'ईज ऑफ डूइंग' बिजनेस में 23 पायदान की ऊपर पहुंचा भारत
बिजनेस करना हुआ आसान
विश्व बैंक ने अपनी नवीनतम ‘डूइंग बिजनेस रिपोर्ट (डीबीआर, 2019)’ जारी की। भारत ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस यानी ‘कारोबार में सुगमता’ सूचकांक में 23 पायदानों की और ऊंची छलांग लगाई है।
सरकार द्वारा किये गये निरन्तर प्रयासों की बदौलत ‘कारोबार में सुगमता’ सूचकांक में भारत पिछले दो वर्षों में 53 पायदान और पिछले चार वर्षों में 65 पायदान ऊपर चढ़ गया है।
बीते दो तीन सालों से देश में बिजनेस, स्टार्टअप और मेक इन इंडिया जैसे अभियान चलाए जा रहे हैं ताकि देश में विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा मिल सके और रोजगार के अवसर पैदा हो सकें। इन अभियानों का असर अब दिखने लगा है। विश्व बैंक ने अपनी नवीनतम ‘डूइंग बिजनेस रिपोर्ट (डीबीआर, 2019)’ जारी की। भारत ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस यानी ‘कारोबार में सुगमता’ सूचकांक में 23 पायदानों की और ऊंची छलांग लगाई है। विश्व बैंक द्वारा आकलन किये गये 190 देशों वाली ‘डूइंग बिजनेस रिपोर्ट’ में भारत वर्ष 2017 के 100वें पायदान से और ऊपर चढ़कर अब 77वें पायदान पर पहुंच गया है।
23 पायदानों की ऊंची छलांग निश्चित तौर पर महत्वपूर्ण हैं क्योंकि पिछले वर्ष इस सूचकांक में भारत ने अपनी रैंकिंग में 30 पायदानों की जबर्दस्त छलांग लगाई थी जो भारत के आकार वाले किसी भी विशाल एवं विविधतापूर्ण देश के लिए एक दुर्लभ उपलब्धि है। सरकार द्वारा किये गये निरन्तर प्रयासों की बदौलत ‘कारोबार में सुगमता’ सूचकांक में भारत पिछले दो वर्षों में 53 पायदान और पिछले चार वर्षों में 65 पायदान ऊपर चढ़ गया है।
‘डूइंग बिजनेस आकलन’ से उन 10 पैमानों पर 190 देशों में व्यवसाय या बिजनेस संबंधी नियम-कायदों और उन पर अमल के वस्तुनिष्ठ लक्ष्यों के बारे में पता चलता है जो किसी भी व्यवसाय के समूचे कारोबारी चक्र पर असर डालते हैं। डीबीआर में देशों की रैंकिंग ‘डिस्टैंस टू फ्रंटियर (डीटीएफ)’ के आधार पर की जाती है जो एक विशिष्ट स्कोर है और जो किसी भी अर्थव्यवस्था में अपनाये जाने वाले कारोबारी तौर-तरीकों और वैश्विक सर्वोत्तम कारोबारी तौर-तरीकों में अंतर को दर्शाता है। भारत का डीटीएफ स्कोर पिछले वर्ष के 60.76 से बढ़कर इस वर्ष 67.23 हो गया है।
भारत 10 संकेतकों में से 6 संकेतकों से जुड़ी अपनी रैंकिंग को बेहतर करने में कामयाब रहा है और इसके साथ ही वह 10 संकेतकों में से 7 संकेतकों पर वैश्विक सर्वोत्तम कारोबारी तौर-तरीकों के और करीब पहुंच गया है। हालांकि, सबसे उल्लेखनीय सुधार ‘निर्माण परमिट’ और ‘सीमा पार व्यापार’ से जुड़े संकेतकों के मामले में देखा गया है। निर्माण परमिट की स्वीकृति देने के मामले में भारत की रैंकिंग वर्ष 2017 की 181वीं से बेहतर होकर वर्ष 2018 में 52वीं हो गई है जो एक ही वर्ष में 129 रैंकिंग के अभूतपूर्व सुधार को दर्शाता है।
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