तमिलनाडु में महिलाएं मुफ़्त बस सेवा से बचे पैसे स्वास्थ्य, पढ़ाई पर करती हैं खर्च: स्टडी
स्टडी के अनुसार, सर्वे में शामिल 20% महिलाएं प्रति माह 600-800 रुपये बचाने में कामयाब रही हैं, और यह देखते हुए कि 90% महिलाएं प्रति माह 20,000 रुपये से कम कमाती हैं, बचत महत्वहीन नहीं है.
एक रिसर्च स्टडी के अनुसार, महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा मुहैया करने के लिए 2021 में तमिलनाडु में शुरू की गई जीरो-टिकट बस यात्रा योजना के माध्यम से लगभग दो-तिहाई महिलाओं ने प्रति माह 400 रुपये से अधिक की बचत की है.
Free Fares: Towards Gender Inclusive Transport टाइटल वाली स्टडी में बताया गया है कि सर्वे में शामिल 20% महिलाएं प्रति माह 600-800 रुपये बचाने में कामयाब रही हैं, और यह देखते हुए कि 90% महिलाएं प्रति माह 20,000 रुपये से कम कमाती हैं, बचत महत्वहीन नहीं है.
यह स्टडी सिटीजन कंज्यूमर एंड सिविक एक्शन ग्रुप (CAG) द्वारा की गई थी. CAG उपभोक्ता और पर्यावरण संबंधी मुद्दों में नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए काम करने वाली चेन्नई स्थित गैर-लाभकारी संस्था है. इस स्टडी में छह शहरों-चेन्नई, कोयम्बटूर, सेलम, तिरुवरूर, तिरुनेलवेली, और तिरुवन्नामलाई में 3,000 महिलाओं का सर्वे किया गया था.
सर्वे में यह भी बताया गया है कि महिलाएं ज्यादातर बचाए गए पैसे को गैर-विनाशकारी घरेलू आवश्यकताओं, परिवार के लिए भोजन और शिक्षा पर खर्च करती हैं. केवल 18 महिलाओं ने कहा कि उन्होंने अवकाश या व्यक्तिगत देखभाल जैसे गैर-पारिवारिक खर्चों पर खर्च किया है.
यह स्टडी रिपोर्ट मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (चेन्नई) के प्रबंध निदेशक एल्बी जॉन वर्गीस की उपस्थिति में जारी की गई थी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस योजना के बारे में सार्वजनिक कथा यह रही है कि महिलाओं को उन पुरुषों द्वारा सब्सिडी दी जाती है जो टिकट और यात्रा के लिए भुगतान करते हैं, और घर से बाहर काम करते हैं. यह तर्क महिलाओं द्वारा किए जाने वाले अवैतनिक काम (घरेलू काम) और इस तथ्य को ध्यान में नहीं रखता है कि योजना के कारण बचाया गया पैसा परिवार के भविष्य में निवेश किया जाता है.
उदाहरण के लिए, बेहतर पोषण में निवेश की गई बचत, सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं के परिवार के उपयोग को कम करने में योगदान देगी, जिसका मतलब है कि तमिलनाडु सरकार के सीमित संसाधनों को अन्यत्र पुनर्निर्देशित किया जा सकता है.
बताया जाता है कि तमिलनाडु में हर दिन करीब 55 लाख यात्री राज्य बस सेवाओं का उपयोग करते हैं. इनमें से 35 लाख यात्री अकेले चेन्नई से हैं.
CAG में सड़क सुरक्षा कार्य का नेतृत्व करने वाली सुमना नारायणन कहती हैं, "यह दिखाने के लिए कोई लिंग-पृथक डेटा नहीं है कि राज्य में कितनी महिलाएं बस परिवहन का उपयोग करती हैं."
उन्होंने कहा, “तमिलनाडु में, सार्वजनिक बसों की अलग-अलग सेवा श्रेणियां हैं- साधारण (व्हाइटबोर्ड), एक्सप्रेस, डीलक्स और ए/सी वोल्वो—और इनमें से प्रत्येक के लिए किराया अलग-अलग है. महिलाएं केवल साधारण बसों में ही मुफ्त यात्रा कर सकती हैं."
CAG की यह रिसर्च स्टडी तमिलनाडु के वित्त मंत्री थंगम थेनारासु द्वारा वित्त वर्ष 2024-25 के लिए राज्य के बजट के दौरान घोषणा के एक दिन बाद आई है. इस बजट घोषणा में कहा गया है कि मुफ्त बस यात्रा योजना को नीलगिरी, कोडाइकनाल और वालपराई के पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं के लिए 3,050 करोड़ रुपये की लागत पर बढ़ाया जाएगा.
(Translated by: रविकांत पारीक)