बस 3 महीनों में ही 16 स्टार्टअप ने सबको नौकरी से निकाला, 3 कंपनियां भारत की, क्यों हो रहा ऐसा?
एक रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ 2023 में यानी महज 82 दिन में ही करीब 16 स्टार्टअप ने अपने 100 फीसदी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया. इनमें से 3 स्टार्टअप तो भारत के हैं, जिन्होंने बिजनेस बंद किया है.
हाइलाइट्स
2023 में यानी महज 82 दिन में ही करीब 16 स्टार्टअप ने अपने 100 फीसदी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया.
इनमें से 3 स्टार्टअप भारत के हैं. वहीं इनमें से 8 स्टार्टअप अमेरिका के हैं.
नौकरी से निकाले जाने की सबसे बड़ी वजह है लिक्विडिटी क्रंच यानी पैसों की कमी होना.
2023 में 515 कंपनियों ने कुल मिलाकर करीब 1.53 लाख लोगों को नौकरी से निकाला है.
पिछले कई महीनों से लगातार लोगों को नौकरी से निकाले जाने की खबरें आ रही हैं. बड़ी कंपनियों की तुलना में लोगों को निकाले जाने का अनुपात स्टार्टअप्स (Startup) में बहुत ज्यादा है. एक रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ 2023 में यानी महज 82 दिन में ही करीब 16 स्टार्टअप ने अपने 100 फीसदी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता (Layoff) दिखा दिया. यानी इन कंपनियों ने अपना पूरा बिजनेस ही बंद कर दिया. सवाल ये है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? इतने सारे लोग क्यों निकाले जा रहे हैं? आखिर स्टार्टअप के साथ क्या दिक्कत हो रही है?
इन 16 स्टार्टअप में 3 हैं भारत के
स्टार्टअप्स को ट्रैक करने वाले स्टार्टअप Layoffs.fyi की रिपोर्ट के अनुसार साल 2023 में कुल 16 ऐसे स्टार्टअप रहे, जिन्होंने 100 फीसदी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया. इनमें से 3 स्टार्टअप भारत के हैं. वहीं इनमें से 8 स्टार्टअप अमेरिका के हैं. वहीं 2 ऑस्ट्रेलिया के हैं.
कौन से हैं भारत के 3 स्टार्टअप?
अगर भारत के स्टार्टअप्स की बात करें तो पहला नाम है WeTrade, जो बेंगलुरू की एक क्रिप्टो कंपनी है. जनवरी में कंपनी ने अपना बिजनेस बंद कर दिया और सारे कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया.
इस लिस्ट में दूसरा भारतीय स्टार्टअप है Fipola, जो चेन्नई का एक डी2सी मीट ब्रांड है. फरवरी के महीने में इस कंपनी ने अपना बिजनेस बंद कर दिया है. कंपनी ने ऐसा इसलिए क्या क्योंकि तमाम कोशिशों के बावजूद वह फंड नहीं जुटा पाई. अलग-अलग शहरों में इस स्टार्टअप के करीब 65 स्टोर थे और इस साल यह कंपनी 250 शहरों तक अपना बिजनेस फैलाने का प्लान कर रही थी, लेकिन फंड नहीं मिला और सारे कर्मचारियों को निकालकर बिजनेस बंद करना पड़ा.
साल 2023 में सारे कर्मचारियों के निकालने वाला तीसरा भारतीय ब्रांड है DUX Education, जो बेंगलुरू का एडटेक स्टार्टअप था. इसने मार्च में ही अपने ऑपरेशंस को बंद करते हुए सभी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया और बिजनेस बंद कर दिया. कंपनी को फंडिंग ना मिल पाना ही इसके बंद होने की वजह है.
क्यों निकाले जा रहे हैं लोग?
रिपोर्ट के अनुसार कर्मचारियों को नौकरी से निकाले जाने की सबसे बड़ी वजह है लिक्विडिटी क्रंच यानी पैसों की कमी होना. दरअसल, ये स्टार्टअप लगातार कोशिश कर रहे थे कि उन्हें सर्वाइव करने और कॉम्पटीशन से लड़ने के लिए कुछ फंड मिल जाता, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया और उन्हें बिजनेस बंद करना पड़ा.
किन कैटेगरी में हालात हैं बेहत खराब?
जिन 16 स्टार्टअप ने 2023 में अपने सभी कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है, उनमें से 6 कंपनियां तो सिर्फ दो कैटेगरी की हैं. यह हैं ट्रांसपोर्टेशन और फाइनेंस. दोनों ही कैटेगरी के 3-3 स्टार्टअप हैं, जिन्हें अपने सारे कर्मचारियों को निकाल कर बिजनेस बंद करना पड़ा. वहीं क्रिप्टो, एजुकेशन और हेल्थकेयर कैटेगरी में भी खूब लोग निकाल जा रहे हैं.
515 कंपनियों ने की 1.53 लाख लोगों की छंटनी
अगर सिर्फ 2023 की बात करें तो अब तक करीब 515 कंपनियों ने इस साल सिर्फ 82 दिनों में अपने कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया है. अगर पूरे 2022 की बात करें तो उसमें 1052 कंपनियों से लोग निकाल गए थे.
हर रोज निकाले गए 1864 लोग
515 कंपनियों ने कुल मिलाकर करीब 1.53 लाख लोगों को नौकरी से निकाला है. यानी 2023 में हर रोज 1864 लोगों को नौकरी से निकाल गया. 2022 में हर रोज औसतन करीब 442 लोग नौकरी से निकाले गए थे. यानी इस साल चार गुना से भी अधिक तेजी से लोगों को नौकरी से निकाला ज रहा है. अगर प्रति कंपनी से निकाले जाने वालो लोगों की संख्या देखें तो यह 2022 में 153 थी. इस साल 2023 में यह आंकड़ा करीब दोगुना होकर 297 हो गया है.