योगी ने राम मंदिर के लिए हर घर से मांगी ईंट, अमित शाह ने बताया, कब बनेगा मंदिर?
झारखंड में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से राम मंदिर निर्माण के लिए अनोखी मांग की है। सीएम योगी ने लोगों से मंदिर निर्माण के लिए ईंट की मांग की है, वहीं गृह मंत्री ने भी मंदिर निर्माण की समय सीमा को लेकर बड़ा बयान दिया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए सोमवार को झारखण्ड के हर घर से ईंट मांगी। आदित्यनाथ ने चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए पिछले 500 वर्षों में लाखों हिंदुओं ने अपना जीवन समर्पित किया है।
उन्होंने कहा,
‘‘राम मंदिर महज कोई मंदिर ही नहीं होगा, बल्कि यह एक राष्ट्रीय मंदिर होगा जो भगवान राम की जन्मस्थली पर बनाया जाएगा। यह भारत की आत्मा होगी। यह मंदिर दुनिया में देश के लोकतंत्र और न्यायपालिका की मजबूती को प्रदर्शित करेगा।’’
इसी के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ ने नगरीकता संसोधन कानून को लेकर लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील भी की है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोगों से कहा है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें।
सुप्रीम कोर्ट से आए राम मंदिर फैसले के साथ ही उत्तर प्रदेश समेत पूरे भारत में सुरक्षा व्यवस्था चुस्त कर दी गईं थी। हालांकि सरकारों की सतर्कता के चलते अयोध्या फैसले के बाद किसी भी अप्रिय घटना के घटने की ख़बर सामने नहीं आई है।
झारखंड में जारी चुनावी सरगर्मी के बीच सभी नेता जनसभाओं को संबोधित करने में लगे हुए हैं। इसके पहले भाजपा अध्यक्ष और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने झारखंड के पाकुड़ में जनसभा को संबोधित करते हुए राम मंदिर निर्माण को लेकर बड़ी टिप्पणी की थी।
अमित शाह ने इस दौरान कहा था कि
"सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब चार महीनों के भीतर एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा।"
देश की सर्वोच्च अदालत ने 9 नवंबर 2019 को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन पर राम मंदिर निर्माण को लेकर मुहर लगाई थी, साथ ही मुस्लिम पक्ष को मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन उपलब्ध कराये जाने का आदेश पारित किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर निर्माण का ख़ाका तैयार करने के लिए केंद्र सरकार को 3 महीने का समय दिया है। साथ ही सर्वोच्च अदालत ने मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन का भी आदेश जारी किया था।
गौरलतब है कि अयोध्या में इस विवादित भूमि पर हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही पक्षों के बीच कई सदियों से विवाद जारी था, जिस पर आखिरी मुहर देश की सर्वोच्च अदालत ने लगाई।