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[YS Exclusive] मिलें असीम घावरी से, अशनीर ग्रोवर के नए स्टार्टअप Third Unicorn के सीक्रेट को-फाउंडर

BharatPe से निकलने के बाद को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर ने Third Unicorn नाम से नया स्टार्टअप किया है. YourStory ने स्टार्टअप के सीक्रेट को-फाउंडर असीम घावरी से बात की. वे जून से, Third Unicorn के इन्कॉर्पोरेट होने के बाद से, ग्रोवर के साथ काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बड़ी घोषणाएं फरवरी में होगी.

Naina Sood

रविकांत पारीक

[YS Exclusive] मिलें असीम घावरी से, अशनीर ग्रोवर के नए स्टार्टअप Third Unicorn के सीक्रेट को-फाउंडर

Thursday January 12, 2023 , 5 min Read

अशनीर ग्रोवर (Ashneer Grover) तब तक BharatPeमें CEO और को-फाउंडर के रोल में अपनी सीट पर मजबूती से टिके हुए थे, जब तक असीम घावरी (Aseem Ghavri) ने उन्हें मेंटर बनने की उम्मीद में अपने डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन स्टार्टअप Code Brew Labs को पिच करने का फैसला किया.

अपनी पिच में, घावरी ने अपनी व्यक्तिगत यात्रा को भी शामिल किया- चंडीगढ़ के एक बूटस्ट्रैप्ड ऑन्त्रप्रेन्योर की जो शहर की सीमाओं से परे सपने देखने का साहस करता है.

घावरी ने YourStory के साथ बातचीत में, मीडिया के सामने पहली बार अश्नीर ग्रोवर के नए स्टार्टअप थर्ड यूनिकॉर्न प्राइवेट लिमिटेड (Third Unicorn Pvt. Ltd.) में को-फाउंडर के रूप में अपने स्टेट्स का खुलासा किया.

घावरी ने बताया, "मैंने उन्हें [अश्नीर को] Code Brew की सफलता और उन वर्षों में अपनी व्यक्तिगत यात्रा के बारे में सब कुछ बताया."

घावरी, जोकि अब 32 वर्ष के हैं, बाद में दिल्ली में सामाजिक समारोहों और अन्य अवसरों पर ग्रोवर से मिलते थे, उनकी बातचीत संभावित साझेदारी की ओर बढ़ रही थी.

दिलचस्प बात यह है कि Code Brew ने BharatPe के ऐप का पहला वर्जन डेवलप किया था.

“मैं उस दौरान व्यक्तिगत रूप से अशनीर से कभी नहीं मिला था. मैं सिर्फ टेक टीम के संपर्क में था,” घावरी ने कहा.

ग्रोवर को उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर द्वारा वित्तीय धोखाधड़ी के आरोपों सहित कई विवादों के बाद पिछले साल फरवरी में BharatPe से बाहर निकलने के लिए मजबूर होना पड़ा था.

उसके बाद, जून में अपने 40वें जन्मदिन पर, अश्नीर ग्रोवर ने घोषणा की कि वह अपने अगले वेंचर, थर्ड यूनिकॉर्न पर काम कर रहे हैं. (उन दो अरब डॉलर के स्टार्टअप का संदर्भ है जिन पर उन्होंने पहले काम किया था - BharatPe, अगस्त 2021 में फंडिंग राउंड के दौरान 2.85 बिलियन डॉलर की वैल्यू थी, और Grofers, अब Zomato के स्वामित्व वाली BlinkIt, जहां वह सीएफओ थे.)

घावरी का कहना है कि जून में थर्ड यूनिकॉर्न के शामिल होने के बाद से वह ग्रोवर के साथ काम कर रहे हैं.

हालांकि, अशनीर ग्रोवर ने YourStory के मैसेज का तुरंत जवाब नहीं दिया.

सोमवार को, अशनीर ग्रोवर ने लिंक्डइन पर अपने नए वेंचर के बारे में एक टीज़र पोस्ट किया, जिसमें आवेदकों को अधिकतम 50 कर्मचारियों की टीम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया और वेंचर कैपिटल इन्वेस्टर्स को दूर रहने के लिए कहा. हालांकि, उन्होंने कहा कि संभावित इन्वेस्टर्स Third Unicorn में कैप टेबल में शामिल होने के लिए सीधे "उनसे जुड़ सकते हैं".

टीज़र से कंपनी की सेक्टर के बारे में और कुछ नहीं पता चला.

अशनीर ग्रोवर ने लिखा, “आइए 2023 में कुछ काम करें! Third Unicorn में हम चुपचाप और शांतिपूर्वक बाजार में धूम मचा देने वाला बिजनेस खड़ा कर रहे हैं. यह बूटस्ट्रैप्ड है. बिना लाइमलाइट के. और हम चीजें अलग तरह से कर रहे हैं. बहुत अलग. तो अगर आप अगली TODU-FODU चीज़ का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो यहाँ हम बताने जा रहे हैं कि यह कैसे हो रहा है, इसकी एक झलक यहां है! हम जो बना कर रहे हैं वह अरबों डॉलर का सवाल बना हुआ है!"

जबकि घवरी ने वेंचर के बारे में कोई भी डिटेल का खुलासा करने से परहेज किया, उन्होंने कहा कि थर्ड यूनिकॉर्न फरवरी में कुछ बड़ी घोषणाएं करेगा.

ग्रोवर से जुड़े विवादों के बारे में पूछे जाने पर घावरी ने कहा, "वे मुझे बिल्कुल परेशान नहीं करते. मैं कुछ समय से अशनीर के साथ जुड़ा हुआ हूं और मुझे उन पर पूरा भरोसा है. वह अच्छे बिजनेसमैन हैं और उनका विवेक स्पष्ट है. यह सम्मान की बात है."

100 करोड़ रुपये की टेक फर्म का सफर

चंडीगढ़ में जन्मे और पले-बढ़े घावरी ने पंजाब यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की. कॉलेज से बाहर कदम रखते ही, पहली पीढ़ी के उद्यमी ने 2013 में अपने दोस्तों के साथ गेमिंग ऐप डेवलपमेंट स्टूडियो शुरू किया.

अपने कॉलेज के दिनों में, घावरी ने 8,000 रुपये के निजी निवेश के साथ, हंग्रीविल (Hungryville) नामक शहर भर में एक छोटा सा फूड ट्रक बिजनेस शुरू किया था. इस बिजनेस से हुई कमाई को Code Brew Labs लॉन्च करने में लगा दिया, जो बाद में एक एंटरप्राइज टेक सॉल्यूशन प्रोवाइडर के रूप में उभरकर सामने आया.

घावरी ने दो और कंपनियों - Retainlytics (डेटा एनालिटिक्स प्रोडक्ट) और Fush (सोशल मीडिया ऐप) की भी सह-स्थापना की. बाद में दोनों को बंद कर दिया गया.

आज, Code Brew यूआई/यूएक्स डिजाइन और एनालिटिक्स सहित एक फुल ऐप डेवलपमेंट इकोसिस्टम मुहैया करता है. कंपनी ने हाल ही में Venture Souls नामक एक मार्केटिंग और ग्रोथ कंसल्टिंग फर्म और एक ब्लॉकचेन-केंद्रित फर्म, Block Brew लॉन्च की है.

Code Brew के बारे में घावरी ने कहा, BharatPe, Vodafone, Nielson, RedVault और Prostop Canada सहित 10,000 से अधिक इसके ग्राहक हैं.

चंडीगढ़ मुख्यालय वाली कंपनी की दुबई, न्यूयॉर्क, लंदन और मैक्सिको में भी मौजूदगी है. घावरी के मुताबिक, लगभग 600 कर्मचारियों की टीम के साथ, कंपनी सालाना 100 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करती है.

"(Code Brew) अब ऑटोमेटेड मोड में है और टीम सही काम कर रही है. मैं अब नए वेंचर पर ध्यान केंद्रित करूंगा,” घावरी ने कहा.

अपने नए वेंचर के लिए लिंक्डइन टीज़र में, ग्रोवर ने कम से कम पांच वर्षों के लिए Third Unicorn के साथ रहने वाले कर्मचारियों को मर्सिडीज़ कार देने का वादा किया. (BharatPe ने 2021 में कंपनी में शामिल होने वाले इंजीनियरों को बीएमडब्ल्यू मोटरसाइकिल दी थी.)

तो को-फाउंडर को क्या मिलता है? खैर, असीम घावरी को अशनीर ग्रोवर के साथ एक राइड पर जाने का मौका मिलता है-चंडीगढ़ से बाहर और राष्ट्रीय राजधानी में.

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