फूड डिलीवरी मार्केट पर Zomato का कब्जा, भारी डिस्काउंट देने के बाद भी Swiggy पिछड़ी
इस साल जनवरी-जून की अवधि में Zomato ने फूड डिलीवरी सेगमेंट में 55 फीसदी की औसत बाजार हिस्सेदारी हासिल कर ली. यह Swiggy के 1 खरब रुपये की कुल कमाई (GMV) की तुलना में 1.3 खरब रुपया था.
देश के ऑनलाइन फूड डिलीवरी मार्केट में अपनी पकड़ बनाए रखने की लड़ाई में भारी डिस्काउंट देने के बाद भी स्विगी
पिछड़ती हुई नजर आ रही है. जेफरीज द्वारा गुरुवार को प्रकाशित एक शोध नोट के अनुसार, गुरुग्राम स्थित फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म ज़ोमैटो ने जनवरी-जून की अवधि में बेंगलुरु स्थित प्रतिद्वंद्वी स्विगी की तुलना में मार्केट शेयर को लेकर बढ़त हासिल कर ली है.इस साल जनवरी-जून की अवधि में Zomato ने फूड डिलीवरी सेगमेंट में 55 फीसदी की औसत बाजार हिस्सेदारी हासिल कर ली. यह Swiggy के 1 खरब रुपये की कुल कमाई (GMV) की तुलना में 1.3 खरब रुपया था.
दक्षिण अफ्रीकी टेक्नोलॉजी इंवेस्टर्स नैस्पर्स
की लिस्टेड डच ब्रांच प्रोसस ने एक दिन पहले ही अपने अर्ध-वार्षिक परिणामों में बताया कि स्विगी के माध्यम से भारत में उसके फूड डिलीवरी कारोबार ने मजबूत वृद्धि दर्ज की है. बता दें कि, स्विगी में प्रॉसस की 33 फीसदी हिस्सेदारी है.प्रॉसस ने कहा कि स्विगी के मेन फूड डिलीवरी कारोबार ने 2022 के पहले छह महीनों में ऑर्डर में 38 फीसदी और GMV में 40 फीसदी की वृद्धि दर्ज की.
जेफ़रीज़ ने कहा कि जनवरी-जून की अवधि के दौरान स्विगी का घाटा जोमैटो के 4 अरब रुपये और क्विक कॉमर्स डिलीवरी प्लेटफॉर्म ब्लिंकिट के 13 अरब रुपये से बहुत अधिक करीब 26 अरब रुपया था. उसने कहा कि बेशक, ज़ोमैटो ने तब से अपने प्रदर्शन में और सुधार किया है, हाल की तिमाही में कुल मिलाकर 2 अरब रुपये से भी कम का नुकसान हुआ है.
बता दें कि, पिछले महीने ही सैकड़ों ए-लिस्ट रेस्टोरेंट्स ने बीते दिनों खुद को स्विगी डाइनआउट (Swiggy Dineout) से बाहर कर लिया था. इनमें कैफ़े डेल्ही हाइट्स (Cafe Delhi Heights), स्मोक हाउस डेली (Smoke House Deli) और मामागोटो (Mamagoto) शामिल हैं. 13 शहरों में अलग-अलग स्केल पर काम कर रहे कम से कम 400 ब्रांड और 900 डाइनिंग आउटलेट ने स्विगी से खुद को डीलिस्ट करने का नोटिस भेज दिया है. उम्मीद है कि आने वाले हफ़्तों में इस लिस्ट में 2000 नाम और जुड़ने वाले हैं.
रेस्टोरेंट्स के संघ नेशनल रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (NRAI) ने अपने सदस्यों से अपील की है कि वे स्विगी डाइनआउट से खुद को लॉगआउट कर लें. जिसकी वजह ये बताई गई कि इस प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए कस्टमर्स को मिलने वाले डिस्काउंट रेस्टोरेंट बिजनेस को चोट पहुंचा रहे हैं.
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Edited by Vishal Jaiswal