डायबिटीज को मैनेज करने के साथ ही अपने दिल को भी रखें सुरक्षित
अपने स्वास्थ्य पर नजर रखने के लिये डायबिटीज के मरीज यह 5 आसान उपाय कर सकते हैं:
क्या आप जानते हैं कि डायबिटीज और कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों के बीच गहरा सम्बंध है? स्वास्थ्य के क्षेत्र में हृदय और डायबिटीज के बीच का रिश्ता महत्वपूर्ण होता है. यह दोनों स्थितियाँ अपना प्रभाव डालती हैं और उन तरीकों में गहराई से जुड़ी हैं, जो लाखों लोगों को प्रभावित करते हैं.
डायबिटीज पर प्रभावी नियंत्रण के लिये, ग्लूकोज के स्तर की नियमित निगरानी महत्वपूर्ण है. इसके लिये कंटिन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटरिंग (CGM) उपकरणों का इस्तेमाल किया जा सकता है, जिनमें ग्लूकोज लेवल का पता लगाने के लिये उंगली पर प्रिक नहीं करना पड़ता है. ऐसे उपकरणों में उपयोगी मापक होते हैं, जैसे कि टाइम इन रेंज (TIR), जो दिन का वह समय बताता है, जब आपके ग्लूकोज लेवल्स एक तय सीमा में होते हैं. जब व्यक्ति का टाइम इन रेंज ज्यादा होता है, तब कार्डियोवैस्कुलर बीमारी होने का जोखिम कम हो जाता है. टीआईआर में 10% बढ़त आपकी कैरोटिड आर्टरीज के असामान्य रूप से मोटी होने का जोखिम 6.4% तक कम कर सकती है. इसलिए कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों से बचने के लिये ज्यादा TIR हासिल करना महत्वपूर्ण है.
गुप्ता अल्ट्रासाउंड एण्ड हार्ट केयर सेंटर, नई दिल्ली के सीनियर कंसल्टेन्ट एवं मेडिकल डायरेक्टर डॉ. विपुल गुप्ता के अनुसार, “भारत में डायबिटीज के साथ जी रहे लोगों में दिल की बीमारियों का पता चला है. यह भी बेहद चिंताजनक है कि कम उम्र के लोगों में भी इन बीमारियों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. डायबिटीज पर सही नियंत्रण न होने से कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों के जोखिम के कारक तेज हो सकते हैं, जैसे कि हाई ब्लड प्रेशर, खराब कोलेस्ट्रॉल और हाई ट्राइग्लिसराइड्स. इसलिए लोगों का अतिरिक्त सावधानी बरतना और रोकथाम के कदम उठाना काफी महत्वपूर्ण है, ताकि ग्लूकोज में उतार-चढ़ाव न हो. दिल के लिये अच्छा आहार लेना, नियमित व्यायाम करना और सीजीएम जैसे ग्लूकोज पर लगातार नजर रखने वाले उपकरणों का इस्तेमाल करना उन महत्वपूर्ण उपायों में शामिल हैं, जिन्हें अपनाया जा सकता है.”
अपने स्वास्थ्य पर नजर रखने के लिये डायबिटीज के मरीज यह 5 आसान उपाय कर सकते हैं:
1. ब्लड शुगर लेवल्स की नियमित निगरानी: वास्तविक समय में निगरानी, जैसे कि फ्रीस्टाइल लिब्रे जैसे सीजीएम टूल्स की सहायता से, ब्लड शुगर के उतार-चढ़ावों पर नजर रखने में आपकी मदद कर सकती है. दिन में कम से कम 17 घंटे के लिये ग्लूकोज की सही सीमा (70 – 180 mg/dl) के भीतर रहने की कोशिश करना महत्वपूर्ण है. ऐसा करने से आप डायबिटीज और दिल की बीमारी का जोखिम प्रभावी तरीके से काबू कर सकते हैं.
2. दिल के लिये सेहतमंद आहार लें: संतृप्त (सैचुरेटेड) और ट्रांस फैट्स से बचें, क्योंकि वे कोलेस्ट्रॉल लेवल्स को बढ़ा सकती हैं. उदाहरण के लिये, संतृप्त वसा आमतौर पर मक्खन, लाल मांस और पूर्ण-वसा वाले डेयरी उत्पादों में पाई जाती है, जबकि ट्रांस फैट्स तले हुए और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में इस्तेमाल होने वाले आंशिक रूप से हाइड्रोजीनेटेड तेलों में अक्सर पाई जाती है. अपने लिये आहार की स्वास्थ्यकर योजना तय करना आपकी सेहत को सुधारने में सहायक हो सकता है. इसके लिये आप आहार योजना में हल्के प्रोटीन, साबुत अनाज, रंगीन सब्जियाँ और सेहतमंद वसा, जैसे कि सूखे मेवे और बीज शामिल कर सकते हैं.
3. नियमित व्यायाम करें: दिल की बीमारी का जोखिम कम करने के लिये मोटापा, हाइपरटेंशन और हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल्स जैसे कारकों को व्यायाम के माध्यम से सुधारने की सलाह दी जाती है. नियमित शारीरिक गतिविधि डायबिटीज के बेहतर नियंत्रण में भी मदद करती है. स्वास्थ्यकर जीवनशैली के लिये बैठक का समय कम करने और हर हफ्ते मध्यम से लेकर तीव्र स्तर तक की शारीरिक गतिविधि कम से कम 150 मिनट करने की अनुशंसा की जाती है, जैसे कि तेज चलना या साइकल चलाना.
4. धूम्रपान और शराब छोड़ें: धूम्रपान से रक्त वाहिकाओं की परत को नुकसान हो सकता है और डायबिटीज के कारण होने वाला धमनियों का संकुचन और भी तेज हो जाता है. इससे दिल की बीमारी का जोखिम बढ़ जाता है. अगर आपको डायबिटीज है और आप धूम्रपान भी करते हैं, तो दिल की सेहत को जोखिम बढ़ेगा और इसलिये धूम्रपान छोड़ना महत्वपूर्ण है. आपको शराब का सेवन भी कम करना चाहिये, क्योंकि इससे डायबिटीज के लिये आप जो दवाएं लेते हैं, उनका असर कम हो सकता है और आपके ब्लड शुगर लेवल्स प्रभावित हो सकते हैं. ज्यादा शराब पीने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, हृदय की मांसपेशियाँ कमजोर हो सकती हैं और दिल की कुछ बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है. अपने डॉक्टर से परामर्श करके आप शराब की सीमा तय कर सकते हैं.
5. तनाव पर नियंत्रण: जब आप तनाव में होते हैं, तब आपका शरीर ब्लड शुगर लेवल्स को बढ़ाने वाले स्ट्रेस हॉर्मोन्स बनाता है, जिससे इंसुलिन रेसिस्टेन्स हो सकता है. बीतते वक्त के साथ, इससे आपका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और दिल की बीमारी होने की संभावना भी बढ़ जाती है. तनाव से राहत पाने के लिये मजेदार गतिविधियों में शामिल होने की कोशिश करें, जैसे कि संगीत सुनना, योग या डांस. इसके अलावा, अपने चहेते लोगों के साथ समय बिताना या किसी पेशेवर से अपने हाल-चाल पर चर्चा करना तनाव में राहत दे सकता है.
इन उपायों के अलावा, डायबिटीज के मरीजों को हाइपरग्लाइसेमिया या हाइपोग्लाइसेमिया की चिंताजनक स्थितियों को लेकर सतर्क रहना चाहिये और समस्या होने पर तुरंत ध्यान देना चाहिये. डायबिटीज पर अपने नियंत्रण को बेहतर बनाने और दिल की सेहत बनाये रखने के लिये आपको अपने डॉक्टर से दूसरे उपायों पर भी बात करनी चाहिये. जीवनशैली के लिये सेहतमंद चीजें चुनकर आप बेहतर स्वास्थ्य पा सकते हैं और एक अच्छी जिंदगी जी सकते हैं.