खाना पकाने के शौकीन 16 वर्षीय किशोर ने स्कूली बच्चों के लिए पकाए लज़ीज़ व्यंजना, पहले भी मजदूरों के लिए पका चुके हैं खाना
खाना पकाने के शौकीन 16 साल के रोहन ने 300 स्कूली बच्चों के लिए लजीज व्यंजन बनाकर सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा है। इसके पहले रोहन सिंगापुर में भी मजदूरों के लिए खाना पका चुके हैं।
देश भर में कई बच्चे ऐसे हैं जो अपनी प्रतिभा के दम पर एक विशेष स्थान बना रहे हैं, वहीं कुछ बछे अपनी स्किल का उपयोग कर समाज में भी प्रभाव डाल रहे हैं।
सिंगापुर के सोलह वर्षीय रोहन सुरेश भी कुछ ऐसी ही प्रतिभा के धनी है, जो चेन्नई के सिरगु मॉन्टेसरी स्कूल में छात्रों के कल्याण के लिए अपने खाना पकाने के कौशल का उपयोग कर रहे है।
हाल ही में इस किशोर ने स्कूल के 300 से अधिक छात्रों के लिए खाना पकाया और यह रोजाना की तरह आम खाना नहीं था, बल्कि उन्होंने बच्चों की खुशी के लिए फ्राइड राइस, नूडल्स और गोभी मंचूरियन जैसे व्यंजन तैयार किए।
ये सब करने के लिए स्कूल पहुंचने के लिए सुबह 5:30 बजे अपने घर से निकल गए। रोहन हमेशा से ही वंचित लोगों के जीवन में बदलाव लाना चाहते थे।
इससे पहले पिछले साल नवंबर में रोहन ने सिंगापुर में अपने घर पर रहते हुए एक परियोजना पर काम कर रहे 40 प्रवासी श्रमिकों के लिए भी भोजन पकाया था।
द न्यू पेपर से बात करते हुए रोहन ने कहा,
"उन्हें भोजन का आनंद लेते देखना बहुत अच्छा अनुभव था। भोजन के बाद, उनमें से एक ने मुझे बताया कि एक केले के पत्ते पर खाना खाए काफी समय हो गया है। यह सुनकर भी मुझे अच्छा लगा।"
उनके माता-पिता सुरेश और शशि भी इस नेक काम का समर्थन करते हैं। शशि ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर बचाए गए पैसों को सुआ चैरिटेबल ट्रस्ट में दान कर दिया, इसी ट्रस्ट ने सेरगू मॉन्टेसरी स्कूल की स्थापना की है।
रोहन कहते हैं,
"मैं फंड जुटाने के लिए ‘गिव इंडिया’ नाम से एक कैम्पेन चला रहा हूँ, जहां लोग अच्छे कामों के लिए दान कर सकते हैं। सिरागु मुफ्त शिक्षा प्रदान करता है और बच्चों को गरीबी के चक्र से बाहर निकालने में मदद करता है।"
खाना पकाने को लेकर उत्साही इस 16 वर्षीय किशोर ने स्कूल में भोजन तैयार करने के लिए अनुभवी लोगों की एक टीम के साथ काम किया। कास्केड किचन के शेफ अरोकासामी ने खाना पकाने की प्रक्रिया की देखरेख की, जबकि दूसरों ने उन्हें तैयारी में मदद की।