साल भर में Zerodha का मुनाफा हुआ दोगुना, इन 5 वजहों से Nithin Kamath पर बरस रहे हैं पैसे
वित्त वर्ष 2022 में जीरोधा का मुनाफा करीब दोगुना हो गया है. दिलचस्प है कि कंपनी ने अभी तक एक भी राउंड की फंडिंग नहीं ली है. तमाम स्टार्टअप के लिए बूटस्ट्रैप्ड जीरोधा एक बेंचमार्क सेट कर रही है.
ऑनलाइन ब्रोकरेज कंपनी
देश के तमाम स्टार्टअप के लिए नए बेंचमार्क सेट कर रही है. तमाम स्टार्टअप्स को इस कंपनी और इसके फाउंडर नितिन कामत (Nithin Kamath) से सीखना चाहिए. वित्त वर्ष 2022 में कंपनी का मुनाफा बढ़कर करीब दोगुना हो गया है. 2022 में कंपनी को 2094 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है, जो वित्त वर्ष 2021 में करीब 1122 करोड़ रुपये था. यानी करीब 87 फीसदी की तेजी देखने को मिली है. दिलचस्प है कि जीरोधा अभी तक बूटस्ट्रैप्ड स्टार्टअप है और इसने किसी भी एक्सटर्नल इन्वेस्टर से एक भी राउंड की फंडिंग नहीं ली है.जीरोधा का मुनाफा बढ़ने की एक बड़ी वजह है उसके रेवेन्यू में आई तेजी. वित्त वर्ष 2022 में कंपनी का रेवेन्यू करीब 4963 करोड़ रुपये हो गया है. पिछले साल के मुकाबले करीब 82 फीसदी अधिक है. तब कंपनी का रेवेन्यू लगभग 2729 करोड़ रुपये था. ऐसा नहीं है कि सिर्फ मुनाफा और रेवेन्यू ही बढ़ा है. साल भर में कंपनी का खर्चा भी करीब दोगुना हो गया है. साल भर पहले कंपना का खर्चा 1260 करोड़ रुपये था, जो अब 2164 करोड़ रुपये हो गया है.
क्या है जीरोधा का बिजनेस मॉडल?
जीरोधा की कमाई का सबसे बड़ा हिस्सा ब्रोकरेज फीस और कमीशन के जरिए आता है. वित्त वर्ष 2022 में कंपनी को इसके जरिए करीब 4128 करोड़ रुपये की कमाई हुई है. पिछले साल यह आंकड़ा करीब 2252 करोड़ रुपये था. इसके अलावा कपंपनी इंट्रेस्ट इनकम के जरिए करीब 614 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है, जो पिछले साल की तुलना में करीब 50 फीसदी अधिक है.
जीरोधा से जुड़ी कुछ खास बातें
1- अक्सर स्टार्टअप के फाउंडर छोटे-छोटे बिजनेस के लिए भी फंडिंग लेने लगते हैं. वहीं जीरोधा एक बूटस्ट्रैप्ड कंपनी है, जिसने आज तक एक भी राउंड की फंडिंग नहीं ली है. यहां तक कि नितिन कामत तो ये भी कह चुके हैं कि वह कभी आईपीओ के जरिए पैसे नहीं जुटाएंगे, क्योंकि उनका पहले से ही 5 गुना तेजी से बढ़ रहा है.
2- जीरोधा नाम दो शब्दों से मिलकर बना है. जीरो और रोधा, जो एक संस्कृत शब्द है, जिसका मतलब है बाधा. यानी कंपनी के नाम का मतलब होता है बिना किसी बाधा वाला प्लेटफॉर्म.
3- जीरोधा ना तो ओवर-हायरिंग करती है ना ही जल्दी-जल्दी फायरिंग करती है. कंपनी के अधिकतर कर्मचारी कंपनी को छोड़ने को तैयार ही नहीं हैं. कुछ समय पहले ही जीरोधा का फाउंडर नितिन कामत ने कहा था कि कंपनी के 1100 में से करीब 90 फीसदी कर्मचारी हमेशा वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर बहुत सारी ऐसी कंपनियां हैं जो मानती हैं कि वर्क फ्रॉम होम से प्रोडक्टिविटी पर असर पड़ता है. जीरोधा उन कंपनियों की सोच बदलने वाला भी बेंचमार्क सेट कर रही है.
4- नितिन कामत जीरोधा की मार्केटिंग पर बहुत ही कम पैसे खर्च करते हैं. वहीं जीरोधा के प्रतिद्वंद्वी खूब पैसा मार्केटिंग पर खर्च करते हैं. जीरोधा अपनी शानदार सर्विस की वजह से लोगों के बीच में लोकप्रिय होती जा रही है. नितिन कामत पेड मार्केटिंग के बजाय तमाम मुद्दों पर राय देते रहते हैं, इंटरव्यू देते हैं, कई बार मार्केट ट्रेंड पर अपनी टिप्पणी देते हैं. इन सब वजहों से वह अक्सर ही मीडिया में छाए रहते हैं. यानी बिना कोई पैसा खर्च किए ही वह अपनी मार्केटिंग कर रहे हैं.
5- नितिन कामत समय-समय पर अपने फॉलोअर्स को अच्छे शेयर में निवेश करने की सलाह देते हैं. वह कहते हैं कि जल्द ही पैसे कमाने के चक्कर में बिल्कुल ना पड़ें. वह खुद भी इसी तरह निवेश करते हैं. जीरोधा का करीब 68 फीसदी फंड एलोकेशन एफडी, गोल्ड बॉन्ड और सिक्योरिटीज में है.