Year Ender 2022: रुपये के लिए बहुत बुरा रहा ये साल, आने वाले दिनों में कैसी रहेगी चाल?
रुपये के लिए साल 2022 बहुत ही बुरा साबित हुआ है. रुपया इस दौरान करीब 10 फीसदी तक टूट गया है. रुपया मौजूदा समय में डॉलर के मुकाबले 82 रुपये के लेवल को पार कर चुका है.
2022 जल्द ही समाप्त होने वाला है और फिर 2023 की शुरुआत हो जाएगी. ऐसे में अगले साल अगर रुपये (Rupee) को याद किया जाएगा तो इस साल उसकी हालत पर बात जरूर होगी. 2022 का साल रुपये के लिए बहुत ही खराब साल साबित हुआ है. इस दौरान रुपये ने बहुत बुरा वक्त झेला और टूटते-टूटते करीब 10 फीसदी तक गिर गया. रुपया मौजूदा समय में डॉलर के मुकाबले 82 रुपये के लेवल को पार कर चुका है. हालांकि, अगर देखा जाए तो पाउंड स्टर्लिंग, यूरो और जापानी येन समेत तमाम मुद्राओं की तुलना में रुपया अधिक स्तर है. अप्रैल 2022 से अक्टूबर 2022 के बीच रुपये में वास्तविक रूप से करीब 3.2 फीसदी की तेजी दिखी. वहीं दूसरी ओर कई अहम मुद्राओं की कीमतें गिरी हैं.
क्यों गिरा रुपया?
रुपये में गिरावट की कई वजहें रहीं. कोविड तो रुपये में गिरावट की वजह रहा ही, लेकिन इस साल ग्लोबल मंदी और रूस-यूक्रेन युद्ध ने भी रुपये को और नीचे धकेलने का काम किया है. महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है और नतीजा ये हो रहा है कि डॉलर के मुकाबले रुपया टूटता जा रहा है. महंगाई को काबू करने के लिए तमाम देश ब्याज दरों में इजाफा भी कर रहे हैं, लेकिन उससे भी रुपये का गिरना थम नहीं रहा. अमेरिका में फेड रिजर्व की तरफ से ब्याज दरें बढाई जाने की वजह से विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफपीआई) ने तेजी से भारत से पैसा निकाला. इसकी वजह से भी रुपये में गिरावट देखने को मिली.
रिकवर हो सकता है रुपया
उम्मीद की जा रही है कि 2023 में दूसरी छमाही में रुपया रिकवर कर सकता है, क्योंकि तब तक सभी देश ब्याज दरों को उच्चतम स्तर तक ले जा चुके होंगे. यह भी उम्मीद की जा रही है कि अगर अगले साल रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध विराम की खबर आती है तो भी रुपये में मजबूती का रुख देखा जा सकता है. दुनिया भर में महंगाई का असर भारत के काफी अधिक है. ऐसे में मुमकिन है कि विदेशी निवेशक भारत में पैसे लगाएं, जिससे भी रुपया मजबूत होगा. विशेषज्ञों का मानना है कि 2023 में रुपया 79-85 रुपये के बीच कारोबार करता दिख सकता है.
रुपया मजबूत हुआ तो विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ेगा
पिछले करीब 5 हफ्तों से रुपये की कीमतों में कोई बड़ा उतार-चढ़ाव नहीं दिख रहा है. इसकी वजह से भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 18 नवंबर से अब तक करीब 30 अरब डॉलर तक बढ़ गया है. उम्मीद की जा रही है कि अगर रुपये में मजबूती बनी रही या रिकवरी हुई तो इससे विदेशी भंडार में तेजी से इजाफा देखने को मिलेगा.