अपनी संपत्ति दान करने की प्रेरणा किससे मिली? Zerodha के निखिल कामथ ने बताया
यह पूछे जाने पर कि वह अपनी संपत्ति को भविष्य के लिए बचाने के बजाय उसका एक बड़ा हिस्सा क्यों दान करना चाहते हैं, जानिए अरबपति ने क्या कहा...
ऑनलाइन ब्रोकरेज फर्म
के को-फाउंडर निखिल कामथ (Nikhil Kamath) ने कहा कि वह बेंगलुरु के तीन उद्यमियों — नंदन नीलेकणि, किरण मजूमदार-शॉ और अजीम प्रेमजी — से प्रेरित होकर अपनी अधिकांश संपत्ति परोपकारी कार्यों के लिए दान कर दी.कामथ, जिनकी फोर्ब्स के अनुसार कुल संपत्ति 1 बिलियन (अरब) डॉलर है, जुलाई में 'द गिविंग प्लेज' में शामिल हुए थे. यह एक मंच जिसमें बिल गेट्स और वॉरेन बफेट समेत 240 बेहर अमीर शख्स शामिल हैं. अभियान के हस्ताक्षरकर्ताओं ने अपनी संपत्ति का अधिकांश हिस्सा परोपकारी गतिविधियों के लिए लगाने का संकल्प लिया है.
37 वर्षीय कामथ इस प्रतिज्ञा में शामिल होने वाले भारत के चौथे व्यक्ति बन गए. अन्य तीन वही व्यक्ति हैं जिन्होंने उन्हें इस उद्देश्य के लिए प्रेरित किया — नीलेकणि, मजूमदार और प्रेमजी.
“भारत में चार लोग हैं जिन्होंने गिविंग प्लेज पर हस्ताक्षर किए हैं - अन्य तीन वास्तव में मेरे अच्छे दोस्त हैं. और बेंगलुरुवासी इस बात से सहमत होंगे - वे सभी बेंगलुरु से हैं. हम सभी चार दोस्त हैं," बिजनेस टुडे ने बेंगलुरु में हाल ही में आयोजित एनएएस शिखर सम्मेलन में कामथ के हवाले से कहा.
बता कें कि नीलेकणि Infosys के को-फाउंडर हैं, मजूमदार-शॉ Biocon की हेड हैं और प्रेमजी Wipro के फाउंडर हैं.
"जब आप बड़े हो रहे हैं, आप अपने चारों ओर देख रहे हैं... अपने चारों ओर के सामाजिक ढांचे में, आप तीन या चार लोगों से मिलते हैं, कोई ऐसा व्यक्ति जो अधिक लोकप्रिय है, कोई ऐसा व्यक्ति जिसके पास अधिक पैसा है... और अवचेतन रूप से आप उस व्यक्ति की तरह बनना चाहते हैं," कामथ ने कथित तौर पर नीलेकणि, मजूमदार-शॉ और प्रेमजी का जिक्र करते हुए ये कहा.
यह पूछे जाने पर कि वह अपनी संपत्ति को भविष्य के लिए बचाने के बजाय उसका एक बड़ा हिस्सा क्यों दान करना चाहते हैं, अरबपति ने कहा कि वह चाहते हैं कि उनकी संपत्ति को कई वर्षों तक इकट्ठी करने के बजाय अपने जीवन काल के भीतर सबसे प्रभावी तरीके से उपयोग किया जाए. बैंकों या इसी तरह के संस्थानों में.
कामथ ने बताया कि भारत में एक व्यक्ति की औसत आयु 72 वर्ष है, इससे उनका अनुमानित जीवन 35 वर्ष शेष रह जाता है. उन्होंने कहा कि पिछले 20 वर्षों में उन्होंने जो कमाया है और अगले 20 वर्षों में वह जो कमाएंगे उसे बैंकों में छोड़ने के बजाय, सबसे अच्छा विकल्प "इसका अधिकतम लाभ उठाना" होगा.