महज 2 लाख रुपए और एक लैपटॉप के साथ की थी शुरुआत, आज 3 सफल कंपनियां चला रही है ये महिला उद्यमी
चंडीगढ़ की रहने वाली 37 वर्षीय सुजाता अरोड़ा तीन कंपनियां चलाती हैं - हायर इंडियन्स, बॉलीवुडकार्ट और एक कोशीश फाउंडेशन।
2009 में स्थापित, हायर इंडियन्स दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों की कंपनियों को रिमोट डेवलपर्स, डिजाइनर्स, टेस्टर्स और प्रोजेक्ट मैनेजर्स प्रोवाइड कराने वाली टॉप भारतीय कंपनी है। कंपनी नोएडा में स्थित है। फैशन को लेकर अपने जुनून के चलते सुजाता ने बॉलीवुडकार्ट को 2017 में स्थापित किया था। बॉलीवुडकार्ट इंडिया की टॉप एथनिक वियर कंपनी में से एक है। इसके अलावा 2017 में लॉन्च 'एक कोशिश फाउंडेशन' एक गैर-लाभकारी संगठन है जो वंचित पृष्ठभूमि से बच्चों को भोजन और दवाइयां प्रदान करने की दिशा में काम करता है।
उद्यमशीलता का मार्ग
एक सॉफ्टवेयर डेवलपर कंपनी में सेल्स हेड के रूप में काम करते हुए, सुजाता को अक्सर कस्टमर से इंट्रैक्ट करने के लिए विदेश जाना पड़ता था। विभिन्न देशों में रहने के दौरान, उन्होंने पाया कि कर्मचारियों के बीच तकनीकी कौशल की भारी कमी थी, और सख्त सरकारी नियमों के कारण उन्हें सहज रूप से हायर करना और फायर करना मुश्किल था। इस मुद्दे को हल करने के लिए, सुजाता ने घर पर समाधान खोजने का फैसला किया। वह कहती हैं, "भारत में, हमारे पास पर्याप्त टेक्नीकल मैनपावर है, लेकिन हमारे पास अच्छे प्रोजेक्ट्स की कमी है। मैंने शुरुआत में इन कंपनियों को भारतीय मैनपावर सप्लाई करने के बारे में सोचा था, लेकिन बाद में वीजा और बार-बार ट्रैवल जैसी चुनौतियों का एहसास हुआ।"
समस्या से निपटने के अन्य तरीकों की खोज करने के बाद, उन्होंने दुनिया भर की कंपनियों को रिमोट डेवलपर्स प्रोवाइड करने का सोचा। सुजाता ने 2009 में हायर इंडियन्स, अपना पहला स्टार्टअप लॉन्च किया। उन्होंने अपने घर से ही एक लैपटॉप और केवल 2 लाख रुपए से अपने उद्यमिता करियर की शुरूआत की। आज, उन्होंने अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, स्विटजरलैंड और यूएई में सफलतापूर्वक पांच अंतर्राष्ट्रीय कार्यालय स्थापित किए हैं।
कंपनी में 100 से अधिक तकनीकी विशेषज्ञ हैं, और 200 से अधिक कर्मचारी हैं। वह कहती हैं कि 'हायर इंडियंस' ने जिन प्रमुख कंपनियों को अपनी सर्विस दी है, उनमें से एक यूएस-बेस्ड कंपनी, डरमप्रो’ (DermPro) है। इसने कंपनी के लिए हजारों ईकॉमर्स स्टोर डेवलप किए हैं। सुजाता के मार्गदर्शन में, हायर इंडियंस का टर्नओवर आठ से भी कम सालों में चार गुना बढ़ा है।
हर दिन एक चुनौती
सुजाता ने कहा कि आईटी इंडस्ट्री में 2009 में कंपनी शुरू करना उनके लिए विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि बुनियादी ढांचे और मैनपावर की कमी थी, और उनके पास एक मजबूत पोर्टफोलियो भी नहीं था। उस समय स्टार्टअप शुरू करने के लिए जो चुनौतियाँ थीं उनमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना बिजनेस आइडिया बेचना, एक समर्पित टीम का निर्माण, एक कार्यालय स्थापित करना, बुनियादी ढाँचे में निवेश करना और ग्राहकों का विश्वास हासिल करना प्रमुख थीं।
भले ही सुजाता को हायर इंडियंस शुरू किए 10 साल हो गए हों, लेकिन यह जर्नी अभी भी चुनौतियों से भरी है। वह कहती हैं, “हर दिन एक चुनौती है। यह आसान नहीं है। आपको यहां बने रहने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। हमने वेबसाइट डिजाइन और डेवलपमेंट के साथ शुरुआत की, फिर हमने मोबाइल ऐप डेवलप किया, और हाल ही में हम ब्लॉकचेन और एआई की खोज कर रहे हैं। प्रौद्योगिकी हर समय बदल रही है और हमें खुद को अपडेट रखना होगा।"
सुजाता की अब तक की सबसे बड़ी चुनौती, बहुत कम पैसे के साथ शुरूआत करना और फिर यह पता लगाना है कि उसका सही निवेश कैसे करें। यह उनके लिए काफी मुश्किल रहा है क्योंकि उनके पास कोई मार्गदर्शन नहीं था जिसके चलते उन्हें सही दिशा में धीमे और सतर्क कदम उठाने पड़े।
नये उपक्रम
जब सुजाता को यह विश्वास हो गया कि हायर इंडियन्स अच्छी तरह से काम कर रहा है, तब उन्होंने नए रास्ते तलाशने का फैसला किया। 2017 में, उन्होंने अपने पति के साथ बॉलीवुडकार्ट की शुरुआत की, क्योंकि वह फैशन के प्रति अपने जुनून को एक कदम और आगे ले जाना चाहती थीं, और ट्रेंडी एथनिक वियर को सस्ता बनाना चाहती थीं। उसी वर्ष, उन्होंने जरूरतमंद बच्चों को भोजन और दवाइयां प्रदान करके समाज को कुछ वापस देने के लिए 'एक कोशीश फाउंडेशन' भी शुरू किया।
बॉलीवुडकार्ट के माध्यम से, सुजाता 'मिस इंडिया प्राइड’ पेजेंट की मेजबानी कर रही है, और 2019 के अंत तक, ग्लैमर की दुनिया में मॉडल को और अधिक अवसर प्रदान करने के लिए ‘BKmodels Portal’ लॉन्च करेगी। सुजाता 'एक कोशिश फाउंडेशन' के माध्यम से साप्ताहिक अभियान चलाती हैं, वे पूरे नोएडा में बच्चों को जरूरी चीजें वितरित करती हैं। वह कहती हैं कि 'हायर इंडियंस' के उनके कर्मचारी फाउंडेशन की रीच बढ़ाने में मदद करते हैं और चीजें वितरित कराने में भी मदद करते हैं। वह कहती हैं, ''हम घर बनाना चाहते हैं और इन बच्चों को शिक्षा तक बेहतर पहुंच देना चाहते हैं।''
प्रेरित रहना
सुजाता एक ऐसे परिवार में पली-बढ़ीं, जहां लड़का और लड़की में कोई भेदभाव नहीं किया गया। जब उन्होंने शादी की और उद्यमी बनने के लिए अपनी अच्छी-खासी नौकरी छोड़ने का फैसला किया, तो उनके ससुराल वालों ने शुरू में उनकी इस च्वाइस पर सवाल उठाया था और यह नहीं समझा कि वह ऐसा कदम क्यों उठाएगी। लेकिन अब उन्हें अपने आसपास के सभी लोगों से समर्थन प्राप्त है। वह कहती हैं कि कुछ लोगों ने उन्हें हतोत्साहित जरूर किया, लेकिन वह अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए समर्पित है। वह कहती हैं, “मैं हमेशा खुद पर विश्वास करती हूं। यहां तक कि अगर कोई बहुत करीबी मेरे बारे में कुछ नकारात्मक कहता है, तो भी मैं प्रभावित नहीं होती। मेरा एक सपना है, और मेरे पास पहुंचने के लिए मेरे खुद के लक्ष्य हैं।”
सुजाता एक चुनौतीपूर्ण जीवन जीना पसंद करती हैं, और एक बेहतर इंसान बनना चाहती हैं, और अपने आसपास के जीवन को बदल रही हैं।
महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करना
सुजाता का उद्यमी जीवन पिछले 10 वर्षों में आसान नहीं रहा है। हालांकि वे उद्यमी बनने की इच्छुक महिलाओं के लिए सलाह देती हैं। वह कहती हैं, "बस अपने आप में विश्वास रखो। अपने सपनों को फॉलो करो और उन्हें पूरा करने से पहले हार न मानो। एक समय था जब मुझे महीनों तक काम करने के लिए प्रोजेक्ट्स नहीं मिल रहे थे, और इसने मुझे निराश किया, लेकिन मैं कायम रही। मुझे पता था कि मुझे चलते रहना होगा, क्योंकि एक दिन यह काम आएगा। अपने सपनों को जाने मत दो!"
कैसा है भविष्य
सुजाता का उद्देश्य किसी दिन आईटी, फैशन और सोशल वर्क स्पेस में दिग्गज प्लेयर्स में से एक बनना है। उनका एक लक्ष्य संयुक्त अरब अमीरात के मार्केट बाजार और फिनलैंड के मार्केट में विस्तार करना है, हालांकि वह अब तक यूरोप के अधिकांश स्थानों को टारगेट नहीं कर रही हैं। वह 'एक कोशीश फाउंडेशन' के साथ सामाजिक कार्यों को जारी रखने और हजारों बच्चों पर एक बड़ा प्रभाव बनाने के लिए भी प्रेरित हैं। वह यह भी कहती हैं कि वह एम्पलाई वेरिफिकेशन के क्षेत्र में भी एक नए प्रोजेक्ट पर काम कर रही है।