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जो कभी ढूंढ रही थीं असिस्टेंट डायरेक्टर की जॉब, आज अपना प्रोडक्शन हाउस खोल पा चुकी हैं 7 अरब की फंडिंग

जो कभी ढूंढ रही थीं असिस्टेंट डायरेक्टर की जॉब, आज अपना प्रोडक्शन हाउस खोल पा चुकी हैं 7 अरब की फंडिंग

Monday October 28, 2019 , 6 min Read

मुबीना रटौन्से की फिल्मों में दिलचस्पी तब जगी, जब वह बिजनेस में डिग्री के साथ ग्रेजुएशन पूरी कर चुकी थीं। हालांकि, मूल रूप से मुंबई की रहने वाली मुबीना ने फिल्म के क्षेत्र में कोई औपचारिक कोर्स नहीं किया था, लेकिन बड़े पर्दे के जरिए लोगों को कहानियां सुनाना उनका सपना था। आखिरकार, उन्हें प्रोडक्शन का मौका मिला और वह फिल्म इंडस्ट्री में आ गईं। मुबीना अब तक कई अवॉर्ड विनिंग फिल्में बना चुकी हैं। इनमें पीरियड-ड्रामा 'बिफोर द रेन्स', शाहिद कपूर और प्रियंका चोपड़ा की 'कमीने' जैसी फिल्मों के नाम शामिल हैं। उन्होंने बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के लिए एक शॉर्ट फिल्म 'प्रारंभ' भी बनाई है।


मुबीना ने 2016 में अपना प्रोडक्शन हाउस 'जीरो ग्रेविटी' शुरू किया। इसके को-ऑनर्स में रोहिणी सिंह, मनमीत सिंह और अरमान जोरास का नाम भी शामिल है। यह प्रोडक्शन हाउस फिलहाल हॉरर यानी डरावनी थीम वाली 'रेथ', सुपरहीरो फिल्म 'गामा मैन' और वॉर (युद्ध) पर आधारित 'द आर्यन पेपर्स' जैसी फिल्में और टेलीविजन कंटेंट बना रहा है। जीरो ग्रेविटी को 2018 में न्यूयॉर्क के एक प्राइवेट फर्म से 10 करोड़ डॉलर यानी करीब 7 अरब 10 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली।


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शुरुआती दौर

मुबीना मुंबई में पली-बढ़ी हैं। उनके पास फिल्म मेकिंग में आने का कोई रास्ता नहीं था।


वह बताती हैं,

'मैंने बिजनेस में ग्रेजुएशन करने के बाद भारत में एक प्रतिष्ठित एडवर्टाइजिंग (विज्ञापन) एजेंसी के साथ काम करना शुरू कर दिया था। वहां काम करने के दौरान मेरे मन में फिल्म जगत में काम करने का ख्याल आता था। मेरी इच्छा थी कि मैं भी फिल्मों के जरिए बड़े पर्दे से लोगों को कहानी सुनाऊं। फिर मैं ऐसे कंटेंट पर काम करने मौका तलाशने लगी, जो दिल को छू जाए।' 


हालांकि, मुबीना के फिल्म बनाने के क्षेत्र में कोई औपचारिक डिग्री नहीं थी। उन्होंने पहले फिल्म में काम मांगा और सहायक निर्देशक बनने का विकल्प भी खुला रखा, ताकि किसी दिन खुद की फिल्म निर्देशन कर सकें। हालांकि, बहुत जल्द मुबीना को प्रोडक्शन के रूप में एक दूसरा रास्ता मिल गया, जो उनके लिए बिल्कुल पर्फेक्ट था। अमेरिका जाने से पहले मुबीना 'बिफोर द रेंस', 'तहान- ए ब्वॉय विद ए ग्रेनेड', 'कमीने', 'उरूमी', 'सिलोन' और 'प्रारंभ' जैसी फिल्मों पर काम कर चुकी थीं।

जीरो ग्रेविटी

जीरो ग्रेविटी स्टार्टअप 2016 में लॉन्च किया गया था। यह दुनियाभर के नामी स्टूडियोज और बड़े डिस्ट्रीब्यूटर्स के लिए महंगे और दमदार कंटेंट वाले कमर्शियल प्रोजेक्ट के साथ-साथ फीचर फिल्में बनाता है। इसकी हाल ही में शुरू पैरेंट कंपनी में फिल्म डेवलपमेंट, प्रोडक्शन और पोस्ट-प्रोडक्शन का कामकाज देखने वाली कंपनियां शामिल हैं।


अपना प्रोडक्शन हाउस शुरू करने के आइडिया के बारे में बात करते हुए मुबीना बताती हैं,

'हम भारत और पूरी दूनिया के मजबूत और प्रभावशाली फिल्मनिर्माताओं के साथ भागीदारी करना चाहते हैं। हम दबे-कुचलों की आवाज को उठाने के लिए उन कहानियों को आगे बढ़ाएंगे और हॉलिवुड में भी उनको प्रमुखता देंगे जो मुख्यधारा से संबंधित हैं।'


जीरो ग्रेविटी की प्राथमिकता सूची में फिलहाल 'रेथ (Wraith)' पहले नंबर है। यह एक डरावनी फिल्म है। यह एक कपल की कहानी है, जो एक ऐसे शहर में जाते हैं जहां उन्हें बुरी आत्माएं घेर लेती हैं। जिंदा रहने के लिए यह कपल किस तरह बुरी आत्माओं से लड़ता है। इसी को लेकर फिल्म की कहानी बुनी गई है। मुबीना का प्रोडक्शन 'गामा मैन' नाम की सुपरहीरो फिल्म पर भी काम कर रहा है। यह एक नौजवान की कहानी है, जिसे उल्कापात के संपर्क में आने के बाद सुपरनेचुरल यानी आलौलिक शक्तियां मिल जाती हैं। वहीं, 'द आर्यन पेपर्स' एक एपिक वॉर-ड्रामा है। यह दूसरे विश्व युद्ध के दौरान पोलैंड के एक म्यूजिशियन (संगीतकार) की अपने मंगेतर को तलाशने की कहानी है।

मोटिवेट रहती हैं मुबीना

मुबीना बताती हैं कि वह अपने सहयोगी, लेखक और निर्माता अरमान से काफी प्रभावित हैं। उनका कहना है, 'अरमान पिछले कुछ सालों से मेरे मेंटर (मार्गदर्शक) और प्रेरणास्रोत रहे हैं। उनकी अपनी तकनीक पर जबरदस्त पकड़ है। वह इनोवेशन (नवाचार) पर काफी ज्यादा ध्यान देते हैं। उनकी आनोखी काबिलियत उन्हें दुनिया के दूसरे फिल्म निर्माताओं से अलग बनाती है। उन्हें देखना काफी प्रेरणादायक लगता है। वह सभी मुश्किलों से पार पाते हुए टीम को प्रेरित करते हैं कि फिल्में कैसे बनाई जानी चाहिए। उनका 'कभी हार न मानो' वाला जज्बे, कॉन्फिडेंस और सहयोग ने मुझे वह सब करने की ताकत दी, जिनके बारे में मैंने कल्पना भी नहीं की थी कि ये चीजें कभी हकीकत में बदल सकती हैं।'


मुबीना अपने क्षेत्र में सबसे आगे रहने के लिए रिसर्च, पढ़ने और चिंतन करने में भी अच्छा खासा समय खर्च करती हैं। वह इतिहास और जुर्म वाले उपन्यास पढ़ने के साथ थ्रिलर और साइंस फिक्शन फिल्में देखने के लिए भी वक्त निकाल लेती हैं, जो उन्हें काफी पसंद हैं।




दूसरी महिलाओं को भी प्रेरित करने का लक्ष्य

जीरो ग्रेविटी के जरिए मुबीना का मकसद महिलाओं को सशक्त बनाना और उनकी आवाज को बड़ा मंच देना है।

वह कहती हैं,

'महिलाओं के ताकतवर पद संभालने को लेकर धारणा तो बदली है, लेकिन अभी यह काफी नहीं है। अगर मैं अपनी कंपनी की बात करूं तो हमारी टीम काफी संतुलित है। हमें इस बारे में जागरूकता फैलाने और फिल्म-निर्माण के विभिन्न स्तरों पर उनका सहयोग करने की जरूरत है। हम महिलाओं को लेकर नई धारणा बनाना चाहते हैं। हमारी पूरी कोशिश है कि लोग उन्हें लेकर नजरिया बदलें। हमारा जेंडर बैलेंस (महिला-पुरुष बराबर) के साथ साहसी फिल्म निर्माताओं को सशक्त बनाने पर जोर है।'

आगे की राह

मुबीना जीरो ग्रेविटी के तहत ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना चाहती हैं, जहां मजबूत सहयोग के साथ साहसी फिल्मकारों को बिना किसी झिझक के कहानी कहने का मौका मिले। हम यहां ऐसे प्रतिभावान लोगों की हौसलाअफजाई करेंगे, जो हमारी सोच से मिलने वाली कहानी पर काम करना चाहते हैं। उन्हें जीरो ग्रेविटी के साथ सुरक्षा, सहूलियत और अपनी कहानी कहने के लिए एक बड़ा मंच मिलेगा।' 


मुबीना कारोबारी सफर (खासकर फिल्म जगत में) शुरू करने वाली महिलाओं को कुछ सलाह भी देती हैं,

'आप कभी सुरक्षित रास्ते के चक्कर में न पड़ें। आपको अपनी कमजोरियों से पार पाना होगा। हम कई दफा गिरेंगे और नाकाम भी होंगे, लेकिन आखिर में हम वह करने में सफल रहेंगे, जो हम करना चाहते हैं। हमें कुछ नया बनाने और सशक्त होने की क्षमता अपने अंदर ही मिलेगी। सबसे महत्वपूर्ण है कि हम अपने सफर में ईमानदार रहें और फिल्म को कामयाबी की बुलंदियों तक पहुंचने की इजाजत दें।'