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आर्थिक मंदी के खतरे के बावजूद, भारत का जॉब मार्केट दे रहा शुभ संकेत

2022 की दूसरी छमाही में हायरिंग में कमी आने के बाद, 2023 में हायरिंग में सुधार के संकेत हैं, विशेष रूप से रिटेल, रियल एस्टेट, BFSI और ऑटोमोटिव सेक्टर्स में.

Ishan Patra

Sujata Sangwan

रविकांत पारीक

आर्थिक मंदी के खतरे के बावजूद, भारत का जॉब मार्केट दे रहा शुभ संकेत

Saturday December 31, 2022 , 7 min Read

2021 में शुरू हुई हायरिंग में तेजी 2022 की पहली छमाही तक जारी रही. इसके बाद, जॉब मार्केट में भारी गिरावट आई, कंपनियों ने न केवल हायरिंग पर ब्रेक लगाया बल्कि कर्मचारियों की छंटनी भी की. हालांकि, जैसे-जैसे नया साल करीब आ रहा है, निकट भविष्य में मार्केट में सुधार के संकेत मिल रहे हैं.

2023 में, रिटेल, BFSI (Banking, financial services and insurance) और ऑटोमोटिव सेक्टर्स में पिछले वर्ष की तुलना में हायरिंग में 20% की वृद्धि देखने की उम्मीद है. foundit (पहले Monster APAC & ME), जोकि एक टैलेंट मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म है, के अनुमान के मुताबिक, आईटी सेक्टर साल की पहली छमाही में सुस्त वृद्धि का अनुभव कर सकता है और दूसरी छमाही में इसमें तेजी आने की उम्मीद है.

दो तिमाहियों में गिरावट के बाद दिसंबर में हायरिंग एक्टिविटी की शुरुआत अच्छी रही. TeamLease की एक रिपोर्ट के अनुसार, कुल मिलाकर, रुझान हायरिंग के इरादे में वृद्धि का संकेत देते हैं, और अगली कुछ तिमाहियों में यह 70% का आंकड़ा पार कर सकता है.

सभी सेक्टर्स में हायरिंग/टैलेंट एक्वीजिशन में धीमा लेकिन स्थिर सुधार होगा. धीमी गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था और उच्च मुद्रास्फीति के बावजूद रियल एस्टेट, रिटेल, टेक और BFSI जैसे उद्योगों में हायरिंग पहले से ही ऊपर की ओर है. एजुकेशन और हेल्थ सर्विस में भी टैलेंट की मांग रहेगी.

foundit के सीईओ शेखर गरिसा कहते हैं, “पिछले कुछ महीनों से टेक टैलेंट के लिए हायरिंग में मंदी के बावजूद, एजुकेशन और हेल्थ सर्विस जैसे कई सेक्टर दक्षता बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी पर तेजी से भरोसा कर रहे हैं. और प्रोडक्टिविटी, स्किल्ड टैलेंट हमेशा मांग में रहेंगे."

IndianJobMarketHiringTrends2022

इन्फोग्राफिक क्रेडिट: निहार आप्टे

जॉब मार्केट में उतार-चढ़ाव

वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के कारण जुलाई से जॉब मार्केट में अनिश्चितता का दौर रहा है. foundit Insights Tracker के अनुसार, जहां साल की पहली छमाही में हायरिंग में 8% की वृद्धि हुई थी, वहीं साल के बाद के हिस्से में 3% की गिरावट आई थी.

BFSI इंडस्ट्री में 2022 में पेशेवरों की सबसे मजबूत मांग देखी गई, जो हायरिंग में 25% की वार्षिक वृद्धि को चिह्नित करती है.

BFSI इंडस्ट्री डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, नियो-बैंक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाउड, साइबर सिक्योरिटी और कॉग्निटिव कंप्यूटिंग पर केंद्रित है, जिसके परिणामस्वरूप नौकरी चाहने वालों के लिए कई मौके हैं.

BFSI के अलावा, टेलीकॉम/ISP, प्रोडक्शन और मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमोटिव/एन्सिलरी/टायर, और रिटेल हायरिंग एक्टिविटी के मामले में टॉप इंडस्ट्रीज थी. लेकिन मीडिया और एंटरटेनमेंट, इंजीनियरिंग, सीमेंट, कंस्ट्रक्शन, आयरन/स्टील, एजुकेशन, FMCG, फूड और पैकेज्ड फूड में हायरिंग घटी है.

स्पेशलिस्ट स्टाफिंग कंपनी Xpheno के को-फाउंडर कमल कारंत कहते हैं, "2022 की शुरुआत में, 2021 से बढ़ी हुई तनख्वाह और उम्मीदों के कारण, सभी सेक्टर्स की कंपनियों को टैलेंट की कमी और सैलरी की मार की चुनौतियों का सामना करना पड़ा. टैलेंट के लिए उत्सुक कंपनियों ने 2021 में सामान्य से अधिक सैलरी पैकेज के साथ बाजार को बाधित कर दिया था. इसका प्रभाव 2022 की शुरुआत में अच्छी तरह से जारी रहा."

अप्रैल 2022 से समीकरण बदल गए, जब बढ़ती मुद्रास्फीति और मंदी के खतरों ने कंपनियों को हायरिंग में कटौती करते देखा.

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इन्फोग्राफिक क्रेडिट: निहार आप्टे

कारण और प्रभाव

विशेषज्ञों का कहना है कि 2022 में उछाल की प्रत्याशा में हाइपर हायरिंग के साथ 2021 में अत्यधिक टैलेंट एक्वीजिशन फ़नल, छंटनी में वृद्धि का प्राथमिक कारण है.

मुद्रा स्फीति वाले बाजार में धन की तंग पहुंच ने सभी सेक्टर्स में टैलेंट एक्वीजिशन प्लान का नया स्वरूप देखा. इसने कंपनियों को उस अतिरिक्त वजन को कम करने के लिए प्रेरित किया जो उन्होंने तेजी के वक्त साल में इकट्ठा किया था.

कमल बताते हैं, "पुनर्समायोजित बाजार में, नई चुनौती सस्ती कीमत पर क्वालिटी टैलेंट तक पहुंच है."

TeamLease की एक रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य रूप से कुछ सेक्टर्स में वैश्विक विनिवेश में वृद्धि के कारण स्टार्टअप्स में 33% की वृद्धि हुई है. यूनिकॉर्न्स और सूनिकॉर्न्स भी 27% की पर्याप्त घर्षण दर का सामना करते हैं.

Amazon, Meta, Twitter और Microsoft जैसी बड़ी अमेरिकी टेक फर्मों से लेकर छोटे स्टार्टअप्स तक, कंपनियों को अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती करने के लिए मजबूर होना पड़ा है. 2021 के दौरान बहुत पैसा जुटाने वाले कई स्टार्टअप भी कर्मचारियों की छंटनी कर रहे हैं क्योंकि उनके कारोबार में अचानक बाधा आ गई है और उनके पास विकास के अगले चरण पर स्पष्टता नहीं है.

बाजार के अनुमानों के अनुसार, भारत में सार्वजनिक रूप से घोषित संख्या के आधार पर, 2022 में टेक इंडस्ट्री में 18,000 से 20,000 कर्मचारियों की छंटनी हुई थी. हालांकि, Xpheno का अनुमान है, टैलेंट की बातचीत और नौकरी चाहने वालों की गतिविधि के आधार पर, टेक सेक्टर में छंटनी 24,000 से 25,000 होगी.

Xpheno के आंकड़ों के अनुसार, इस साल जिन सेक्टर्स में सबसे अधिक छंटनी हुई, उनमें एडटेक (8,000), उपभोक्ता सेवा (5,000), ई-कॉमर्स (2,500), हेल्थटेक (1,000) और फिनटेक (1,000) शामिल हैं.

2022 में, कई कंपनियों ने कर्मचारियों की छंटनी करके अपने ब्रांड की छवि को जोखिम में डाला. अतीत की गलतियों से सीखते हुए कंपनियां आगे बढ़ने में सतर्क रहेंगी. वे अब वर्कफोर्स पूर्वानुमान में सटीकता की आवश्यकता को समझ गए हैं. आने वाले वर्ष और उसके बाद, अधिक से अधिक एम्पलॉयर अपने हायरिंग प्रोसेस में डेटा-संचालित निर्णय लेने की ओर मुड़ेंगे.

TeamLease HRtech के सीईओ सुमित सभरवाल कहते हैं, "हम सतत विकास के लिए आवश्यक कर्मचारियों की इष्टतम संख्या की गणना करने के लिए मशीन लर्निंग एचआर तकनीक को अपनाने में तेजी देखेंगे. यह एम्पलॉयर्स को ओवर या अंडर-हायरिंग से बचाएगा."

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इन्फोग्राफिक क्रेडिट: निहार आप्टे

2023 के पिटारे में क्या?

Xpheno के कमल सतर्क हैं जब वह कहते हैं कि 2023 "हायरिंग में सुधार" का साल होगा और हाल की छंटनी, टैलेंट और लागत का अनुकूलन करने के लिए, 2023 में लहर पैदा कर सकती है.

कंपनियां यह आकलन करने के लिए कर्मचारियों के कौशल, अनुभव और मुआवज़े को बारीकी से देखेंगे कि उनका मुआवज़ा उनसे मेल खाता है या नहीं. कंपनियां ज्यादा महंगे कर्मचारियों को कम खर्चीले टैलेंट से बदलने का विकल्प चुन सकती हैं.

जैसा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौटती है, मार्जिन के प्रति संवेदनशील उद्योग अपने हायरिंग प्लान को तंग और रूढ़िवादी रखना जारी रखेंगे. वहीं, रिटेल, BFSI और ऑटोमोटिव सेक्टर्स में हायरिंग में वृद्धि देखने की उम्मीद है.

अलग-अलग सेक्टर्स में आईटी भूमिकाओं की मांग होगी, लेकिन उभरती टेक्नोलॉजी में भूमिकाओं के लिए टैलेंट की कमी हो सकती है. नतीजतन, कंपनियों को अपनी मौजूदा वर्कफोर्स को प्रशिक्षित करने पर अधिक ध्यान देना होगा. यहां वह जगह है जहां टेक टैलेंट को हायर करने और उनके कौशल और ज्ञान को प्रमाणित करने में प्रमाणीकरण एक प्रमुख भूमिका निभाएगा.

foundit के अनुसार, महानगरों में मुंबई और टियर II शहरों में अहमदाबाद से भारत में ई-हायरिंग एक्टिविटी का नेतृत्व करने की उम्मीद है. BFSI, रिटेल, ऑटोमोटिव, रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन जैसे सेक्टर्स में विकास अनुमानों से इन शहरों में टैलेंट की मांग बढ़ेगी.

बंगलौर और दिल्ली-एनसीआर ऑटोमेशन मार्केट में हायरिंग का नेतृत्व करने का अनुमान है. अन्य टीयर II शहरों में, कोयंबटूर आईटी सेवाओं, बीपीओ और ऑटो कंपोनेंट्स के विकास चालक होने के साथ पैक का नेतृत्व करने की उम्मीद है.

हालांकि चल रहे वैश्विक उथल-पुथल, बड़े पैमाने पर छंटनी, हायरिंग फ्रीज़, और आसन्न मंदी के साथ, वैश्विक स्तर पर सर्विस सेक्टर, खास तौर पर आईटी इंडस्ट्री को काफी प्रभावित किया है, भारत में भावनाएँ थोड़ी सकारात्मक लगती हैं.

TeamLease Services के चीफ बिजनेस ऑफिसर मयूर ताडे कहते हैं, "भारत में धारणा ऊपर की ओर बनी हुई है, 77% एम्पलॉयर अधिक हायरिंग आउटलुक (एक सर्वे के आधार पर) का संकेत दे रहे हैं."

आने वाले वर्ष में डिजिटल मीडिया, ऑटोमेशन और एनालिटिक्स के बढ़ते उपयोग, टास्क फोर्स की रीस्किलिंग और अपस्किलिंग, और विविधता, इक्विटी और समावेश पर ध्यान केंद्रित करने जैसे रुझान देखने को मिलेंगे, जिससे टैलेंट की मांग और परिणामी हायरिंग होगी.