरनेटिव करियर थोड़ा डरावना लगता है। कोई इसे कैसे एडजस्ट कर सकता है?
दिव्या: सबसे पहले तो आपको अपने माइंड में क्लियर होना चाहिए कि क्या आप जिस वेंचर को शुरू करना चाहते हैं या चला रहे हैं वह किस तरह का है। यदि आप अगले सात से 10 साल की जर्नी के लिए तैयार नहीं हैं, तो उद्यमी जीवनशैली का क्या मतलब है। अगर ऐसा है तो आपको अपनी कॉर्पोरेट नौकरी (शायद पार्ट टाइम) से चिपके रहना चाहिए और इस दूसरी तरफ उद्यमी बनने का प्रयास भी जारी रखना चाहिए। यह उद्यमशीलता के लिए एक 'हाइब्रिड' दृष्टिकोण है। यह उन लोगों के लिए काम करता है जो स्टार्टअप शुरू करने के लिए फूंक-फूंक के कदम रख रहे हैं।
अल्टरनेटिव कैरियर चुनना रोमांचक लगता है, लेकिन यह किसी भी समय नीचे जा सकता है। कुछ बड़ा करने से पहले आर्थिक रूप से किस तरह के कदम उठाने चाहिए?
दिव्या: हर उद्यमी ज्यादा बड़े से शुरुआत नहीं करता है। मैंने देखा है कि स्टार्टअप शुरू करने वाले कई लोग हैं जो मिड-साइज का व्यवसाय होने से भी खुश हैं। जैसा कि कहा जाता, कि स्विच करने से पहले आपको आर्थिक रूप से क्या करना चाहिए:
-इस मैदान में उतरने से पहले आपके पास अगर किसी भी तरह का लोन है तो उसको कम करने की कोशिश करें। सुनिश्चित करें कि आपके पास पर्याप्त सेविंग है जो आपको फुल-टाइम डुबकी लगाते समय कम से कम दो साल तक जिंदा रखेगी।
-जोखिम लें। अगर आपने बिजनेस प्लान को ज्यादा ही ध्यान से सोचा है, तो स्टार्टअप को आगे बढ़ाने के साथ-साथ कॉर्पोरेट जॉब करना दो नावों में पैर रखने जैसा होगा। क्योंकि व्यवसाय को बढ़ाने के लिए आप इसे अपना 100 प्रतिशत कभी नहीं देंगे क्योंकि आपके पास रखने के लिए मोटी तनख्वाह जो मिल रही है।
जब मैंने www.shophealthy.in को स्थापित किया, तो मैंने तुरंत नौकरी नहीं छोड़ी। मैंने एक या दो साल बाद ही अपनी नौकरी छोड़ी थी जब व्यवहार्यता स्थापित हो चुकी थी और मैं भविष्य के बारे में आश्वस्त थी।
स्टार्टअप शुरू करने से पहले मुझे किन बुनियादी बातों को ध्यान में रखना चाहिए?
दिव्या: मैंने सबसे पहले बिजनेस का ट्रायल कर देखा कि इसे लेकर लोगों की क्या प्रतिक्रिया है। इसके बाद मैंने जीएसटी, कंपनी के गठन और दूसरे कागजी काम किए। मैंने देखा है कि कई लोग यही काम दूसरे तरीके से करते हैं। वे पहले फंड जुटाते, फिर कंपनी खोलते हैं और अपनी टीम बनाते हैं। इसके बाद कहीं जाकर वे बिजनेस का ट्रायल करना शुरू करते हैं। हर स्टार्टअप आइडिया पर अपने भरोसेमंद व्यक्ति के साथ रिसर्च करना चाहिए। ऐसे लोगों की सलाह लें जो आपके आइडिया को लेकर फीडबैक दे सकें और मार्केट के बारे में सही जानकारी दे सकें। यह भी याद रखें - लोगों के पास आइडियाज दर्जनों भर होते हैं लेकिन असली मुश्किलें उस आइडिया को एग्जीक्यूट करने में होती हैं। बिना जरूरी इंडस्ट्री नॉलेज, डोमेन विशेषज्ञता और एक ठोस कोर टीम के बिना हर आइडिया को हर व्यक्ति एग्जीक्यूट नहीं कर सकता।
क्या एक दशक से अधिक समय तक किसी विशेष क्षेत्र में काम करने के बाद करियर को बदलना जोखिम भरा है?
दिव्या: बिल्कुल! करियर को बदलना जोखिम भरा होगा। लेकिन हम बेहतर करियर के लिए क्या कुछ नहीं करते हैं, क्या हम रिस्क नहीं लेते हैं? मैं कहती हूं कि जोखिम लेने से पहले प्रत्येक पहलू पर विचार करें। हालांकि आप उस समय खुद को सिक्योर नहीं मानेंगे इसलिए आपको अधिक मेहनत करने और तेजी से सीखने की आवश्यकता होगी। आप इस नए फील्ड में ऐसे लोगों के साथ कंपटीशन में होंगे जो आपसे ज्यादा भूखे हैं और युवा हैं। लेकिन आपके पास अधिक अनुभव है आपके लिए फायदेमंद साबित होगा। इसलिए यह दोनों तरह से काम करता है।
किस समय करियर से बाहर निकलना जल्दबाजी होगी? अगर मैंने अपना काम शुरू करने के लिए नौकरी छोड़ दी और मेरा काम फेल हो गया, तो मुझे आगे क्या करना चाहिए?
दिव्या: अपने कैरियर से बाहर निकलने में देरी या जल्दबाजी जैसा कुछ नहीं होता है। ऐसे लोगों की सफलता की कहानियाँ हैं, जिन्होंने अपनी नौकरी के पहले वर्ष में ही स्टार्टअप शुरू किया है। उदाहरण - फ्लिपकार्ट फेम बंसल। इसके अलावा ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने 40 साल से भी ज्यादा की उम्र में अपनी उद्यमशीलता की यात्रा शुरू की है। दोनों की अपनी अच्छाईयाँ और बुराईयाँ हैं।
जो महत्वपूर्ण है वो है आपके अंदर की भूख। अगर आपका वेंचर फेल हो जाता है, तो भी यह आपको एक ऐसा वैल्यूएबल लेसन सिखाता है जिसे आपने अपने पूरे जीवन में कॉर्पोरेट नौकरी से चिपके रहते हुए नहीं सीखा होगा। इसके अलावा अगर आप वापस जॉब करना चाहते हैं तो ये आपकी वैल्यू को और बढ़ाएगा। क्योंकि आप किसी कंपनी के पास उस सबक और जानकारियों को लेकर जाओगे जो आपने अपनी इस यात्रा के दौरान सीखी हैं। आपने सीखा होगा कि कैसे हर प्रकार की भूमिका को अदा किया जाता है - चाहें ये सेल्स हो, मार्केटिंग, अकाउंटिंग, बिजनेस डेवलपमेंट या टेक्नीकल हो! अगर मैं अपनी बात करूं तो मैं इस बार समस्या का और पता लगाऊंगी और नए से बिजनेस शुरू करूंगी। लेकिन इस बार मेरे पास अधिक जानकारी और सीखी हुई चीजें होंगे।