स्टीफन हॉकिंग से ये 5 सबक सीख सकते हैं स्टार्टअप्स
यदि आप शुरू करने जा रहे हैं अपना कोई काम, तो इसे पढ़ना बिल्कुल न भूलें...
हॉकिंग के जीवन में ऐसी कहानी हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में असंख्य संभावनाएं दिखाती हैं। यहां तक कि स्टार्टअप के क्षेत्र में ये कुछ उभरती हुई कंपनियां भी मदद कर सकती हैं। यहां कुछ ऐसे तरीके दिए गए हैं जिनमें एक उद्यमी किसी ऐसे व्यक्ति से कुछ हद तक आकर्षित हो सकता है जो अपने आप में सब कुछ था।
14 मार्च 2018 को स्टीफन हॉकिंग ने दुनिया को अलविदा कह दिया। लेकिन अपने पीछे वह इतना कुछ छोड़कर गए हैं कि दुनिया उन्हें सदियों तक याद करेगी। उनके द्वारा बताए गए ब्रम्हांड के रहस्य आने वाले समय में भी काम आयेंगे...
पिछले हफ्ते दुनिया ने अपने बेहतरीन दिमागों में से एक महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग को हमेशा-हमेशा के लिए खो दिया। यह एक ऐसा व्यक्ति था जिसका नाम प्रतिभा का समानार्थी था, जिसने मानव जाति के लिए कुछ महानतम विश्वकाय रहस्यों को उजागर किया। उनका पूरा जीवन कई मोर्चों पर एक प्रेरक उदाहरण है। हॉकिंग की विरासत को केवल सैद्धांतिक भौतिकी और गणित के क्षेत्र में सीमित करने से इस महान व्यक्तित्व के साथ न्याय नहीं होगा।
हॉकिंग के जीवन में ऐसी कहानी हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में असंख्य संभावनाएं दिखाती हैं। यहां तक कि स्टार्टअप के क्षेत्र में ये कुछ उभरती हुई कंपनियां भी मदद कर सकती हैं। यहां कुछ ऐसे तरीके दिए गए हैं जिनमें एक उद्यमी किसी ऐसे व्यक्ति से कुछ हद तक आकर्षित हो सकता है जो अपने आप में सब कुछ था।
1- अपनी बाधाओं को जीतो
जब हॉकिंग महज 20 साल के रहे होंगे तब उन्हें मोटर न्यूरॉन नामक बीमारी का पता चला। तब उनके महज 2 साल जिंदा रहने की बात कही गई थी। हालांकि वे जिंदा तो रहे लेकिन उनके जीवन के मुख्य भाग में उनके शरीर के कई अगों ने काम करना छोड़ दिया। यहां तक कि उनकी आवाज भी चली गई थी। वे केवल मशीन के जरिए संवाद करने में सक्षम थे। लेकिन ये घटनाओं उनकी अदम्य आत्मा को नहीं रोक पाईं। हॉकिंग ने ये कभी नहीं स्वीकारा कि वे विकलांग हैं। अंत में उपलब्धियों की उनकी लंबी सूची ने साबित कर दिया कि उनके अदम्य होने के कारण क्या था।
हॉकिंग के केस में देखें तो कई बाधआएं आईं। अधिकांश बाधाओं ने धमकाया और डराया शायद कई बार नतीजे नहीं मिले। कई स्टार्टअप्स अक्सर महसूस करते हैं कि वे ब्लैक होल में प्रवेश करने वाले हैं। लेकिन यह अक्सर वो तरीका होता है जिससे मुख्य टीम डाइव मारती है वहीं दूसरी तरफ अपनी क्षमताओं में लगभग अंधा विश्वास रखने वाले संगठनों के बीच फर्क पड़ता है और वे क्षितिज पर फिर से देखे जाते हैं, और जो लोग खो गए हैं विस्मरण में रह जाते हैं। सीधा मतलब है कि रास्ते में आने वाली बाधाओं से पार पाकर ही आप दूसरे संगठनों में फर्क पैदा कर सकते हैं।
2- उत्पादकता बढ़ाने के लिए समय सीमा का उपयोग करें
जब डॉक्टरों ने शुरू में हॉकिंग को बताया कि उन्हें एएलएस (एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस) नामक बीमारी है। तब उन्हें ये भी कहा गया कि वे केवल दो साल तक ही जीवित रहेंगे। हालांकि उन्होंने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से इसे गलत साबित कर दिया था। लेकिन मौत हमेशा उनके सिर पर मंडराती रही। यही कारण रहा कि वे अपने कार्य को निपुण समर्पण, फोकस और गति के साथ करते थे। उन्होंने हमेशा महसूस किया कि उन्हें इस ग्रह पर सीमित समय का अधिक से अधिक उपयोग करना है। वह उन सभी मौलिक सवालों से जूझना चाहते थे, और कभी भी ऐसा नहीं करते थे कि समय व्यर्थ जाए। यह रवैया शायद कुछ हद तक बताता है कि वह इतना कुछ क्यों हासिल कर सके। समय सीमा अर्थात डेडलाइन की जब भी बात होती है तब लोगों के अंदर व्याकुलता उत्पन्न होती है। डेडलाइन मानवीय प्रयासों को, मुख्य रूप से कॉर्पोरेट सेटिंग्स में व्यवस्थित करता है। वे उद्देश्य और गतिशीलता की भावना के साथ गतिविधियों को प्रभावित करते हैं। डेडलाइन मिलने के बाद घड़ी की सुइयां भले ही आपके ब्लड प्रेशर को बढ़ाती हों लेकिन आपको ये सुनिश्चित कराती हैं कि आपका प्रोजेक्ट समय सीमा पर पूरा होना चाहिए।
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3. वैकल्पिक परिदृश्यों को तलाशें
स्टीफन हॉकिंग का पूरा जीवन ब्रह्मांड के रहस्यों को खोलने में बिता दिया। इनके जटिल रहस्यों में से एक ये भी था कि यहां और भी कई ब्रह्मांड मौजूद हैं। हॉकिंग ने मल्टीवर्स यानी बहुत सारे ब्राह्मांड की थ्यौरी दी। हॉकिंग के "मल्टीवर्स" सिद्धांत का अर्थ है कि एक ही सत्ता या लोग अपने जीवन पथ (दूसरी दुनिया पर) पर महत्वपूर्ण क्षणों पर अलग-अलग मोड़ ले सकते हैं। अगर यह सिद्धान्त धारण करता है, तो एक ऐसा ब्रह्मांड हो सकता है जहां ये महान वैज्ञानिक अभी भी बहुत करीब हो सकता है।
किसी भी स्टार्टअप की शुरुआत अनिश्चितता से भरा जुनून का पीछा करना होता है। वास्तव में ये एक वो भावना होती है जिस पर व्यक्ति नियंत्रण हासिल करना चाहता है। हालांकि इसे पूरी तरह समाप्त करना असंभव है, निश्चित रूप से इसे कम किया जा सकता है। हमारे दिमाग अद्भुत समय यात्रा करते हैं ये कल्पनाशील मशीन हैं। क्या पता कल को कंपटीशन हमें बाजार में हरा दे? हम घटते संसाधनों का कैसे सामना कर सकते हैं? नई सेवा के कारण हमारी बातचीत में बदलाव क्या होगा? इन पंक्तियों की खोज में शायद टीम को बेहतर भविष्य का सामना करने के लिए तैयार किया जा सकता है। और सफलता की संभावनाओं को काफी बढ़ाया जा सकता है।
4. व्यापक दुनिया को व्यस्त रखें
एक समय विज्ञान प्रयोगशालाओं तक सीमित था। लेकिन स्टीफन हॉकिंग, कार्ल सागन, रिचर्ड डॉकिन्स, नील डेग्रास टेयसन और अन्य लोगों के प्रयासों के कारण, अब यह दुनिया भर के कई कमरे में प्रवेश कर चुका है। नए-नए वैज्ञानिकों का मानना है कि आम जनता के साथ संचार करना भी एक जॉब का हिस्सा है। वास्तव में हॉकिंग इससे भी आगे गए। उन्होंने न केवल वयस्कों के लिए किताबें लिखीं बल्कि बच्चों के लिए भी। उनको द सिम्पसंस और द बिग बैंग थ्योरी जैसे लोकप्रिय शो में फीचर किया गया। मोंटी पायथन और पिंक फ्लॉइड के साथ गाना भी गाया, और यहां तक कि हॉलीवुड की फिल्म 'द थ्योरी ऑफ एवरीथिंग' भी उन पर आधारित थी। सितारों पर अध्ययन करने वाला ये वैज्ञानिक खुद लोगों की नजरों में सितारा बन गया।
यह "व्यक्तित्व की आयु" हो सकती है। यह एक तथ्य है कि मानव अस्तित्व के किसी भी क्षेत्र में दर्शकों को एक व्यक्तित्व की आवश्यकता होती है। यह ट्रेंड बन रहा है कि बिजनेस लीडर अधिक से अधिक पब्लिक अपीयरेंस दे रहे हैं। मीडिया के साथ साक्षात्कार के लिए उपलब्ध हो रहे हैं, और जनता के साथ सीधे बातचीत कर रहे हैं। संस्थापक और कोर टीम के सदस्य ब्रांड अवधारणा के अभिन्न अंग हैं। वर्जिन बिना रिचर्ड ब्रैनसन, एप्पल बिना स्टीव जॉब्स या इंफोसिस बिना नारायण मूर्ती या नंदन नीलेकणी के सोचें। आप पाएंगे कि ब्रांड की धारणा ही मिस हो रही है। दर्शकों को मानवीय संपर्क की आवश्यकता होती है। हालांकि पहले ऐसा कभी नहीं था लेकिन संभवतः प्रौद्योगिकी के प्रसार के समय ये ज्यादा है। एक स्टार्टअप के लिए एक चेहरा बाजार में उसकी शुरुआत कर सकता है
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5. अपनी हंसी को समय व स्थान दें
यदि हॉकिंग की बुद्धिमत्ता से भी अधिक शक्तिशाली कोई है, तो यह उनकी हास्य की उत्कृष्ट भावना थी। वह सबसे बुरे समय में भी एक हंसमुख स्वभाव के साथ रहते थे। यूट्यूब पर उनके भाषणों और साक्षात्कार को स्कैन सुनने से पता चलता है कि वे कितने हंसमुख थे। हॉकिंग का एक फेमस कोट है, "जीवन दुखद होगा, अगर यह फनी नहीं है"। स्टार्टअप्स की हाई प्रेशर वाली दुनिया हंसी के साथ काम कर सकती है। हंसी लोगों के बीच बाधाओं को घोल देती है। यह तनाव को दूर करती है। यह कर्मचारियों, ग्राहकों, और कंपनियों को और खुश बनाती है। यह बैलेंस शीट पर भी मुस्कान लाती है। और अगर आप को विश्वास नहीं करते हैं, तो ऑल टाइम महान वैज्ञानिकों में से एक हॉकिंग का उदाहरण ले लें।
अंत में इतना ही कहना चाहेंगे कि ये कुछ ऐसे तरीके हैं, जिनमें स्टीफन हॉकिंग के उदाहरण आधुनिक संगठनों को प्रेरित कर सकते हैं। निश्चित रूप बहुत से और अनन्त उदाहरण मौजूद हैं जो लोगों और संगठनों को प्रेरित कर सकते हैं।
(डिस्केलमर: इस आलेख में व्यक्त विचार और राय लेखक के हैं और ये जरूरी नहीं कि ये YourStory के विचारों को प्रतिबिंबित करें।)
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