YearEnder 2022: इस साल खत्म हुआ एडटेक कंपनियों का जादू, 11000 से अधिक कर्मचारियों को निकाला
साल 2022 की शुरुआत से अब तक एडटेक कंपनियां 11 हजार कर्मचारियों को निकाल चुकी हैं. वहीं, प्राइवेट इंवेस्टमेंट ट्रैकर Tracxn के आंकड़ों के पता चलता है कि जनवरी से सितंबर के 9 महीने के दौरान फंडिंग 45 फीसदी तक घटकर 2.2 अरब डॉलर रह गई थी.
पिछले 10 सालों में ऑनलाइन लर्निंग एक गेम चेंजर बनकर उभरा था. उसके बाद हालिया तकनीकी डेवलपमेंट्स, फंडिंग और इनोवेशन ने इसे पारंपरिक टीचिंग प्रॉसेस के विकल्प के रूप में प्रभावी रूप से स्थापित किया है.
साल 2020 की शुरुआत में कोविड-19 महामारी का प्रकोप हुआ तो वैश्विक शटडाउन से स्टार्टअप की दुनिया बुरी तरह प्रभावित हुई। इस अभूतपूर्व संकट से बचने के लिए ज्यादातर कंपनियां खर्च में कटौती करने और भर्ती पर रोक लगाने के लिए दौड़ पड़ीं.
हालांकि, इस दौरान एडटेक कंपनियों का सुनहरा दौर शुरू हो गया. जैसे ही लॉकडाउन लगा और स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान और एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स बंद हो गए. तब स्टूडेंट्स ऑनलाइन लर्निंग की तरफ मुड़ने लगे. इस दौरान एडटेक कंपनियों की मांग में भारी उछाल आया.
हालांकि, कोविड-19 महामारी के उतार के साथ एडटेक कंपनियों के सामने चुनौती आनी शुरू हो गई क्योंकि ऑफलाइन स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक संस्थान और कोचिंग क्लासेज खुल गए. इसका असर यह हुआ कि ऑनलाइन लर्निंग की डिमांग कम होने लगी और इन कंपनियों का प्रॉफिट भी कम हो गया.
इसके कारण इंवेस्टर्स फंडिंग से हाथ खींचने लगे और फंडिंग संकट आने पर कंपनियों को न सिर्फ अपनी विस्तार योजनाओं को रोकना पड़ा बल्कि कॉस्ट कटिंग के लिए बड़े पैमाने पर छंटनी भी शुरू हो गई. इस दौरान कई कंपनियों को अपना कारोबार बंद भी करना पड़ गया.
साल 2022 की शुरुआत से अब तक एडटेक कंपनियां 11 हजार कर्मचारियों को निकाल चुकी हैं. वहीं, प्राइवेट इंवेस्टमेंट ट्रैकर Tracxn के आंकड़ों के पता चलता है कि जनवरी से सितंबर के 9 महीने के दौरान फंडिंग 45 फीसदी तक घटकर 2.2 अरब डॉलर रह गई थी.
1. बायजू (BYJU’s)
देश की दिग्गज एडटेक यूनिकॉर्न
इस साल अकेले 5000 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल चुकी है. इस साल जून में BYJU’s ने 2500 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था. यह छंटनी BYJU’s ने अपनी सहायक कंपनियों टॉपर और व्हाइटहैट जूनियर में की थी. इसके बाद BYJU'S ने 12 अक्टूबर को एक बार फिर से 2500 कर्मचारियों को निकालने की घोषणा की है.2. लीडो लर्निंग (Lido Learning)
K-12 पर आधारित एडटेक स्टार्टअप लीडो लर्निंग
ने आर्थिक संकट का हवाला देते हुए फरवरी में 1200 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था. इसके बाद पिछले महीने, रॉनी स्क्रूवाला समर्थित एडटेक स्टार्टअप ने नकदी की कमी के कारण नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की मुंबई बेंच में दिवाला और दिवालियापन के लिए अपील दायर की थी.3. अनअकेडमी (Unacademy)
SoftBank समर्थित
ने सेल्स और मार्केटिंग और कुछ कॉन्ट्रैक्चुअल कर्मचारियों को मिलाकर 1350 लोगों को निकाला है. बता दें कि, साल 2015 में गौरव मुंजाल, रोमन सैनी और हेमेश सिंह द्वारा शुरू की गई अनअकेडमी सितंबर, 2020 में ही यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हो गई थी.4. वेदांतु (Vedantu)
ने भी तीन चरणों में 1109 से अधिक कर्मचारियों को निकाल दिया. इसी दिसंबर में कंपनी ने 385 लोगों को निकाल दिया. मई में वेदांतु ने दो चरणों में 624 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था. कंपनी ने कथित तौर पर अगस्त में अन्य 100 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया.
5. फ्रंटरो (FrontRow)
एजुकेशन-टेक्नोलॉजी (एडटेक) प्लेटफॉर्म
ने इस साल 275 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया. अक्टूबर में अपने कुल कर्मचारियों में से 75 फीसदी यानी 130 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया था. इससे पहले इस साल मई में इस हॉबी लर्निंग स्टार्टअप ने कठिन मार्केट कंडीशन का हवाला देते हुए अपने वर्कफोर्स के 30 फीसदी कर्मचारियों यानी 145 की छंटनी कर दी थी.Edited by Vishal Jaiswal