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इनकम टैक्स ऑफिसर ने छोटे-छोटे जंगलों को बिछाकर हरा-भरा किया लुधियाना

इनकम टैक्स ऑफिसर ने छोटे-छोटे जंगलों को बिछाकर हरा-भरा किया लुधियाना

Sunday October 27, 2019 , 4 min Read

लुधियाना, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के एडिश्नल ज्वाइंट कमिश्नर डॉ रोहित मेहरा 150 वर्टिकल गॉर्डन (ऊर्ध्वाधर उद्यान) के जाल बिछाकर लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं। प्लास्टिक की बोतलों में आज तक 4.46 लाख पौधे रोप चुके डॉ मेहरा दिसंबर, 2020 तक एक करोड़ पौधे लगाने के लक्ष्य में जुटे हुए हैं।

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हमारे देश की नदियों, झीलों, जलाशयों में मलबा उड़ेल कर, नव-निर्माण के नाम पर जंगलों को उजाड़कर कुछ लोग पर्यावरण तबाह कर रहे हैं तो दूसरी तरफ पीराराम बिश्नोई, चीनू क्वात्रा, अफरोज शाह, प्रदीप सांगवान, जन्नत, कल्पना रमेश और लुधियाना के इनकम टैक्स ऑफिसर (आईआरएस अधिकारी) डॉ रोहित मेहरा जैसे लोग भी हैं, जो जलवायु आपदा से जूझते हुए उजड़े दयारों को तरह-तरह से समृद्ध कर रहे हैं। रोहित मेहरा की हैरतअंगेज कोशिशों से लुधियाना के सार्वजनिक स्थलों पर ऊर्ध्वाधर उद्यानों की चेन सी बिछ गई है।


रोहित मेहरा को पहली बार इसकी प्रेरणा उन्हे अपनी सिंगापुर यात्रा से मिली। वहां ऊर्ध्वाधर उद्यानों से वे इतने अधिक प्रभावित हुए कि लुधियाना लौटकर उन्होंने उसी को अपने जीवन का अटूट संकल्प बना लिया। वह पौधों के लिए बर्तन के रूप में एकल-उपयोग वाली प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल करते हैं। उनके इनकम टैक्स कार्यालय में भी 18 हजार प्लास्टिक की बोतलों में पौधे लहलहा रहे हैं। ग्रीन प्लास्टिक पहल के तहत, उन्होंने इस साल जून में अकेले लुधियाना रेलवे स्टेशन पर ही 10 हजार से अधिक बोतल-पौधे लगा डाले। 


लुधियाना में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के एडिश्नल ज्वाइंट कमिश्नर आईआरएस डॉ रोहित मेहरा देश भर में अब तक 150 वर्टिकल गॉर्डन तैयार कर चुके हैं। इसके लिए उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज हो चुका है। उन्होंने लुधियाना के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की बिल्डिंग में 10,183 स्क्वॉयर फीट में वर्टिकल गार्डन तैयार किया, जो शहर का पहला सबसे बड़ा वर्टिकल गार्डन बन चुका है। इसके बाद उन्होंने दरबार साहिब में भी वर्टिकल गार्डन लगाया। वह बताते हैं- उन्होंने जब लुधियाना में इनकम टैक्स दफ्तर में वर्टिकल गार्डन बनाया, उस समय वहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स 274 था। पंजाब एग्रीकल्चर्ल यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट उनके दफ्तर आए और उन्होंने सवा घंटे की मेहनत के बाद 5 सैंपल लिए, जिसमें पता चला कि उनके दफ्तर के आस-पास का एक्यूआई 78 था।


डॉ मेहरा कहते हैं कि जितनी तादाद में इस समय हरे पेड़ काटे जा रहे हैं, उससे एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) काफी बढ़ता जा रहा है, जो ठीक नहीं है। इसे कंट्रोल करने के लिए वर्टिकल गार्डन सबसे सफल विकल्फ है। इसे बड़ी ही आसानी से लगाया जा सकता है। 





41 वर्षीय डॉ मेहरा ने जो देशभर में कुल डेढ़ सौ वर्टिकल गार्डन लगाए हैं, उनमें उन्होंने 4 लाख 46 हजार बोतलों का इस्तेमाल किया है यानी वह आजतक 4.46 लाख पौधे रोप चुके हैं। 31 दिसंबर 2020 तक उनका लक्ष्य एक करोड़ पौधे लगाने का है। वह लुधियाना में 70, अमृतसर में 22, नई दिल्ली में आठ, जालंधर-बठिंडा में तीन-तीन, तख्त श्रीदमदमा साहिब, रुड़की और फिरोजपुर में दो-दो तथा मुंबई और सूरत में एक-एक वर्टिकल गार्डन स्थापित करने के अलावा स्कूल-कॉलेजों में भी अपनी एकला जैसी मुहिमा चला रहे हैं। उनकी कोशिशों से सरकारी दफ्तर, सैशन कोर्ट, ज्यूडिशियल कोर्ट लुधियाना, मिल्ट्री कैंप, होटल, पट्टी सब जेल, लुधियाना सब जेल आदि की सरकारी ईमारतें भी वर्टिकल गार्डन से हरी-भरी हो चुकी हैं। 


अब तो लोग डॉ मेहरा को 'लुधियाना का ग्रीन मैन' पुकारने लगे हैं। वह अक्सर हरियाली का जाल बिछाने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों का समय समय पर दौरे भी करते रहते हैं। उनके गार्डन में ज़्यादातर देसी बरगद, कनेर, नीम, आमला, हरड़, मोरिंगा, गुलमोहर, बेल, अर्जुन, आदि के पौधे रोपे जाते हैं।


उनके प्रयासों से विगत दो वर्षों में लुधियाना शहर में 500 स्क्वायर फीट से लेकर 4 एकड़ तक के अलग-अलग भूखंडों पर दो दर्जन से अधिक छोटे-छोटे जंगलों का जाल सा बिछ चुका है। अपने-अपने वर्टीकल गार्डन लगाने के लिए लोग अब उनसे सीधे संपर्क करने लगे हैं। जगराँव के एक उद्यमी अपने यहां छह हजार स्क्वायर फीट में उनसे वर्टीकल गॉर्डन लगवाने के लिए संपर्क साधा तो कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्रीज ने भी इसके लिए पहल की। एक व्यवसायी ने अपने फार्महाउस की डेढ़ एकड़ ज़मीन पर वर्टिकल गार्डन लगाना चाहा तो एक गुरुद्वारे को उन्होंने खुद जाकर नानक-वन में तब्दील कर दिया।